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दरभंगा रेलवे ब्लास्टः रिटायर्ड फौजी ने कहा- बेटे देशद्रोही हैं, तो उन्हें गोली मार दो - लश्कर-ए-तैयबा

एनआईए द्वारा दरभंगा ब्लास्ट में यूपी स्थित शामली के दो भाइयों नासिर और इमरान को लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी बताते हुए हैदराबाद से गिरफ्तार किया है. दोनों भाइयों के पिता रिटायर्ड फौजी हाजी मूसा खान का कहना है कि अगर उनके बेटे देशद्रोही हैं, तो उन्हें गोली मार देनी चाहिए, लेकिन अगर निर्दोष हैं, तो सरकार उन्हें बाइज्जत रिहा करे.

दरभंगा रेलवे ब्लास्ट
दरभंगा रेलवे ब्लास्ट
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Published : Jul 2, 2021, 12:44 PM IST

लखनऊ : दरभंगा ब्लास्ट में हैदराबाद से गिरफ्तार यूपी स्थित शामली के दो भाइयों को एनआईए लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी बता रही है, लेकिन दोनों आरोपियों के पिता रिटायर्ड फौजी हाजी मूसा खान के बयानों ने इस पूरे मामले को उलझा दिया है. रिटायर्ड फौजी का कहना है कि उसके दोनों बेटे देश की एक प्रमुख खुफिया एजेंसी की महिला अधिकारी के लिए काम करते थे. इसलिए उसके एक बेटे को पाकिस्तान भी भेजा गया था. फौजी का कहना है कि यदि उसके बेटे देशद्रोही हैं, तो उन्हें गोली मार देनी चाहिए, लेकिन अगर निर्दोष हैं, तो सरकार उन्हें बाइज्जत रिहा करे.

'हम नमक हराम नही हैं'

कैराना के मोहल्ला कायस्थवाड़ा निवासी रिटायर्ड फौजी हाजी मूसा खान 1965 और बांग्लाादेश में 1971 की जंग लड़ चुके हैं. हाजी मूसा खान ने बताया उन्होंने साढ़े 15 साल सेना में नौकरी की है. वें देशभक्त हैं, नमक हराम नहीं है. रिटायर्ड फौजी का कहना है कि एनआईए द्वारा हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए उनके दोनों बेटे यदि देशद्रोही हैं, तो उन्हें गोली मार देनी चाहिए, लेकिन अगर बेटे निर्दोष हैं, तो उन्हें बाइज्जत रिहा करना सरकार की जिम्मेदारी बनती है. हाजी मूसा खान ने बताया कि उनका बेटा नासिर देश की एक बड़ी खुफिया एजेंसी की महिला अधिकारी के लिए काम करता था. इसी के चलते वह दो बार पाकिस्तान भी गया था. महिला अधिकारी के कहने पर ही नासिर ने अपने छोटे भाई इमरान को भी इसी काम में साथ जोड़ लिया था. मूसा खान ने महिला अधिकारी पर दोनों बेटों को फंसाने का आरोप लगाया है.

पढ़ें- शामली से जुड़े दरभंगा ब्लास्ट के तार, पुलिस और एजेंसियों के हत्थे चढ़े दो संदिग्ध

क्या है पूरा मामला

बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को एक पार्सल में विस्फोट हो गया था. विस्फोट की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है. एनआईए ने दरभंगा विस्फोट में हैदराबाद से शामली के कैराना कस्बे के दो भाइयों नासिर और इमरान को गिरफ्तार किया था, जिन्हें लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी बताया गया है. एनआईए का यह भी दावा है कि नासिर पाकिस्तान में बम बनाने की ट्रेनिंग भी ले चुका है. दोनों भाई कैराना के मोहल्ला कायस्थवाड़ा में रहने वाले रिटायर्ड फौजी हाजी मूसा खान के बेटे हैं, जिनकी देशद्रोही के रूप में गिरफ्तारी होने पर मोहल्ले के लोग भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं.

कैराना से गायब तीन लोगों का नहीं सुराग

17 जून को हुए दरभंगा ब्लास्ट के बाद खुफिया एजेंसियों द्वारा कैराना कस्बे में छापेमारी पिछले दिनों सुर्खियों में छाई रही थी. इस दौरान कैराना से एजेंसियों द्वारा एक पिता-पुत्र समेत तीन लोगों को पूछताछ के लिए ले जाने का दावा भी परिजनों द्वारा किया गया था, लेकिन फिलहाल दरभंगा केस में हैदराबाद से गिरफ्तारी होने के बावजूद भी कैराना से गायब तीन अन्य लोगों का कोई सुराग नहीं लग पा रहा है.

