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एमपी में डाटा एंट्री ऑपरेटर्स ने मांगी इच्छामृत्यु, जानें वजह

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Published : Dec 16, 2021, 10:09 AM IST

Updated : Dec 16, 2021, 11:57 AM IST

प्रदेशभर के ढाई हजार से अधिक कंप्यूटर डाटा ऑपरेटर को शिक्षा विभाग ने नौकरी से हटाने का आदेश दे दिया है. इसके खिलाफ ऑपरेटर्स ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है. (2500 employees sought euthanasia in madhya pradesh)ये सभी आउटसोर्सिंग के जरिए विभाग में करीब पांच साल से काम कर रहे हैं.

डाटा एंट्री ऑपरेटर्स ने मांगी इच्छामृत्यु
डाटा एंट्री ऑपरेटर्स ने मांगी इच्छामृत्यु

भोपाल : मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) में काम कर रहे 2500 से ज्यादा डाटा एंट्री ऑपरेटर्स (Data Entry Operators) ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग (seeks euthanasia) की है. कारण यह है कि विभाग ने आउटसोर्सिंग पर लगे कंप्यूटर डाटा ऑपरेटरों को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं. इन डाटा ऑपरेटर का कहना है कि दूसरी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए शिक्षा विभाग ऐसा कर रहा है. अगर, उन्हें हटाया जाता है उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. ऐसे में उन्हें इच्छामृत्यु दी जाए (employees sought euthanasia in madhya pradesh), क्योंकि उनके सामने यही एक रास्ता बचा है.

2500 से ज्यादा डाटा एंट्री ऑपरेटर्स ने मांगी इच्छामृत्यु

नौकरी गई, तो ऑपरेटर्स दे देंगे जान

करोना काल में कई लोगों के रोजगार छिन गए हैं. कोरोना की तीसरी लहर का खतरा भी मंडरा रहा है. ऐसे में किसी का रोजगार छिन जाए तो क्या होगा. मध्य प्रदेश सरकार कोविड के बाद से लोगों को रोजगार देने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है. लेकिन, प्रदेश के शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर कई डाटा ऑपरेटर की नौकरी समाप्त करने का ऐलान कर दिया है. शिक्षा विभाग में करीब 2500 डाटा एंट्री ऑपरेटर (education department removed 2500 operators) आउट सोर्स के माध्यम से यहां काम कर रहे हैं. पांच साल से ये काम कर रहे हैं. अब इन्हें अचानक 31 दिसंबर तक ही सेवाएं देने को कहा गया है. उसके बाद इनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी.

अब तक जिनमैनपॉवर कंपनी के पास इन ऑपरेटरों को नियुक्त करने का टेंडर था, जिसका कार्यकाल भी समाप्त नहीं हुआ था. बीच में ही शिक्षा विभाग ने एमपीकोन कंपनी को इसका टेंडर दिया था. ऐसे में प्रदेश भर के डाटा ऑपरेटरों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इनका कहना है कि अगर शासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो इनका परिवार कैसे चलेगा. ऐसे में राष्ट्रपति इन्हें इच्छा मृत्यु दे दें.

ये सरकार का फैसला है, जो करना है वही करेगी

जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना से जब इस बारे में जानकारी ली गई, तो उनका कहना था कि शासन की ओर से आदेश दिए गए हैं. शासन ने ही फैसला लिया है कि पुरानी कंपनी को हटाकर नई कंपनी को टेंडर दिया जाए. ऐसे में आगे जो होगा वह शासन स्तर पर ही होना है.

बड़े आंदोलन की तैयारी

शिक्षा विभाग के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश भर के डाटा ऑपरेटर राजधानी में बड़े आंदोलन की रूपरेखा (data operators will protest) बना रहे हैं. इनका कहना है कि एक सप्ताह के अंदर अगर सरकार ने इस पर फैसला नहीं लिया तो भोपाल में आकर बड़ा प्रदर्शन करेंगे. फिर भी कुछ नहीं हुआ तो सामूहिक रूप से राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की.

भोपाल : मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) में काम कर रहे 2500 से ज्यादा डाटा एंट्री ऑपरेटर्स (Data Entry Operators) ने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग (seeks euthanasia) की है. कारण यह है कि विभाग ने आउटसोर्सिंग पर लगे कंप्यूटर डाटा ऑपरेटरों को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं. इन डाटा ऑपरेटर का कहना है कि दूसरी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए शिक्षा विभाग ऐसा कर रहा है. अगर, उन्हें हटाया जाता है उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. ऐसे में उन्हें इच्छामृत्यु दी जाए (employees sought euthanasia in madhya pradesh), क्योंकि उनके सामने यही एक रास्ता बचा है.

2500 से ज्यादा डाटा एंट्री ऑपरेटर्स ने मांगी इच्छामृत्यु

नौकरी गई, तो ऑपरेटर्स दे देंगे जान

करोना काल में कई लोगों के रोजगार छिन गए हैं. कोरोना की तीसरी लहर का खतरा भी मंडरा रहा है. ऐसे में किसी का रोजगार छिन जाए तो क्या होगा. मध्य प्रदेश सरकार कोविड के बाद से लोगों को रोजगार देने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है. लेकिन, प्रदेश के शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी कर कई डाटा ऑपरेटर की नौकरी समाप्त करने का ऐलान कर दिया है. शिक्षा विभाग में करीब 2500 डाटा एंट्री ऑपरेटर (education department removed 2500 operators) आउट सोर्स के माध्यम से यहां काम कर रहे हैं. पांच साल से ये काम कर रहे हैं. अब इन्हें अचानक 31 दिसंबर तक ही सेवाएं देने को कहा गया है. उसके बाद इनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी.

अब तक जिनमैनपॉवर कंपनी के पास इन ऑपरेटरों को नियुक्त करने का टेंडर था, जिसका कार्यकाल भी समाप्त नहीं हुआ था. बीच में ही शिक्षा विभाग ने एमपीकोन कंपनी को इसका टेंडर दिया था. ऐसे में प्रदेश भर के डाटा ऑपरेटरों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. इनका कहना है कि अगर शासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो इनका परिवार कैसे चलेगा. ऐसे में राष्ट्रपति इन्हें इच्छा मृत्यु दे दें.

ये सरकार का फैसला है, जो करना है वही करेगी

जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना से जब इस बारे में जानकारी ली गई, तो उनका कहना था कि शासन की ओर से आदेश दिए गए हैं. शासन ने ही फैसला लिया है कि पुरानी कंपनी को हटाकर नई कंपनी को टेंडर दिया जाए. ऐसे में आगे जो होगा वह शासन स्तर पर ही होना है.

बड़े आंदोलन की तैयारी

शिक्षा विभाग के इस फैसले के खिलाफ प्रदेश भर के डाटा ऑपरेटर राजधानी में बड़े आंदोलन की रूपरेखा (data operators will protest) बना रहे हैं. इनका कहना है कि एक सप्ताह के अंदर अगर सरकार ने इस पर फैसला नहीं लिया तो भोपाल में आकर बड़ा प्रदर्शन करेंगे. फिर भी कुछ नहीं हुआ तो सामूहिक रूप से राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की.

Last Updated : Dec 16, 2021, 11:57 AM IST
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