नई दिल्ली: महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुनवाई के दौरान राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिंह को पेशी से छूट दे दी. अब मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के वकील की दलील का विरोध करते हुए कहा कि ओवर साइट कमेटी पॉश एक्ट के तहत नहीं बनाई गई थी.
सिंह और कुश्ती संघ के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर पर आरोप तय करने को लेकर गुरुवार को एक बार फिर राउज कोर्ट में सुनवाई हुई. पिछली सुनवाई के दौरान बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने कहा था कि बिना यौन इरादे के पल्स रेट की जांच करना कोई अपराध नहीं है. ओवर साइट कमेटी की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस कमिश्नर को केंद्र सरकार ने भेजी थी. उसमें कॉस्मेटिक तरीके से शिकायत दर्ज कराई गई है. बृजभूषण ने पहलवनों को नोटिस जारी कर कभी भी ऑफिस में नहीं बुलाया.
कोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल पर जो आरोप लगे हैं, उनका कोई आधार नहीं है. अदालत ने आगे की बहस के लिए मामले की अगली तारीख 19 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया था. इसके अलावा कोर्ट में बृजभूषण के वकील ने दलील देते हुए कहा कि जो ओवरसाइट कमेटी का गठन हुई थी वो किसी शिकायत के आधार पर नहीं बनी थी.
गौरतलब है कि पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, और साक्षी मलिक सहित अन्य पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन हुआ. महिला पहलवानों की तरफ से वकील रेबिका जॉन ने कहा था कि, "एफआईआर और चार्जशीट पर संज्ञान लेने के फैसले को बृजभूषण की तरफ से अदालत में चुनौती नहीं दी गई है. साथ ही मामले में एक ही एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें सभी शिकायतकर्ता के बयानों को दर्ज किया गया है. सभी एफआईआर एक ही व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई है. सभी के आरोप एक जैसे हैं."
यह भी पढ़ें- स्वाति मालीवाल ने महिला पहलवानों के मामले पर कहा- बृजभूषण डॉक्टर है जो लड़कियों का हाथ पकड़ उनकी नब्ज़ देखता था
यह भी पढ़ें- Brij Bhushan case: नाबालिग महिला पहलवान के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में फैसला टला