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राजस्थान: सूरतगढ़ में हुए विवाद ने नरेश को तोड़ दिया था, अधिकारी के साथ बातचीत के ऑडियो में रोया

राजस्थान में सीआरपीएफ जवान नरेश जाट ने खुद को क्यों शूट किया इसको लेकर तमाम तरह की बातें कही जा रही हैं. एक वीडियो भी सामने आया जिसमें जिसमें अपनी जान लेने से पहले उसने मानसिक प्रताड़ना का जिक्र किया है (Audio Of CRPF Jawan). पुलिस के हाथ वो 7 पन्ने का सुसाइड नोट भी हाथ लगा है जिसमें उसने एएसआई सतवीर को रसूखदार बताया है. उसके एक अधिकारी से बातचीत का ऑडियो भी सामने आया है, जिसमें उसने अपना दर्द बयां किया है. इसमें वो फूट-फूट कर रो रहा है.

CRPF jawan Suicide Case
CRPF jawan Suicide Case
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Published : Jul 13, 2022, 7:48 AM IST

जोधपुर. राजस्थान में सीआरपीएफ के कांस्टेबल नरेश जाट की मौत के बाद (CRPF jawan Suicide Case) सामने आए उसके वीडियो, ऑडियो और सुसाइड नोट में जो बातें सामने आ रही है उससे लगता है कि इस क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. अपने सात पेज के सुसाइड नोट में नरेश ने बुहुत कुछ लिखा है. खासतौर से पिछले कुछ दिनों से उसके साथ हो रहे दोयम दर्जे के बर्ताव के बारे में भी.

अधिकारी से बातचीत का ऑडियो- नरेश का सीआरपीएफ के एक अधिकारी से बातचीत का भी ऑडियो आया है। जिसमे उसने अधिकारी को आप बीती बताई। अधिकारी कह रहे है कि तुम मुझसे बात करो, मैं तुम्हारे लिए आया हूं. मैं आ रहा हूं तुम्हारे पास. लेकिन नरेश ने कहा साहब आप आना मत, मै मर जाऊंगा. इस चैट में सुनाई दे रहा है कि अधिकारी बार बार उससे ऐसा काम न करने को कह रहे हैं और मनाने की कोशिश कर रहे हैं. जिस पर नरेश कहते हुए सुना जा सकता है कि साहब मेरी नौकरी तो खराब हो गई. अधिकारी उसे समझाते रहे लेकिन वो नहीं माना उसके बाद उसने खुद को गोली मार ली थी.

पढ़ें-CRPF Jawan Suicide Case: खुद को गोली मारने से पहले सीआरपीएफ जवान ने बनाया था वीडियो, सुसाइड नोट भी लिखा था

सुसाइड नोट में बयां किया हाल- अपने सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि पहले उसे सूरतगढ भेज दिया गया फिर वापस जोधपुर बुलाया. इसके बाद फिर भेजा तो नोखा से वापस बुलाया क्योंकि सूरतगढ़ में एएसआई सतवीर से उसका विवाद हुआ था. इसकी वजह उसने अनुशासन की पालना को बताया. उसने कहा कि क्योंकि वो अपनी ड्यूटी पर नियमों की पालना करवाता था तो उसे प्रताड़ित किया गया.

नरेश इस बात को लेकर भी परेशान था उसके छुट्टी नहीं दी जा रही थी. डीआईजी से मिलवाने के नाम पर सुबह से शाम तक इंतजार करवाया जा रहा था. उसकी बेटी के लिए स्कूल की गाड़ी की अनुमति भी नहीं मिली. इसमें लिखा है कि संजय साहब अपनी बेटी को इतनी दूर स्कूल गाड़ी से भेज रहे हैं जबकि मैंने अपनी बेटी का एडमिशन फार्म सबसे पहले दिया था. बेटी को मेरी पत्नी ड्राइवर के हाथ जोड़ कर बिठाती है. मेरी बीवी मुझसे पूछती है कि प​रमिशन का क्या हुआ? जबकि मेरा फार्म सबसे पहले दिया गया था, उन्हें परमिशन मिल गई क्योंकि वह सब अधिकारी है जबकि हम कीड़े मकौड़े हैं.

