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मेवात के ठग लगा रहे लोगों को चूना, कॉल सेंटर की तरह चलाते हैं कारोबार, पढ़ें खबर - Cyber Crime

भरतपुर, अलवर, हरियाणा के नूंह और उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले से सटा मेवात क्षेत्र ठगी के लिए पूरे देश में बदनाम है. ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के पुलिस अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई. इस टीम का असर अब नजर आने लगा है.

गृह विभाग की टीम कर रही कार्रवाई
गृह विभाग की टीम कर रही कार्रवाई
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Published : Jun 29, 2021, 5:57 AM IST

अलवर. भरतपुर, अलवर, हरियाणा के नूंह और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से सटा मेवात क्षेत्र ठगी के लिए पूरे देश में बदनाम है. ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के पुलिस अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई. इस टीम का असर अब नजर आने लगा है.

अलवर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले तीन गैंग को पकड़ा था. इन गैंग ने अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा राज्य सहित देश के 650 लोगों को ठगा है. नागालैंड पुलिस बदमाशों को रिमांड पर लेने के लिए अलवर पहुंची. अलवर पुलिस लगातार ऑनलाइन ठगों की तलाश में जुटी हुई है. पुलिस के हाथ कई अहम दस्तावेज लगे हैं.

कई राज्यों को बना रहे निशाना

पढ़ें- आंकड़े बयां कर रहे हैं राजस्थान का गुंडाराज, खनन माफिया पर क्या सरकार कस पाई नकेल, देखिए खास रिपोर्ट

मेवात क्षेत्र में पहले नकली सोने की ईंटों के जरिए लोगों से ठगी (टटलूबाजी) की वारदात होती थी. उसके बाद एटीएम लूट और ऑनलाइन ठगी करने लगे. बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से मेवात और झारखंड के जामताड़ा के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया. मेवात में बनाई गई टीम में राजस्थान के अलवर, भरतपुर, भिवाड़ी एसपी, हरियाणा के नूंह, उत्तर प्रदेश के मथुरा और दिल्ली के पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को शामिल किया गया.

अलवर पुलिस की ओर से लगातार ऑनलाइन ठगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इस ज्वाइंट टीम का फायदा अलवर पुलिस को मिलने लगा है. 4 जून को अलवर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी का कॉल सेंटर चलाने वाले 11 बदमाशों को गिरफ्तार किया था. इनके पास से पुलिस ने 23 मोबाइल फोन बरामद किया. पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली.

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे कॉल सेंटर की तरह इस पूरी ठगी का कारोबार करते हैं. इनके पास मिले फोन नंबरों को जब पुलिस ने अपने सर्वर और विशेष सॉफ्टवेयर में डाला तो पता चला कि इन लोगों ने अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक सहित आसपास के कई राज्यों में करीब 650 लोगों को अपना निशाना बनाया है.

इसकी जानकारी अलवर पुलिस की तरफ से नागालैंड पुलिस को दी गई. इसके बाद अन्य राज्यों की पुलिस भी इन बदमाशों को रिमांड पर लेने के लिए लगी हुई है. इसके अलावा अलवर पुलिस ने बीते दिनों 14 जून को नकली सोने की ईंट बेचने वाले लोगों को गिरफ्तार किया. इसमें एक महिला भी शामिल थी. इसके अलावा भी अन्य पुलिस की ओर से कई बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया. पुलिस ने ओएलएक्स, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम पर सामान बेचने वाले गैंग को पकड़ा है.

अलवर के ठग कई राज्यों के लोगों को बना रहे निशाना
अलवर के ठग कई राज्यों के लोगों को बना रहे निशाना

अलवर जिले में आईटी एक्ट के मामलों पर एक नजर

  • साल 2019 में 107 मामले दर्ज हुए.
  • साल 2020 में 79 मामले दर्ज हुए.
  • साल 2021 में अब तक करीब 25 मामले दर्ज हो चुके हैं.
  • भिवाड़ी क्षेत्र में अब तक 30 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं.

जीजीआईसी कर रही है काम

गृह मंत्रालय की तरफ से ज्वाइंट कमीशन इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई है. इस टीम में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के पुलिस अधिकारियों के अलावा देश के सभी राज्यों के प्रमुख अधिकारी जुड़े हुए हैं. मेवात क्षेत्र में होने वाली पुलिस की कार्रवाई को इन ग्रुपों में डाला जाता है. उसके बाद देश के सभी राज्यों की पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ करती है और अपने यहां दर्ज एफआईआर में बदमाशों को रिमांड वारंट पर लेकर जांच पड़ताल करती है. दूसरे राज्यों की पुलिस अलवर के आसपास क्षेत्र में दबिश भी दे रही है. इस काम में अलवर पुलिस की तरफ से सहयोग किया जाता है. साथ ही ठगों को पकड़ने का काम चल रहा है.

