नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि भारत और डेनमार्क का ऐतिहासिक एवं साझा मूल्यों और आकांक्षाओं पर आधारित दीर्घकालिक मित्रतापूर्ण संबंध है तथा हरित सामरिक गठजोड़ से यह संबंध अधिक प्रगाढ़ होगा.
भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आई डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भेंट की.
राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, राष्ट्रपति कोविंद ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री और उनके पति का स्वागत किया तथा डेनमार्क की महारानी मार्गरेथ द्वितीय को अगले वर्ष भारत आने का निमंत्रण दिया जो उनके (डेनमार्क की महारानी) शासन का स्वर्ण जयंती वर्ष तथा भारत की स्वतंत्रता का 75वां साल है.
राष्ट्रपति ने कहा, 'भारत और डेनमार्क की मित्रता दीर्घकालिक है और हमारे गर्मजोशी भरे एवं मित्रतापूर्ण संबंधों की जड़े इतिहास से जुड़ी हैं जो साझा मूल्यों एवं आकांक्षाओं पर आधारित हैं.'
उन्होंने कहा कि हाल में भारत और डेनमार्क के बीच स्थापित हरित सामरिक गठजोड़ से हमारे संबंध और मजबूत होंगे.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारत और डेनमार्क के बीच मजबूत कारोबारी एवं निवेश संबंध हैं तथा डेनमार्क के सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र भारत में कई राज्यों में मेक इन इंडिया, जल जीवन मिशन, स्मार्ट सिटी, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्वच्छ भारत, निर्मल गंगा, एवं अन्य राष्ट्रीय मिशन को आगे बढ़ाने में सक्रियता से जुटे हुए हैं.
फ्रेडरिक्सन आज सुबह भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर नयी दिल्ली पहुंची जहां विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनकी आगवानी की.
फ्रेडरिक्सन ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की.
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इसके बाद, राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रेडरिक्सन का स्वागत किया जहां डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने सलामी गारद का निरीक्षण किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रेडरिक्सन से भेंट की.
भारत और डेनमार्क ने पिछले वर्ष स्थापित ‘हरित सामरिक गठजोड़’ की प्रगति की समीक्षा की.
उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर 2020 को डिजिटल माध्यम से हुई शिखर बैठक में भारत और डेनमार्क ने हरित सामरिक गठजोड़ स्थापित किया था. दोनों पक्षों ने आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय और बहुस्तरीय मुद्दों पर भी चर्चा की.
फ्रेडरिक्सन 9 से 11 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर आई हैं.
भारत और डेनमार्क के मजबूत कारोबारी एवं निवेश संबंध हैं. भारत में डेनमार्क की 200 से अधिक कंपनियां मौजूद हैं, जबकि डेनमार्क में 60 से अधिक भारतीय कंपनियां हैं. दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जल एवं कचरा प्रबंधन, कृषि एवं पशुपालन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, डिजिटलीकरण, स्मार्ट सिटी, पोत क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है.
(पीटीआई भाषा)