इंदौर : मध्य प्रदेश में साइबर ठगों पर शिकंजा कसने के लिए इंदौर क्राइम ब्रांच ने 50 ऐप की लिस्ट जारी (list of fake apps disclosed by indore crime branch) की है. इन ऐप के जरिए लोगों को लोन के नाम पर शिकार बनाया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक, ये सभी ऐप दिल्ली से ऑपरेट किए जा रहे हैं. हालांकि, पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के मामले (cyber fraud cases) में किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है, लेकिन आने वाले दिनों में ऑपरेटर्स के बारे में ज्यादा जानकारी जुटा कर उनकी गिरफ्तारी करने की बात कही जा रही है.
ऐसे होती है फर्जी लोन एप से ठगी
ठगों के निशाने पर सबसे ज्यादा छात्र हैं. छात्रों को ऑनलाइन लोन का लालच देकर उनसे पहले ऐप डाउनलोड करवाया जाता है. जैसे ही ऐप डाउनलोड होता है, उनके फोन की सारी निजी जानकारी ठग के पास चली जाती है. जिसके बाद वे छात्रों को मोबाइल से मिले डेटा के जरिए छात्रों को धमकाना शुरू करते हैं. उनके सामने अलग-अलग डिमांड रखकर वसूली की जाती है. इस तरह धमकियों से परेशान होकर कुछ लोग आत्महत्या तक कर चुके हैं.
पुलिस की चंगुल में नहीं फंस रहे गिरोह
ऑनलाइन ठगी के मामलों में इंदौर क्राइम ब्रांच के पास एक के बाद एक शिकायतें पहुंच रही हैं, लेकिन अब तक ठगों के ये गिरोह साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की पकड़ से दूर हैं.
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पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
लोगों को ठगकर लूटी गई राशि कम होने के कारण पुलिस ऐसे मामलों के प्रति कोई सख्ती नहीं दिखा रही थी. लेकिन इस संबंध में शिकायतें लगातार बढ़ने के बाद पुलिस की कार्रवाई में तेजी आई है. ऑनलाइन ठगी की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए क्राइम ब्रांच ने 50 ऐप की सूची जारी की है. लोगों से इन मोबाइल पर ऐप स्टॉल न करने की अपील की है.