भरतपुर के हालात पर एक नजर

बीते 5 महीनों में मेवात क्षेत्र समेत पूरे जिले में ऑनलाइन ठगी के कुल 33 मामले दर्ज किए गए, जिनमें कुल 225 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया.

केस ऑफिसर स्कीम में लेकर की जा रही है जांच पड़ताल

एसपी तेजस्विनी गौतम ने कहा कि ऑनलाइन ठगी के मामलों में अपराधियों को तुरंत बेल मिल जाती है. ऐसे में अलवर पुलिस की तरफ से इन मामलों को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर गिरफ्तार होने वाले लोगों के पुराने रिकॉर्ड खंगाले जाते हैं और मजबूती से न्यायालय में पेश किया जाता है. ऐसे में आरोपियों को जल्द सजा मिल सकेगी.

मेवात के ठग देश के लोगों को लगा रहे चूना

मेवात के ठग देश भर में सैकड़ों ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. राज्यों में दमन और दीव, तेलंगाना, गुजरात, अंडमान निकोबार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, मुंबई, छत्तीसगढ़, असम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, गुवाहाटी, गुजरात और केरल शामिल है. बीते दिनों पुलिस ने अन्य राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर मेवात क्षेत्र में दबिश भी दी और ठगों को गिरफ्तार किया.

क्या रखें सावधानी...

अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि लोगों की लापरवाही के कारण आए दिन ठगी की घटनाएं होती हैं. उन्होंने कहा कि आज सभी ने एंड्रॉयड ले रखा है, लेकिन उसका सही से उपयोग कैसे करें यह नहीं पता है.

  • अनजान व्यक्ति को ओटीपी नहीं बताएं.
  • मोबाइल में बैंक, एटीएम और खाते से संबंधित जानकारी सेव नहीं करें.
  • ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय पूरी सावधानी बरतें.
  • मॉल और बड़े शोरूम में जब भी शॉपिंग करने जाएं तो अपना एटीएम और क्रेडिट कार्ड का पिन नहीं बताएं.
  • ध्यान रखें कि आपका कार्ड कोई नहीं बदले.
  • केवल विश्वसनीय मोबाइल एप का उपयोग करें.
  • पैसे ट्रांसफर करने में किसी अन्य मोबाइल एप सिस्टम का उपयोग न करें.
  • किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें.
  • महंगे उपहार के लालच में सस्ते दामों में सामान न खरीदें.

अलवर. भरतपुर, अलवर, हरियाणा के नूंह और उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से सटा मेवात क्षेत्र ठगी के लिए पूरे देश में बदनाम है. ठगी की घटनाओं को रोकने के लिए गृह मंत्रालय ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के पुलिस अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई. इस टीम का असर अब नजर आने लगा है.

अलवर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले तीन गैंग को पकड़ा था. इन गैंग ने अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, असम और उड़ीसा राज्य सहित देश के 650 लोगों को ठगा है. नागालैंड पुलिस बदमाशों को रिमांड पर लेने के लिए अलवर पहुंची. अलवर पुलिस लगातार ऑनलाइन ठगों की तलाश में जुटी हुई है. पुलिस के हाथ कई अहम दस्तावेज लगे हैं.

कई राज्यों को बना रहे निशाना

पढ़ें- आंकड़े बयां कर रहे हैं राजस्थान का गुंडाराज, खनन माफिया पर क्या सरकार कस पाई नकेल, देखिए खास रिपोर्ट

मेवात क्षेत्र में पहले नकली सोने की ईंटों के जरिए लोगों से ठगी (टटलूबाजी) की वारदात होती थी. उसके बाद एटीएम लूट और ऑनलाइन ठगी करने लगे. बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की तरफ से मेवात और झारखंड के जामताड़ा के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया. मेवात में बनाई गई टीम में राजस्थान के अलवर, भरतपुर, भिवाड़ी एसपी, हरियाणा के नूंह, उत्तर प्रदेश के मथुरा और दिल्ली के पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को शामिल किया गया.

अलवर पुलिस की ओर से लगातार ऑनलाइन ठगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इस ज्वाइंट टीम का फायदा अलवर पुलिस को मिलने लगा है. 4 जून को अलवर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी का कॉल सेंटर चलाने वाले 11 बदमाशों को गिरफ्तार किया था. इनके पास से पुलिस ने 23 मोबाइल फोन बरामद किया. पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली.