सात रिवॉर्ड फिर भी नौकरी खराब- नरेश ने लिखा है कि मेरी अच्छी नौकरी चल रही हैं मेरे सात रिवॉर्ड हैं. लेकिन अफसरों ने मेरी नौकरी खराब कर दी है. मेरे पास कोई चारा नहीं है. मुझे जोधपुर बुलाकर ड्यूटी नहीं दी जा रही है. छुट्टी के लिए भी मना कर दिया गया है. डीआईजी से भी बातचीत का आडियो वायरल हो रखा है जिसमें उसे घर भेजने के लिए धमकाया जा रहा है।

जोधपुर. राजस्थान में सीआरपीएफ के कांस्टेबल नरेश जाट की मौत के बाद (CRPF jawan Suicide Case) सामने आए उसके वीडियो, ऑडियो और सुसाइड नोट में जो बातें सामने आ रही है उससे लगता है कि इस क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. अपने सात पेज के सुसाइड नोट में नरेश ने बुहुत कुछ लिखा है. खासतौर से पिछले कुछ दिनों से उसके साथ हो रहे दोयम दर्जे के बर्ताव के बारे में भी.

अधिकारी से बातचीत का ऑडियो- नरेश का सीआरपीएफ के एक अधिकारी से बातचीत का भी ऑडियो आया है। जिसमे उसने अधिकारी को आप बीती बताई। अधिकारी कह रहे है कि तुम मुझसे बात करो, मैं तुम्हारे लिए आया हूं. मैं आ रहा हूं तुम्हारे पास. लेकिन नरेश ने कहा साहब आप आना मत, मै मर जाऊंगा. इस चैट में सुनाई दे रहा है कि अधिकारी बार बार उससे ऐसा काम न करने को कह रहे हैं और मनाने की कोशिश कर रहे हैं. जिस पर नरेश कहते हुए सुना जा सकता है कि साहब मेरी नौकरी तो खराब हो गई. अधिकारी उसे समझाते रहे लेकिन वो नहीं माना उसके बाद उसने खुद को गोली मार ली थी.

पढ़ें-CRPF Jawan Suicide Case: खुद को गोली मारने से पहले सीआरपीएफ जवान ने बनाया था वीडियो, सुसाइड नोट भी लिखा था

सुसाइड नोट में बयां किया हाल- अपने सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि पहले उसे सूरतगढ भेज दिया गया फिर वापस जोधपुर बुलाया. इसके बाद फिर भेजा तो नोखा से वापस बुलाया क्योंकि सूरतगढ़ में एएसआई सतवीर से उसका विवाद हुआ था. इसकी वजह उसने अनुशासन की पालना को बताया. उसने कहा कि क्योंकि वो अपनी ड्यूटी पर नियमों की पालना करवाता था तो उसे प्रताड़ित किया गया.

नरेश इस बात को लेकर भी परेशान था उसके छुट्टी नहीं दी जा रही थी. डीआईजी से मिलवाने के नाम पर सुबह से शाम तक इंतजार करवाया जा रहा था. उसकी बेटी के लिए स्कूल की गाड़ी की अनुमति भी नहीं मिली. इसमें लिखा है कि संजय साहब अपनी बेटी को इतनी दूर स्कूल गाड़ी से भेज रहे हैं जबकि मैंने अपनी बेटी का एडमिशन फार्म सबसे पहले दिया था. बेटी को मेरी पत्नी ड्राइवर के हाथ जोड़ कर बिठाती है. मेरी बीवी मुझसे पूछती है कि प​रमिशन का क्या हुआ? जबकि मेरा फार्म सबसे पहले दिया गया था, उन्हें परमिशन मिल गई क्योंकि वह सब अधिकारी है जबकि हम कीड़े मकौड़े हैं.

सात रिवॉर्ड फिर भी नौकरी खराब- नरेश ने लिखा है कि मेरी अच्छी नौकरी चल रही हैं मेरे सात रिवॉर्ड हैं. लेकिन अफसरों ने मेरी नौकरी खराब कर दी है. मेरे पास कोई चारा नहीं है. मुझे जोधपुर बुलाकर ड्यूटी नहीं दी जा रही है. छुट्टी के लिए भी मना कर दिया गया है. डीआईजी से भी बातचीत का आडियो वायरल हो रखा है जिसमें उसे घर भेजने के लिए धमकाया जा रहा है।

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