रायपुर: बदलते दौर के साथ दुनिया डिजिटल होती जा रही है cyber thugs in Chhattisgarh. इस डिजिटल माध्यम ने लोगों की जिंदगी आसान की है. लेकिन इस साइबर वर्ल्ड ने उसके साथ साथ कई तरह की परेशानियां भी पैदा कर दी है. इस तरह की कई दास्तानों से साइबर की दुनिया भरी पड़ी है. जिनमें लोग खुद पर नियंत्रण खोते ही बड़ी समस्या में फंस जा रहे हैं. साइबर फ्रॉड अलग अलग तरह से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं Jamtara Cyber thugs forming gangs in other cities. इस अपराध की दुनिया से जुड़े बदमाश देश के आधा दर्जन राज्यों से वारदात को अंजाम देते हैं. कहा जाता है कि साइबर फ्रॉड का सबसे बड़ा गढ़ झारखंड का जामताड़ा है. इस गैंग ने छत्तीसगढ़ियों की गाढ़ी कमाई को जमकर डकारा है. लेकिन अब एक और गैंग सक्रिय हो गई है. जो राजस्थान से संचालित हो रहा है. यह गैंग बिजनेस के नाम पर ठगी कर रहे हैं. cyber crime news
जामताड़ा के बाद बड़ा गढ़ बना भरतपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस की माने तो प्रदेश में अब तक हुई साइबर ठगी के मामले में अलग अलग पैटर्न के ठगों का पनाहगार अलग अलग राज्यों में मौजूद है. हालांकि यही वजह है कि पुलिस इन अपराधों की श्रेणी को अलग अलग करके इन गिरोहों तक पहुंचने में भी कामयाब हो रही है. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ की पुलिस ने इसी आंकलन के आधार पर ओटीपी से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों को झारखंड के जामताड़ा से गिरफ्तार भी किया था. लेकिन अब एक और गैंग छत्तीसगढ़ में अपनी पैठ पसार रहा है, जो भरतपुर से ऑपरेट हो रहा है.
बिजनेस के नाम पर ठगी: एसीसीयू प्रभारी व रायपुर सिटी एएसपी अभिषेक माहेश्वरी बताते हैं कि "अभी बिजनेस के नाम पर साइबर फ्रॉड के मामले ज्यादातर आ रहे हैं. ये बदमाश गूगल के माध्यम से इंफॉर्मिशन कलेक्ट करते हैं. उसके बाद बिजनेस के परपस में कॉल करते हैं. फिर कहते हैं कि मैं आपके साथ बिजनेस करना चाहता हूं. मैं आपको कोई लिंक भेज रहा हूं आप लिंक पर क्लिक करके देख लीजिए कि वह पैसा आपके खाते में आ रहा है या नहीं. यह एक या दो रुपये भेजने वाला नॉर्मली लिंक होता है. उसके बाद वे दोबार एक लिंक भेजते हैं, जो डेबिट लिंक होता है. क्लिक करते ही आपके खाते से पैसे कट जाते हैं हाल फिलहाल में इस तरह की घटनाएं ज्यादा हो रही है. यह लिंक भेजने वाला कोड भरतपुर क्षेत्र से हो रहा है इसके अलावा न्यूड वीडियो कॉल वाला फ्रॉक वह भी भरतपुर क्षेत्र से ऑपरेट हो रहा है. अभी साइबर क्राइम का एक नया गढ़ भरतपुर बनते जा रहा है".
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छत्तीसगढ़ पुलिस ने दिल्ली में भी की जांच पड़ताल: जामताड़ा और भरतपुर दोनों अलग अलग तरीके से ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. जामताड़ा वाले लोग कॉल करके एटीएम का नंबर या ओटीपी पूछते हैं या ऐप डाउनलोड कराने की बात कहते हैं. लेकिन भरतपुर क्षेत्र के लोग लिंक भेज कर फ्रॉड करते हैं. इसके साथ ही न्यूड वीडियो का लिंक भेजकर ब्लैकमेल कर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस ने कई मामलों में दिल्ली में जाकर ठगी की इस वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के खिलाफ तफ्तीश की है.
जामताड़ा का दिल्ली से कनेक्शन नहीं, लेकिन चल रहा ट्रेनिंग सेंटर: एंटी क्राइम एंड साइबर प्रभारी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि "जामताड़ा का दिल्ली से कोई कनेक्शन नहीं है. हालांकि झारखंड के लोग अलग अलग क्षेत्रों में जाकर फ्रॉड जरूर करते हैं. जामताड़ा के लोग दिल्ली में जाकर कॉल सेंटर चलाने का भी काम करते हैं. इस तरह की अभी कोई घटना सामने नहीं आई है. लेकिन जामताड़ा और भरतपुर जैसे इलाकों पर ट्रेनिंग सेंटर चलने की सूचना मिली है. हम इंस्टिट्यूट पर दबिश देने की कोशिश कर रहे हैं. जैसे ही हमें कोई पुख्ता लिंक मिलेगा. उसके बाद वहां दबिश देकर कार्रवाई की जाएगी".
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जामताड़ा गैंग बदल रहा लोकेशन: साइबर ठगी में कई कार्रवाई कर चुकी सरगुजा पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि जामताड़ा गैंग अब अपना लोकेशन बदल रहा है. जामताड़ा गैंग अब दिल्ली समेत एनसीआर में दाखिल हो चुका है. डीसीपी अखिलेश कौशिक बताते हैं कि " साइबर फ्रॉड का गढ़ झारखण्ड में जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह और जमुई का बेल्ट है. दूसरा भरतपुर क्षेत्र और एक मेवात है और एनसीआर रीजन में भी बहुत से लोग रहने लगे हैं. ये चारों जो अलग अलग बेल्ट हैं सबकी कार्यप्रणाली भी अलग अलग है. हमारे जिले में भी लागातार अलग अलग मामले आ रहे हैं. अब ठगी का तरीका बदला है, मोस्टली आज कल सेक्स टॉर्शन के मामले, बिजनेस साइट के नाम पर फ्रॉड, लिंक भेजकर के डिटेल लेने के मामले, सर्च इंजन में नम्बर ऑप्टीमाइज करने के मामले और नौकरी लगाने के नाम ठगी के मामले ज्यादा आ रहे हैं"