नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में आतंकियों का मुकाबला करने के लिए विलेज डिफेंस कमेटी (वीडीसी) के गार्डों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के विशेषज्ञ हथियारों का प्रशिक्षण देंगे. इन गार्डों को आतंकवादी हमलों को विफल करने और आपात स्थिति में लोगों की मदद करने के बारे में निपुण बनाया जाएगा. इस संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा, हथियारों और प्रतिभागियों की संख्या जल्द तय की जाएगी.
सीआरपीएफ के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी जिलों की विलेज डिफेंस कमेटी (VDC) के सदस्यों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ये ट्रेनिंग उन वीडीसी सदस्यों को दी जाएगी जिनके पास खुद का कोई हथियार है और हथियार चलाने का लाइसेंस भी है. अधिकारी ने साफ तौर से कहा कि सीआरपीएफ और सरकार वीडीसी के सदस्यों को हथियार नहीं मुहैया कराएगी. ये ट्रेनिंग उन लोगों को दी जाएगी जिनके पास पहले से कोई हथियार है. सूत्रों के मुताबिक, राज्य पुलिस भी वीडीसी सदस्यों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देगी.
बता दें कि 1 जनवरी को जब आतंकियों ने राजौरी के ढांगरी गांव में 3 घरों पर अंधाधुंध फायरिंग की तो वहां मौजूद वीडीसी सदस्य, बाल किशन ने अपनी .303 राइफल से मुकाबला किया था. बाल किशन की फायरिंग के बाद आतंकी वहां से फरार हो गए थे. लेकिन इस फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी. इसके अगले दिन ही आतंकियों द्वारा वहां लगाई गई आईईडी (ब्लास्ट) में दो लोगों की जान चली गई थी. मरने वालों में एक मासूम बच्चा भी था.
बाल किशन की बहादुरी को देखते हुए ही सरकार ने वीडीसी को मजबूत करने का निर्णय लिया है ताकि जरूरत पड़ने पर आतंकवादियों से मुकाबला किया जा सके. वहीं 1-2 जनवरी की आतंकी घटनाओं को देखते हुए गृह मंत्रालय ने राजौरी और पुंछ जिलों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीआरपीएफ की 18 कंपनियों (करीब 1800 जवानों) को भेजने का फैसला किया है. ये कंपनियां कश्मीर घाटी की तरह ही जम्मू-क्षेत्र के राजौरी और पुंछ जिलों में रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) और सड़कों पर नाका लगाने में जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद करेंगी.
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