नई दिल्ली: ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने आज ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए करीब 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. जानकारी के मुताबिक डीसीजीआई ने 20 राज्यों में 76 कंपनियों के यहां निरीक्षण किया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नकली दवा बनाने वाली कंपनियों पर सरकार की कार्रवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश में 70, उत्तराखंड में 45 और मध्य प्रदेश में 23 कंपनियों पर कार्रवाई की गई है.
समाचार एजेंसी ANI ने दावा किया है कि उसके पास नकली दवा बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट है. एजेंसी का कहना है कि जिन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें से ज्यादातर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में रजिस्टर्ड हैं. देहरादून में पंजीकृत हिमालया मेडिटेक प्राइवेट लिमिटेड का लाइसेंस 30 दिसंबर, 2022 से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था और इस साल 7 फरवरी को 12 उत्पादों के निर्माण की अनुमति भी रद्द कर दी गई थी.
हिमाचल प्रदेश के बद्दी से श्री साईं बालाजी फार्माटेक प्राइवेट लिमिटेड को कारण बताओ और निर्माण बंद करने का नोटिस जारी किया गया था. औषधि निरीक्षकों द्वारा अनुपालन के सत्यापन के बाद, उत्पादन बंद करने के आदेश को रद्द कर दिया गया था. हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित ईजी फार्मास्यूटिकल्स को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. अनुपालन के सत्यापन के बाद निर्माण रोक आदेश को रद्द कर दिया गया था.
हिमाचल में सिरमौर जिले के नाहन रोड काला अंब में मौजा रामपुर जट्टान में स्थित एथेंस लाइफ साइंसेज को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. पांवटा साहिब के नारीवाला में राजबन रोड पर स्थित लेबोरेट फार्मास्यूटिकल्स इंडिया लिमिटेड, (यूनिट-II) को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. हिमाचल के सोलन में जीएनबी मेडिका लैब को टैबलेट, कैप्सूल, ड्राई सिरप (बीटा-लैक्टम), इंजेक्टेबल (लिक्विड इंजेक्शन-वायल, एम्पाउल्स और पीएफएस) सैशे और प्रोटीन पाउडर (जनरल सेक्शन) का उत्पादन बंद करने के लिए कहा है.
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हिमाचल में सिरमौर जिले के काला अंब स्थित ग्नोसिस फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड को कॉस्मेटिक मैन्युफैक्चरिंग के लिए नोटिस और निर्माण बंद करने का नोटिस दिया गया है. फरीदाबाद में पंजीकृत नेस्टर फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड को इस साल 30 जनवरी को कारण बताओ नोटिस दिया गया था. अनुपालन जमा करने के बाद फर्म का फिर से निरीक्षण किया गया. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के शेड्यूल एम के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों का पालन करने के निर्देश के साथ सख्त चेतावनी दी गई थी. नकली दवाओं के निर्माण से जुड़ी देश भर की फार्मा कंपनियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई अभी भी जारी है.
(एएनआई)