मामले में एसपी शामली सुकीर्ति माधव ने बताया कि कैराना के दो लोगों के हैदराबाद में पकड़े जाने की जानकारी मिली है, लेकिन इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कोई सूचना नहीं मिली है. गिरफ्तार लोगों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मांगी गई है.

लखनऊ : दरभंगा ब्लास्ट में हैदराबाद से गिरफ्तार यूपी स्थित शामली के दो भाइयों को एनआईए लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी बता रही है, लेकिन दोनों आरोपियों के पिता रिटायर्ड फौजी हाजी मूसा खान के बयानों ने इस पूरे मामले को उलझा दिया है. रिटायर्ड फौजी का कहना है कि उसके दोनों बेटे देश की एक प्रमुख खुफिया एजेंसी की महिला अधिकारी के लिए काम करते थे. इसलिए उसके एक बेटे को पाकिस्तान भी भेजा गया था. फौजी का कहना है कि यदि उसके बेटे देशद्रोही हैं, तो उन्हें गोली मार देनी चाहिए, लेकिन अगर निर्दोष हैं, तो सरकार उन्हें बाइज्जत रिहा करे.

'हम नमक हराम नही हैं'

कैराना के मोहल्ला कायस्थवाड़ा निवासी रिटायर्ड फौजी हाजी मूसा खान 1965 और बांग्लाादेश में 1971 की जंग लड़ चुके हैं. हाजी मूसा खान ने बताया उन्होंने साढ़े 15 साल सेना में नौकरी की है. वें देशभक्त हैं, नमक हराम नहीं है. रिटायर्ड फौजी का कहना है कि एनआईए द्वारा हैदराबाद से गिरफ्तार किए गए उनके दोनों बेटे यदि देशद्रोही हैं, तो उन्हें गोली मार देनी चाहिए, लेकिन अगर बेटे निर्दोष हैं, तो उन्हें बाइज्जत रिहा करना सरकार की जिम्मेदारी बनती है. हाजी मूसा खान ने बताया कि उनका बेटा नासिर देश की एक बड़ी खुफिया एजेंसी की महिला अधिकारी के लिए काम करता था. इसी के चलते वह दो बार पाकिस्तान भी गया था. महिला अधिकारी के कहने पर ही नासिर ने अपने छोटे भाई इमरान को भी इसी काम में साथ जोड़ लिया था. मूसा खान ने महिला अधिकारी पर दोनों बेटों को फंसाने का आरोप लगाया है.

पढ़ें- शामली से जुड़े दरभंगा ब्लास्ट के तार, पुलिस और एजेंसियों के हत्थे चढ़े दो संदिग्ध

क्या है पूरा मामला

बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर 17 जून को एक पार्सल में विस्फोट हो गया था. विस्फोट की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है. एनआईए ने दरभंगा विस्फोट में हैदराबाद से शामली के कैराना कस्बे के दो भाइयों नासिर और इमरान को गिरफ्तार किया था, जिन्हें लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी बताया गया है. एनआईए का यह भी दावा है कि नासिर पाकिस्तान में बम बनाने की ट्रेनिंग भी ले चुका है. दोनों भाई कैराना के मोहल्ला कायस्थवाड़ा में रहने वाले रिटायर्ड फौजी हाजी मूसा खान के बेटे हैं, जिनकी देशद्रोही के रूप में गिरफ्तारी होने पर मोहल्ले के लोग भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं.

कैराना से गायब तीन लोगों का नहीं सुराग

17 जून को हुए दरभंगा ब्लास्ट के बाद खुफिया एजेंसियों द्वारा कैराना कस्बे में छापेमारी पिछले दिनों सुर्खियों में छाई रही थी. इस दौरान कैराना से एजेंसियों द्वारा एक पिता-पुत्र समेत तीन लोगों को पूछताछ के लिए ले जाने का दावा भी परिजनों द्वारा किया गया था, लेकिन फिलहाल दरभंगा केस में हैदराबाद से गिरफ्तारी होने के बावजूद भी कैराना से गायब तीन अन्य लोगों का कोई सुराग नहीं लग पा रहा है.

मामले में एसपी शामली सुकीर्ति माधव ने बताया कि कैराना के दो लोगों के हैदराबाद में पकड़े जाने की जानकारी मिली है, लेकिन इस संबंध में आधिकारिक तौर पर कोई सूचना नहीं मिली है. गिरफ्तार लोगों के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मांगी गई है.

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