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कोवैक्सीन स्वंयसेवक की मौत वैक्सीन के कारण नहीं हुई : भारत बायोटेक

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Published : Jan 9, 2021, 8:55 PM IST

Updated : Jan 9, 2021, 10:36 PM IST

भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसकी मौत का संभावित कारण कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल होना है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

भारत बायोटेक
भारत बायोटेक

भोपाल : मध्य प्रदेश के भोपाल में भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के नैदानिक परीक्षण में नामांकित एक स्वयंसेवक की कथित मौत के बाद कंपनी ने शनिवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मृत्यु टीके के कारण नहीं हुई थी. कंपनी ने कहा कि स्वयंसेवक की मौत संदिग्ध जहर लेने के कारण कार्डियो रेस्पीरेट्री फैलियर (cardio respiratory failure ) से हुई.

भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसकी मौत का संभावित कारण कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल होना है. इसके अलावा मौत की वजह जहर भी बताया जा रहा है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

कंपनी ने कहा, 'खुराक लेने के नौ दिन बाद स्वयंसेवक का निधन हुआ है और प्रारंभिक समीक्षा से पता चलता है कि उसकी मौत वैक्सीन के डोज से संबंधित नहीं है.'

कंपनी ने कहा कि हम पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि स्वयंसेवक ने टीका या प्लेसेबो (ऐसी चिकित्सा,जिसका कोई वैज्ञानिक आधार न हो) लिया है.

बता दें कि भोपाल के एक निजी अस्पताल में आयोजित कोवैक्सिन के नैदानिक परीक्षण में भाग लेने के 10 दिन बाद 21 दिसबंर को 42 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई.

कंपनी ने मृतक के परिवार के प्रति संवैदनाएं व्यक्त की हैं.

भारत बायोटेक के अनुसार, नामांकन के समय स्वयंसेवक ने तीसरे चरण के परीक्षण में एक भागीदार के रूप में स्वीकार किए जाने वाले सभी समावेश और निषेध मानदंडों को पूरा किया था और उसके सात दिनों में स्वस्थ होने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. उसकी रिपोर्ट में खुराक और कोई प्रतिकूल घटना नहीं देखी गई.

कंपनी का कहना है कि ऐसे कई कारक हैं, जो नैदानिक परीक्षण के दौरान एक प्रतिकूल घटना का कारण बन सकते हैं, जिसमें रोगी की अंतर्निहित बीमारी या पहले से मौजूद अन्य स्थिति शामिल हैं.

भारत बायोटेक ने कहा कि हम भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस की जांच में पूराी सहयोग कर रहे हैं.

पढ़ें -16 जनवरी से शुरू होगी कोरोना के टीकाकरण की प्रक्रिया

3 जनवरी को, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड -19 वैक्सीन कोविशिल्ड को मंजूरी दे दी थी, और देश में आपातकालीन उपयोग के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सिन को बैकअप को रूप में रखने का एलान किया था.

भोपाल : मध्य प्रदेश के भोपाल में भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के नैदानिक परीक्षण में नामांकित एक स्वयंसेवक की कथित मौत के बाद कंपनी ने शनिवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मृत्यु टीके के कारण नहीं हुई थी. कंपनी ने कहा कि स्वयंसेवक की मौत संदिग्ध जहर लेने के कारण कार्डियो रेस्पीरेट्री फैलियर (cardio respiratory failure ) से हुई.

भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उसकी मौत का संभावित कारण कार्डियो रेस्पिरेटरी फेल होना है. इसके अलावा मौत की वजह जहर भी बताया जा रहा है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

कंपनी ने कहा, 'खुराक लेने के नौ दिन बाद स्वयंसेवक का निधन हुआ है और प्रारंभिक समीक्षा से पता चलता है कि उसकी मौत वैक्सीन के डोज से संबंधित नहीं है.'

कंपनी ने कहा कि हम पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि स्वयंसेवक ने टीका या प्लेसेबो (ऐसी चिकित्सा,जिसका कोई वैज्ञानिक आधार न हो) लिया है.

बता दें कि भोपाल के एक निजी अस्पताल में आयोजित कोवैक्सिन के नैदानिक परीक्षण में भाग लेने के 10 दिन बाद 21 दिसबंर को 42 वर्षीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई.

कंपनी ने मृतक के परिवार के प्रति संवैदनाएं व्यक्त की हैं.

भारत बायोटेक के अनुसार, नामांकन के समय स्वयंसेवक ने तीसरे चरण के परीक्षण में एक भागीदार के रूप में स्वीकार किए जाने वाले सभी समावेश और निषेध मानदंडों को पूरा किया था और उसके सात दिनों में स्वस्थ होने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी. उसकी रिपोर्ट में खुराक और कोई प्रतिकूल घटना नहीं देखी गई.

कंपनी का कहना है कि ऐसे कई कारक हैं, जो नैदानिक परीक्षण के दौरान एक प्रतिकूल घटना का कारण बन सकते हैं, जिसमें रोगी की अंतर्निहित बीमारी या पहले से मौजूद अन्य स्थिति शामिल हैं.

भारत बायोटेक ने कहा कि हम भोपाल में मध्य प्रदेश पुलिस की जांच में पूराी सहयोग कर रहे हैं.

पढ़ें -16 जनवरी से शुरू होगी कोरोना के टीकाकरण की प्रक्रिया

3 जनवरी को, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड कोविड -19 वैक्सीन कोविशिल्ड को मंजूरी दे दी थी, और देश में आपातकालीन उपयोग के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सिन को बैकअप को रूप में रखने का एलान किया था.

Last Updated : Jan 9, 2021, 10:36 PM IST
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