वाराणसीः गंगा की गोद में और गंगा की लहरों पर मेड इन बनारस क्रूज अब सैलानियों को दर्शन कराएगा. आप इसे सुनकर हैरान हो रहे होंगे, लेकिन हैरान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि यह बनारस है. वही बनारस जहां जुगाड़ पर पूरी दुनिया चलती है. बनारस के कारीगरों ने अपना जुगाडू दिमाग लगाते हुए पहला क्रूज तैयार किया है, जो बनारसी अंदाज से जुड़ा हुआ है. बनारसी रंग में रंगा इस क्रूज का नाम भी बाबा विश्वनाथ के नाम पर रखा गया है. विश्वनाथम नाम के इस क्रूज से नाविक बनारस आने वाले सैलानियों को घाटों का दर्शन कराएगा.
बनारस का हुनर दुनिया में मशहूर
बता दें कि दो मंजिला इस क्रूज को यहां के कारीगरों ने बनारस में चलने वाली अलकनंदा क्रूज की तर्ज पर इसे तैयार किया है. यह पूरी तरीके से मेड इन बनारस है. इसे तैयार करने में किसी बड़े आर्किटेक्ट का हाथ नहीं, बल्कि बनारस के मांझी समाज के लोगों का हाथ है. यह बोट बनारस के इतिहास में एक नया अध्याय दर्ज करा देगा, जो बनारस के इतिहास को और भी ज्यादा गौरवान्वित कराएगा. क्योंकि पहली बार बनारस में मांझी समाज ने अपना एक क्रूज तैयार किया है. बनारस पूरे दुनिया में अपने जायके और हुनर के लिए जाना जाता है. बनारस के इस हुनर में एक नया ताज क्रूज भी जुड़ गया है.
'अलकनंदा को देखकर बनाया क्रूज बनाने की हुई इच्छा'
'साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला क्रूज अलकनंदा चलाया था. हम इन सब चीजों को होते हुए देख रहे थे. हमारे मन में आया कि इसी तरीके से कुछ करते हुए हमें भी अपनी एक पहचान बनानी है.' क्रूज तैयार करने वाले मांझी समाज के लोगों ने ईटीवी भारत से अपनी बात साझा की. मांझी समाज के अजय शाहनी ने बताया कि, 'अस्सी घाट से लेकर वरुणा घाट तक वाराणसी में 84 घाट हैं. ऐसे में जो भी पर्यटक यहां पर आएंगे हम उन्हें अपने विश्वनाथम बोट से पूरे 84 घाट की यात्रा और दर्शन कराएंगे. उन्हें गंगा आरती भी दिखाई जाएगी.'
"सबसे कम रेट में यात्री घूमेंगे सभी घाट"अजय शाहनी ने बताया कि 'विश्वनाथम बोट में 120 सीटें बैठने के लिए तैयार की गई हैं. इसके साथ ही वह अलकनंदा से बहुत ही कम रेट में अपने यात्रियों को पूरा वाराणसी के घाट के दर्शन कराएंगे. इसके अलावा उनके क्रूज में भी वाई-फाई, एसी की व्यवस्था भी रहेगी. जो सुविधाएं अलकनंदा में मिल रही हैं. वो सभी सुविधाएं वह अपने बोट में यात्रियों को देंगे.' विश्वनाथम बोट पर्यटकों को एक हाई-फाई सुविधा वाली बोट के साथ अपने पर्यटकों को मां गंगा की गोद में वाराणसी की सैर कराएगा. यह बोट पर्यटकों को वाराणसी की एक नई गाथा भी बताएगा.'बनारस के लिए गर्व की बात'स्थानीय निवासी अभिषेक ने बताया कि 'यह बनारस के लिए गर्व करने वाली बात है कि बनारस का जो मांझी समाज है उन्होंने यह क्रूज तैयार किया है. बनारस का यह ऐसा पहला क्रूज है जो बनारस में ही बनकर तैयार हो रहा है. यह अलकनंदा की तर्ज पर ही तैयार किया जा रहा है. जैसा अलकनंदा है, ठीक वैसा ही इसे तैयार किया जा रहा है. अलकनंदा क्रूज बनारस के बाहर तैयार हुआ है. उन्होंने एक और खासियत बताई कि यह क्रूज अलकनंदा क्रूज से बेहद कम रेट पर यात्रियों को बनारस की सैर कराएगा. इससे यहां के लोकल यात्री भी इससे सफर कर सकेंगे.अलकनंदा से भी बड़ा है बनारसी क्रूजअब तक वाराणसी में या अन्य क्षेत्र में मौजूद क्रूज कोलकाता जैसे बड़े शहरों में बनाए जाते थे. लेकिन बनारस के नविक समाज ने बनारसी जुगाड़ से एक नया क्रूज तैयार किया है. इसका नाम विश्वनाथम रखा गया है. बड़ी बात यह है कि यह क्रूज गंगा में मौजूद अलकनंदा क्रूज से 5 फिट बड़ा है, जो बेहद सीमित किराए में पर्यटकों को बनारस का दर्शन कराएगी. इसके साथ ही यह क्रूज इतनी सस्ती होगी कि वाराणसी और आस-पास के जिलों से आने वाले पर्यटक भी इसपर आसानी से पैसे खर्च कर घूम सकेंगे. ऐसे में यह क्रूज न सिर्फ यात्रियों के लिए गंगा की लहरों पर घूमना आसान बनाएगा, बल्कि बनारस के इतिहास में एक अपना क्रूज भी लिखा जाएगा.
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