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फटाफट लोन देने वालों से रहें बचके, मौत के कुएं में ढकेल रहे मोबाइल ऐप के जरिए लोन देने वाले!

अगर आप अर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं और पैसे की जरूरत है, तो किसी ऐप के जरिये रुपये उधार लेने से पहले ये खबर जरूर पढ़ लीजिए. रुपये चुकाने में थोड़ी भी देरी होने पर कर्ज देने वाली ऐप आपको जान-पहचान वालों में बेइज्जत करने लगती है और मजबूरन आप खतरनाक फैसले लेने को विवश हो सकते हैं. ऐसी ही घटना तमिलनाडु के एक व्यक्ति के साथ हुई है.

deadly instant loan apps
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Published : Dec 27, 2020, 4:06 PM IST

चेन्नई : कोरोना की वजह से मंदी के दौर में मध्यम वर्गीय परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. पैसे की जरूरत इस कदर है कि लोग कर्ज के जाल में फंस रहे हैं. नए जमाने की वित्तीय कंपनियां भी ऐप के जरिए लोगों को कर्ज दे रही हैं. ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत है. तमिलनाडु के चेंगलपट्टू में एक ऐप के जरिए कर्ज के जाल में फंसे युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी.

चेंगलपट्टू जिले के पलयनूर गांव में रहने वाला विवेक मामंदूर एक निजी दवा कंपनी के लिए काम करता था. कुछ दिनों पहले उसके पिता बीमार पड़ गए. उसे पैसों की जरूरत पड़ी. उसने ऐप के जरिए 4000 रुपये उधार लिए.

ऐप डाउनलोड करते समय विवेक के मोबाइल में सेव सभी नंबर का रिकॉर्ड कंपनी तक पहुंच गया. जब विवेक ने पैसे चुकाने में देरी की, तो कंपनी के ग्राहक सेवा के अधिकारियों ने उसे धमकी दी. यही नहीं उसके परिचय वालों को फोन कर विवेक के पैसे लेने की बात सार्वजनिक कर दी. खुद को अपमानित महसूस कर विवेक ने कुएं में कूदकर जान दे दी.

मृतक की मां नगाम्मल ने बताया कि विवेक ने अपने पिता के इलाज के लिए लोन लिया था. जब वह लोन नहीं चुका पाया तो, ऐप के अधिकारियों ने उसे धमकाना शुरू कर दिया. उन्होंने उसे प्रताड़ित किया और उसने मजबूर होकर जान दे दी.

उन्होंने कहा कि ऐप के बारे में उन्हें विवेक की मौत के बाद पता चला. नगाम्मल ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.

नए जमाने की वित्तीय कंपनियां ऐप के जरिए लोगों को कर्ज दे रही हैं. महज एक फोन कॉल पर ऐप डाउनलोड करवाकर लोन दिया जा रहा है, लेकिन इसके खतरे ज्यादा हैं. कंपनियां रिकवरी के लिए फोन करती हैं. माता-पिता से लेकर परिचय वालों को फोन कर बेइज्जत किया जाता है. कई मामले ऐसे भी सामने आए कि ई-प्लेटफॉर्म पर कुत्ते और सुअर की फोटो एडिट कर जारी कर दिए जाते हैं. मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता है.

मृतक की बहन ने कहा कि उसके भाई के बाद उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. पिता बीमार रहते हैं. पूरे परिवार को भाई से उम्मीद थी, लेकिन वह चला गया. किसी के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए, ऐसे ऐप को तत्काल बैन कर देना चाहिए.

विवेक के दोस्त थीरूमुरुगन ने आरोप लगाया कि Get Rupee App का कस्टमर केयर स्टाफ उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था. वह उसे गालियां दिया करते थे. उन्होंने उसके फोन में सेव नंबर ले लिए और उनको मैसेज किया करते थे कि विवेक फ्रॉड है.

इससे पहले भी लोग इस तरह के ऐप के झांसे में फस चुके हैं. उनमें से कई ने आत्महत्या भी कर ली थी. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे एप्स को डाउनलोड करते समय हमें ध्यान देना चाहिए. हो सके, तो ऐसे एप्स को डाउनलोड करने से बचें.