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे कॉल सेंटर की तरह इस पूरी ठगी का कारोबार करते हैं. इनके पास मिले फोन नंबरों को जब पुलिस ने अपने सर्वर और विशेष सॉफ्टवेयर में डाला तो पता चला कि इन लोगों ने अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक सहित आसपास के कई राज्यों में करीब 650 लोगों को अपना निशाना बनाया है.

इसकी जानकारी अलवर पुलिस की तरफ से नागालैंड पुलिस को दी गई. इसके बाद अन्य राज्यों की पुलिस भी इन बदमाशों को रिमांड पर लेने के लिए लगी हुई है. इसके अलावा अलवर पुलिस ने बीते दिनों 14 जून को नकली सोने की ईंट बेचने वाले लोगों को गिरफ्तार किया. इसमें एक महिला भी शामिल थी. इसके अलावा भी अन्य पुलिस की ओर से कई बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया. पुलिस ने ओएलएक्स, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम पर सामान बेचने वाले गैंग को पकड़ा है.

अलवर के ठग कई राज्यों के लोगों को बना रहे निशाना
अलवर के ठग कई राज्यों के लोगों को बना रहे निशाना

अलवर जिले में आईटी एक्ट के मामलों पर एक नजर

  • साल 2019 में 107 मामले दर्ज हुए.
  • साल 2020 में 79 मामले दर्ज हुए.
  • साल 2021 में अब तक करीब 25 मामले दर्ज हो चुके हैं.
  • भिवाड़ी क्षेत्र में अब तक 30 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं.

जीजीआईसी कर रही है काम

गृह मंत्रालय की तरफ से ज्वाइंट कमीशन इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई गई है. इस टीम में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के पुलिस अधिकारियों के अलावा देश के सभी राज्यों के प्रमुख अधिकारी जुड़े हुए हैं. मेवात क्षेत्र में होने वाली पुलिस की कार्रवाई को इन ग्रुपों में डाला जाता है. उसके बाद देश के सभी राज्यों की पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ करती है और अपने यहां दर्ज एफआईआर में बदमाशों को रिमांड वारंट पर लेकर जांच पड़ताल करती है. दूसरे राज्यों की पुलिस अलवर के आसपास क्षेत्र में दबिश भी दे रही है. इस काम में अलवर पुलिस की तरफ से सहयोग किया जाता है. साथ ही ठगों को पकड़ने का काम चल रहा है.

भरतपुर के हालात पर एक नजर

बीते 5 महीनों में मेवात क्षेत्र समेत पूरे जिले में ऑनलाइन ठगी के कुल 33 मामले दर्ज किए गए, जिनमें कुल 225 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया.

केस ऑफिसर स्कीम में लेकर की जा रही है जांच पड़ताल

एसपी तेजस्विनी गौतम ने कहा कि ऑनलाइन ठगी के मामलों में अपराधियों को तुरंत बेल मिल जाती है. ऐसे में अलवर पुलिस की तरफ से इन मामलों को केस ऑफिसर स्कीम में लेकर गिरफ्तार होने वाले लोगों के पुराने रिकॉर्ड खंगाले जाते हैं और मजबूती से न्यायालय में पेश किया जाता है. ऐसे में आरोपियों को जल्द सजा मिल सकेगी.

मेवात के ठग देश के लोगों को लगा रहे चूना

मेवात के ठग देश भर में सैकड़ों ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. राज्यों में दमन और दीव, तेलंगाना, गुजरात, अंडमान निकोबार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, मुंबई, छत्तीसगढ़, असम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, गुवाहाटी, गुजरात और केरल शामिल है. बीते दिनों पुलिस ने अन्य राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर मेवात क्षेत्र में दबिश भी दी और ठगों को गिरफ्तार किया.

क्या रखें सावधानी...

अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने बताया कि लोगों की लापरवाही के कारण आए दिन ठगी की घटनाएं होती हैं. उन्होंने कहा कि आज सभी ने एंड्रॉयड ले रखा है, लेकिन उसका सही से उपयोग कैसे करें यह नहीं पता है.

  • अनजान व्यक्ति को ओटीपी नहीं बताएं.
  • मोबाइल में बैंक, एटीएम और खाते से संबंधित जानकारी सेव नहीं करें.
  • ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय पूरी सावधानी बरतें.
  • मॉल और बड़े शोरूम में जब भी शॉपिंग करने जाएं तो अपना एटीएम और क्रेडिट कार्ड का पिन नहीं बताएं.
  • ध्यान रखें कि आपका कार्ड कोई नहीं बदले.
  • केवल विश्वसनीय मोबाइल एप का उपयोग करें.
  • पैसे ट्रांसफर करने में किसी अन्य मोबाइल एप सिस्टम का उपयोग न करें.
  • किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें.
  • महंगे उपहार के लालच में सस्ते दामों में सामान न खरीदें.
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