दमोह। बागेश्वर धाम सरकार के दर्शन के लिए पहुंचे करीब 300 लोगों ने क्रिसमस के दिन घर वापसी करते हुए ईसाई धर्म का त्याग कर सनातन धर्म की राह पकड़ ली. पिछले दिनों ईसाई मिशनरियों ने प्रलोभन देकर हिंदू धर्म के लोगों को ईसाई धर्म में धर्मांतरण करा दिया था. (Damoh Conversion Case) मामले का खुलासा होने के बाद अब धीरे-धीरे और भी परते खुलने लगी हैं. दमोह में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा नौ दिवसीय श्रीराम कथा की जा रही है. कथा के दूसरे दिन 25 दिसंंबर रविवार को करीब 300 लोग बागेश्वर धाम सरकार के दर्शन के लिए पहुंचे और धर्मांतरण के बड़े मामला का खुलासा किया.
लालच देकर हुआ था धर्मांतरण: बागेश्वर धाम सरकार के दर्शन के लिए पहुंचे लोगों ने बताया कि ईसाई मिशनरियों द्वारा उन्हें प्रलोभन देकर व धन का लालच देकर उनका धर्मांतरण कराया गया था. लेकिन उस धर्म में जाने के बाद एहसास हुआ कि वहां पर जाकर बहुत बड़ी भूल कर दी है. अब वह सभी लोग वापस सनातन धर्म अपनाना चाहते हैं. सभी की इच्छा के बाद धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उन्हें सनातन धर्म में वापसी कराई. धर्मांतरण कर चुके सागर निवासी एक युवक जितेंद्र अहिरवार ने बताया कि ईसाई मिशनरी द्वारा उन्हें धन का प्रलोभन दिया गया था. उनके पिता से कहा गया था कि बेटे की पढ़ाई और बीमारी का इलाज कराएंगे जिस पर उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया. उसने बताया कि गाड़ी की किस्त भरने के लिए 1 लाख 32 हजार रुपए दिए थे. उसके बाद एक्सीडेंट होने पर 60 हजार रुपए और दिए थे.
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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा नही होगा भेदभाव: धर्मांतरण करने वालों ने बताया कि जल्द ही यह एहसास हो गया कि सनातन धर्म ही अच्छा है. इसलिए वह वापस सनातन धर्म अपना रहे हैं. इसी तरह अन्य लोगों ने भी बताया कि उन्हें प्रलोभन देकर ईसाई बनाया गया था. जैसा प्रचार किया गया था वैसा ईसाई धर्म में कुछ भी नहीं है. इसलिए वह अपनी स्वेच्छा से आज वापस सनातन धर्म अपना रहे हैं. लोगों के धर्मांतरण करने के बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने कहा कि सभी लोग निश्चिंत रहें. वह आखिरी सांस तक उनके साथ हैं. कोई साथ दे या ना दे लेकिन वह हमेशा उनके साथ रहेंगे. उनके साथ किसी तरह का कोई भेदभाव सनातन धर्म में नहीं किया जाएगा.