पटना: एनआईए की टीम थोड़ी देर में हैदराबाद से पटना ( Patna News ) पहुंचने वाली है. जानकारी के अनुसार, दरभंगा पार्सल ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार इमरान मलिक और नासिर मलिक ( Imran And Nasir Malik ) को पटना स्थित NIA कोर्ट में पेश करेगी और ट्रांजिट रिमांड (transit demand )पर लेगी.
गौरतलब है कि दो दिन पहले एनआईए (NIA) ने दरभंगा ब्लास्ट ( Darbhanga Parcel Blast ) मामले में लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में रहे दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोपी मो. इमरान मलिक और नासिर मलिक को बुधवार को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.
गुरुवार को एनआईए ( NIA ) की टीम ने हैदराबाद स्थित इमरान मलिक और नासिर मलिक के ठिकाने पर छापेमारी भी की थी. इस दौरान ब्लास्ट में यूज किए गए केमिकल के अंश भी बरामद किए गए थे, साथ ही ब्लास्ट से जुड़े कई अहम सामान भी मिले थे.
बताया जा रहा है कि ये आतंकी दोनों सगे भाई हैं. पूर्व में सिमी(स्टुडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया ) के लिए काम कर चुके हैं. इसके लिए करोड़ों की फंडिंग आईएसआईएस (ISIS) के द्वारा की गई थी. इस मामले में शामली के कुछ नामी लेडीज सूट कारोबारी NIA के रडार पर हैं.
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दो भाइयों को दी गई थी जिम्मेवारी
रडार पर आए लेडीज सूट कारोबारी कासिम उर्फ कफील और सलीम उर्फ टुइया से NIA और ATS की टीम ने पूछताछ की है. पूछताछ के दौरान कासिम उर्फ कफील और सलीम उर्फ टुइया ने कई खुलासे किए थे. जानकारी के अनुसार, कैराना से गिरफ्तार सलीम पाकिस्तान के इकबाल काना के संपर्क में था. सूत्र बताते हैं कि दरभंगा ब्लास्ट कराने की जिम्मेदारी आईएसआईएस (ISIS) से सलीम को मिली थी.
पाकिस्तान के आकाओं के निर्देश पर उठाते रहे कदम
NIA की जांच टीम द्वारा अपराध स्थल का दौरा करने और महत्वपूर्ण इनपुट लेने के बाद आरोपियों को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था. आरोपी व्यक्तियों की प्रारंभिक जांच हुई. जांच में वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ( एलईटी ) से जुड़े हुए पाए गए. आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और जान-माल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने के लिए ये लोग साजिश रच रहे थे. यह एक अंतरराष्ट्रीय साजिश रच रहे थे. लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशों पर इन दोनों ने कार्य किया था.
गुप्त रूप से साधता था लश्कर-ए-तैयबा से संपर्क
जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद नासिर खान और उसके भाई इमरान मलिक ने आग लगाने वाला आईईडी बनाया और उसे कपड़े के एक पार्सल में पैक किया. पार्सल को सिकंदराबाद से दरभंगा तक लंबी दूरी की ट्रेन में बुक किया. इसका उद्देश्य एक चलती हुई यात्री ट्रेन में विस्फोट कराना और आग लगाना था. जिससे जान-माल का भारी नुकसान होता.
गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद नासिर मलिक ने वर्ष 2012 में पाकिस्तान का दौरा किया था. स्थानीय रूप से उपलब्ध रसायनों से आईईडी बनाने में लश्कर के संचालकों से प्रशिक्षण प्राप्त किया था. वह अपने भाई इमरान के साथ एन्क्रिप्टेड कम्यूनिकेशन प्लेटफॉर्मों पर लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान स्थित आकाओं के संपर्क में था.
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पुणे एफएसएल की टीम करेगी जांच
दरभंगा ब्लास्ट मामले में भेजे गए सैंपल की जांच कोलकाता एफएसएल लैबोरेट्री में पुणे एफएसएल की टीम करेगी. इधर, इस ब्लास्ट के तार जिन क्षेत्रों में जुड़ रहे हैं, उन सभी क्षेत्रों के संगठनों की हिस्ट्री खंगाली जा रही है. एनआईए के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार दरभंगा ब्लास्ट मामले में एनआईए के द्वारा उच्चस्तर पर जांच शुरू कर दी गई थी.
दरभंगा ब्लास्ट की बड़ी बातें
बता दें कि बीते 17 जून को दरभंगा स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर ट्रेन से पार्सल उतारने के क्रम में ब्लास्ट हो गया था. इसके बाद से ही हमले के आतंकी कनेक्शन को खंगाले जाने लगे थे. अब तक इस मामले में यूपी एटीएस ने शामली से पिता-पुत्र दो संदिग्ध को गिरफ्तार किया था, वहीं आईएसआईएस के लिए काम करने वाले एक शख्स को तेलंगाना एटीएस ने गिरफ्तार किया था. फिलहाल एनआईए इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
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