पढ़ें-एप के जरिए पैसे उधार ले रहे हैं तो हो जाएं सावधान, शर्मसार न होना पड़े

इस तरह के एप्स को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी चेतावनी दी है और 50 से ज्यादा एप्स पर प्रतिबंध भी लगाया है.

चेन्नई : कोरोना की वजह से मंदी के दौर में मध्यम वर्गीय परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. पैसे की जरूरत इस कदर है कि लोग कर्ज के जाल में फंस रहे हैं. नए जमाने की वित्तीय कंपनियां भी ऐप के जरिए लोगों को कर्ज दे रही हैं. ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत है. तमिलनाडु के चेंगलपट्टू में एक ऐप के जरिए कर्ज के जाल में फंसे युवक को अपनी जान गंवानी पड़ी.

चेंगलपट्टू जिले के पलयनूर गांव में रहने वाला विवेक मामंदूर एक निजी दवा कंपनी के लिए काम करता था. कुछ दिनों पहले उसके पिता बीमार पड़ गए. उसे पैसों की जरूरत पड़ी. उसने ऐप के जरिए 4000 रुपये उधार लिए.

ऐप डाउनलोड करते समय विवेक के मोबाइल में सेव सभी नंबर का रिकॉर्ड कंपनी तक पहुंच गया. जब विवेक ने पैसे चुकाने में देरी की, तो कंपनी के ग्राहक सेवा के अधिकारियों ने उसे धमकी दी. यही नहीं उसके परिचय वालों को फोन कर विवेक के पैसे लेने की बात सार्वजनिक कर दी. खुद को अपमानित महसूस कर विवेक ने कुएं में कूदकर जान दे दी.

मृतक की मां नगाम्मल ने बताया कि विवेक ने अपने पिता के इलाज के लिए लोन लिया था. जब वह लोन नहीं चुका पाया तो, ऐप के अधिकारियों ने उसे धमकाना शुरू कर दिया. उन्होंने उसे प्रताड़ित किया और उसने मजबूर होकर जान दे दी.

उन्होंने कहा कि ऐप के बारे में उन्हें विवेक की मौत के बाद पता चला. नगाम्मल ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.

नए जमाने की वित्तीय कंपनियां ऐप के जरिए लोगों को कर्ज दे रही हैं. महज एक फोन कॉल पर ऐप डाउनलोड करवाकर लोन दिया जा रहा है, लेकिन इसके खतरे ज्यादा हैं. कंपनियां रिकवरी के लिए फोन करती हैं. माता-पिता से लेकर परिचय वालों को फोन कर बेइज्जत किया जाता है. कई मामले ऐसे भी सामने आए कि ई-प्लेटफॉर्म पर कुत्ते और सुअर की फोटो एडिट कर जारी कर दिए जाते हैं. मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता है.

मृतक की बहन ने कहा कि उसके भाई के बाद उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. पिता बीमार रहते हैं. पूरे परिवार को भाई से उम्मीद थी, लेकिन वह चला गया. किसी के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए, ऐसे ऐप को तत्काल बैन कर देना चाहिए.

विवेक के दोस्त थीरूमुरुगन ने आरोप लगाया कि Get Rupee App का कस्टमर केयर स्टाफ उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था. वह उसे गालियां दिया करते थे. उन्होंने उसके फोन में सेव नंबर ले लिए और उनको मैसेज किया करते थे कि विवेक फ्रॉड है.

इससे पहले भी लोग इस तरह के ऐप के झांसे में फस चुके हैं. उनमें से कई ने आत्महत्या भी कर ली थी. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे एप्स को डाउनलोड करते समय हमें ध्यान देना चाहिए. हो सके, तो ऐसे एप्स को डाउनलोड करने से बचें.

पढ़ें-एप के जरिए पैसे उधार ले रहे हैं तो हो जाएं सावधान, शर्मसार न होना पड़े

इस तरह के एप्स को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी चेतावनी दी है और 50 से ज्यादा एप्स पर प्रतिबंध भी लगाया है.

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