भुवनेश्वर/कोलकाता/रांची : भीषण चक्रवाती तूफान 'असानी' के तटों के करीब पहुंचने पर दोबारा उत्तर-उत्तरपूर्वी दिशा में मुड़ने और कमजोर होने के आसार हैं. मौसम विभाग कार्यालय ने यह बात कही. पूर्वी तट की तरफ बढ़ रहे 'असानी' के चलते प्रभावित इलाकों में 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के साथ ही भारी बारिश भी हो रही है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मंगलवार रात को उत्तरी आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों पर पहुंचने पर 'असानी' के चक्रवाती तूफान में तब्दील होने का अनुमान है. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय मोहापात्र ने रविवार को भुवनेश्वर में कहा था कि चक्रवात न तो ओडिशा, न ही आंध्र प्रदेश में दस्तक देगा, अलबत्ता यह पूर्वी तट के समानांतर चलेगा और बारिश का कारण बनेगा.
एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवात 'असानी' के कारण समुद्र में करीब आठ घंटे तक फंसे ओडिशा के कम से कम 11 मछुआरों को सोमवार को भारतीय तटरक्षक की मदद से बचाया गया. उन्होंने कहा कि मछुआरे सात मई को मछली पकड़ने की नाव खरीदने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम गए थे और वहां से लौटते समय नौका में तकनीकी गड़बड़ी आने के कारण वे गंजम जिले के सोनपुट के पास तट से लगभग 4-5 किमी दूर समुद्र में फंस गए थे.
मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार दोपहर ढाई बजे चक्रवाती तूफान विशाखापत्तनम से करीब 410 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और पुरी से 590 किलोमीटर दक्षिण में था तथा यह उत्तर-पश्चिम दिशा में 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बहने वाली हवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है. चक्रवात के चलते सोमवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई. चक्रवात के प्रभाव में तटीय ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश व पश्चिम बंगाल के आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार शाम से बारिश होने की आशंका है.
मौसम विभाग कार्यालय ने कहा कि पश्चिम-मध्य और उससे सटी दक्षिण बंगाल की खाड़ी में समुद्र में बहुत तीव्र स्थिति बने रहने का अनुमान है, ऐसे में मछुआरों को मंगलवार से कम से कम अगले दो दिनों तक इस क्षेत्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है. विभाग ने तटीय इलाकों में पर्यटन गतिविधियों को 13 मई तक निलंबित करने का सुझाव भी दिया.
तटीय आंध्र में एनडीआरएफ की टीमें अलर्ट पर : राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें मंगलवार को तटीय आंध्र प्रदेश में बचाव और राहत कार्यों के लिए तैयार हैं. बंगाल की खाड़ी में गंभीर चक्रवाती तूफान असानी तट के करीब पहुंच गया है. आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मंगलवार शाम से तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश के पूवार्नुमान के मद्देनजर लोगों को सतर्क रहने को कहा है. 40-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है. इसने उत्तरी तटीय आंध्र के लोगों को भी हाई अलर्ट पर रहने की सलाह दी है. मछुआरों को गुरुवार तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है. एपीएसडीएमए के निदेशक ने कहा कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ एहतियात के तौर पर अलर्ट पर हैं.
ओडिशा अलर्ट : ओडिशा के खुर्दा, गंजम, पुरी, कटक और भद्रक जैसे जिलों में दो से तीन बार बारिश हुई. ओडिशा सरकार ने सोमवार को चार तटीय जिलों में रहने वाले लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना बनाई है. तेजी से करीब आ रहे तीव्र चक्रवात को देखते हुए ओडिशा के सभी बंदरगाहों पर दूरस्थ चेतावनी संकेत 2 (जहाजों को तट के पास नहीं आने के लिए कहना) प्रदर्शित किया गया है.
बंगाल में भारी बारिश का अनुमान : मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात के चलते सोमवार से गुरुवार के बीच कोलकाता, हावड़ा, पुर्वी मेदिनीपुर, उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा नदिया जिलों सहित पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्से में भारी बारिश होने का अनुमान है. कोलकाता के अलीपुर में क्षेत्रीय मौसम विभाग ने शाम 5.30 बजे तक 58 मिमी बारिश दर्ज की, जबकि साल्ट लेक में 61 मिमी बारिश हुई.
झारखंड में हो सकती है बारिश : रांची स्थित मौसम विभाग कार्यालय ने कहा कि झारखंड में 11 से 13 मई तक दक्षिणी, मध्य और पूर्वोत्तर हिस्सों में बिजली कड़कने और बादलों के गरजने के बीच हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है. विभाग के मुताबिक, राज्य के कुछ हिस्सों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है. उधर, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में सोमवार को चक्रवात से सामान्य जीवन प्रभावित नहीं हुआ, क्योंकि वहां बारिश नहीं दर्ज की गई. अधिकारियों ने कहा कि अंतर-द्वीपीय नौका सेवाएं जारी हैं, लेकिन मछुआरों को गहरे समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है.
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