ETV Bharat / bharat

DCW ने SC में कहा-पिता पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली को पुनर्वास, कानूनी मदद देंगे - Supreme Court

पिता पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला के पुनर्वास के साथ ही कानूनी मदद मुहैया कराई जा रही है. ये जानकारी दिल्ली महिला आयोग (Delhi Commission for Women) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को दी है.

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट
author img

By

Published : Sep 28, 2021, 3:54 PM IST

Updated : Sep 28, 2021, 4:37 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि पिता पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला के पुनर्वास की व्यवस्था करने के साथ ही उसे कानूनी सहायता सुनिश्चित की जा रही है.

19 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पिता ने उसका तब यौन उत्पीड़न किया था जब वह नाबालिग थी. आयोग ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि दिल्ली में दुष्कर्म और अनाचार पीड़ितों के पुनर्वास के लिए कोई विशेष नीति नहीं है, लेकिन डीसीडब्ल्यू अपनी तरफ से उन लोगों के पुनर्वास का काम करता है, जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है. शीर्ष अदालत महिला की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उसने मामला अंबाला से दिल्ली स्थानांतरित करने की अपील की है.

डीसीडब्ल्यू ने कहा कि ऐसे लोगों को पुनर्वास में वित्तीय सहायता, शिक्षा तक पहुंच, कौशल विकास और नौकरी के अवसरों को सुगम बनाया जाता है. न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से इस संबंध में आयोग के अधिकारियों से बातचीत करने को कहा है. डीसीडब्ल्यू ने अपने हलफनामे में कहा कि आयोग आवेदक (महिला) के लिए सर्वोत्तम संभव अवसर प्रदान करने और उसका समग्र पुनर्वास सुनिश्चित करने का इच्छुक है. मामले की सुनवाई बुधवार को होगी.

याचिकाकर्ता के वकील ने पीठ को बताया कि आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और वह महिला को धमकी भरे मैसेज और कॉल कर रहा है. पीठ ने कहा कि वे डीसीडब्ल्यू अधिकारियों के साथ बातचीत कर सकते हैं और इन सभी बातों का उल्लेख कर सकते हैं ताकि वे उचित कदम उठा सकें. शीर्ष अदालत ने कहा कि पहला मुद्दा महिला को तत्काल आराम और सुरक्षा प्रदान करना है और आयोग उसे मदद देने को तैयार है.

ये है पूरा मामला

महिला ने अपनी याचिका में कहा कि जब वह नाबालिग थी तब उसके पिता ने उसका यौन उत्पीड़न किया था. 2016 में उसकी मां का निधन हो जाने के कारण परिवार में उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. डीसीडब्ल्यू के हलफनामे में कहा गया है कि महिला ने 23 जुलाई को अपने पिता द्वारा कथित यौन उत्पीड़न की शिकायत के साथ संपर्क किया था.

पढ़ें- बेटियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में कलयुगी पिता गिरफ्तार

आयोग की ओर से बताया गया कि एक सहायता टीम ने महिला के साथ पुलिस स्टेशन का दौरा किया था और बाद में यहां एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी. अधिकार क्षेत्र के मुद्दे को देखते हुए इसे अंबाला स्थानांतरित कर दिया गया था. जीरो एफआईआर किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा सकती है और फिर इसे संबंधित पुलिस स्टेशन को भेज दिया जाता है जिसके अधिकार क्षेत्र में कथित अपराध किया गया है.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि पिता पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला के पुनर्वास की व्यवस्था करने के साथ ही उसे कानूनी सहायता सुनिश्चित की जा रही है.

19 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पिता ने उसका तब यौन उत्पीड़न किया था जब वह नाबालिग थी. आयोग ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि दिल्ली में दुष्कर्म और अनाचार पीड़ितों के पुनर्वास के लिए कोई विशेष नीति नहीं है, लेकिन डीसीडब्ल्यू अपनी तरफ से उन लोगों के पुनर्वास का काम करता है, जिन्हें इसकी सख्त जरूरत है. शीर्ष अदालत महिला की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें उसने मामला अंबाला से दिल्ली स्थानांतरित करने की अपील की है.

डीसीडब्ल्यू ने कहा कि ऐसे लोगों को पुनर्वास में वित्तीय सहायता, शिक्षा तक पहुंच, कौशल विकास और नौकरी के अवसरों को सुगम बनाया जाता है. न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से इस संबंध में आयोग के अधिकारियों से बातचीत करने को कहा है. डीसीडब्ल्यू ने अपने हलफनामे में कहा कि आयोग आवेदक (महिला) के लिए सर्वोत्तम संभव अवसर प्रदान करने और उसका समग्र पुनर्वास सुनिश्चित करने का इच्छुक है. मामले की सुनवाई बुधवार को होगी.

याचिकाकर्ता के वकील ने पीठ को बताया कि आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और वह महिला को धमकी भरे मैसेज और कॉल कर रहा है. पीठ ने कहा कि वे डीसीडब्ल्यू अधिकारियों के साथ बातचीत कर सकते हैं और इन सभी बातों का उल्लेख कर सकते हैं ताकि वे उचित कदम उठा सकें. शीर्ष अदालत ने कहा कि पहला मुद्दा महिला को तत्काल आराम और सुरक्षा प्रदान करना है और आयोग उसे मदद देने को तैयार है.

ये है पूरा मामला

महिला ने अपनी याचिका में कहा कि जब वह नाबालिग थी तब उसके पिता ने उसका यौन उत्पीड़न किया था. 2016 में उसकी मां का निधन हो जाने के कारण परिवार में उसकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. डीसीडब्ल्यू के हलफनामे में कहा गया है कि महिला ने 23 जुलाई को अपने पिता द्वारा कथित यौन उत्पीड़न की शिकायत के साथ संपर्क किया था.

पढ़ें- बेटियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में कलयुगी पिता गिरफ्तार

आयोग की ओर से बताया गया कि एक सहायता टीम ने महिला के साथ पुलिस स्टेशन का दौरा किया था और बाद में यहां एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी. अधिकार क्षेत्र के मुद्दे को देखते हुए इसे अंबाला स्थानांतरित कर दिया गया था. जीरो एफआईआर किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा सकती है और फिर इसे संबंधित पुलिस स्टेशन को भेज दिया जाता है जिसके अधिकार क्षेत्र में कथित अपराध किया गया है.

(पीटीआई)

Last Updated : Sep 28, 2021, 4:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.