नई दिल्ली : डाबर ने आखिरकार करवा चौथ से जुड़े एक विवादित विज्ञापन को वापस ले लिया है. इस विज्ञापन की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई, जिसके बाद डाबर ने इसे हाटने का निर्णय लिया है.
बता दें कि हाल ही में डाबर इंडिया कंपनी ने फेम ब्लीच का एक विज्ञापन जारी किया था. जिसमें एक समलैंगिक महिला जोड़े को करवा चौथ मनाते हुए और एक-दूसरे को छलनी से देखते हुए दिखाया गया है.
डाबर इंडिया ट्वीट कर विज्ञापन वापस लेने की जानकारी दी. कंपनी ने लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफी भी मांगी है. कंपनी ने कहा कि फेम के करवाचौथ अभियान को हमने हर सोशल मीडिया हैंडल से वापस ले लिया है. हम लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए बिना किसी शर्त के माफी मांगते हैं.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने डीजीपी को मामले की जांच करने का निर्देश दिया था. मिश्रा ने कहा था कि मैं इसे बहुत गंभीर विषय मानता हूं. हिंदू धर्म के धार्मिक त्योहारों को लेकर ही इस तरह की क्लीपिंग, विज्ञापन क्यों जारी किए जाते हैं?
उन्होंने कहा था कि आज वो इन लेस्बियन को करवा चौथ का व्रत तोड़ते हुए, छलनी में देखते हुए बता रहे हैं. कल को दो लड़कों को ही फेरे लेते हुए दिखा देंगे, शादी करते दिखा देगें. ये आपत्तिजनक है. अभी मैंने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि इसका परीक्षण कराएं और उस कंपनी को इसे हटाने को कहें अन्यथा हम वैधानिक कार्रवाई करेंगे.
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करवा चौथ पर विवाहित हिंदू महिलाएं, विशेषतौर पर उत्तर भारत में, अपने पति की सुरक्षा और दीर्घायु के लिए सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास रखती हैं और व्रत पूरा करने की रस्म में पत्नी छलनी में चंद्रमा के साथ अपने पति का चेहरा देखती है। रविवार 24 अक्टूबर को करवा चौथ मनाया गया.