नई दिल्ली : गुजरात उच्च न्यायालय (Gujarat High Court) के 2013 में 97वें संविधान संशोधन (97th constitutional amendment) के कुछ प्रावधानों को निष्प्रभावी करने के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) द्वारा मंगलवार को फैसला सुनाया जाना निर्धारित है.
गुजरात उच्च न्यायालय ने कहा था कि सहकारी समितियों के संबंध में संसद कानून नहीं बना सकती क्योंकि यह राज्य का विषय है. जस्टिस आर एफ नरीमन, जस्टिस के एम जोसफ और जस्टिट बी आर गवई की पीठ फैसला सुनाएगी, जिसने गत आठ जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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उच्च न्यायालय के पक्ष में और उसके खिलाफ अनेक हस्तक्षेप याचिकाएं भी दायर की गई थीं.
संसद ने दिसंबर 2011 में देश में सहकारी समितियों के प्रभावी प्रबंधन से संबंधित 97वां संविधान संशोधन पारित किया था. यह 15 फरवरी, 2012 से प्रभाव में आया था.