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आईएएस न बन सके तो बन बैठे सॉल्वर, लेखपाल 12-12 लाख रुपये लेकर बीडीओ की दिलवा रहा था परीक्षा

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Published : Jun 27, 2023, 7:15 AM IST

Updated : Jun 28, 2023, 3:30 PM IST

यूपी एसटीएफ ने सॉल्वर गैंग के 14 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी लखनऊ और बरेली से की गई हैं. इन लोगों ने ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा पास कराने की डील की थी.

लखनऊ
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लखनऊ: यूपी में ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग के 14 लोगों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी लखनऊ के मदेयगंज, गोमतीनगर विस्तार और बरेली से की गई है. जिन सॉल्वर व गैंग सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, इनमें एक लेखपाल है. वहीं, कई युवक सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं. बता दें कि सोमवार को प्रदेश के 20 जिलों में 737 परीक्षा केंद्रों पर ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक के लिए चार पालियों में परीक्षा हो रही थी.

उत्तर प्रदेश में सोमवार को ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक की परीक्षा आयोजित की गई. इस दौरान लखनऊ, बरेली और गोरखपुर के परीक्षा केंद्रों पर यूपी एसटीएफ ने अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा दे रहे सॉल्वर और गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी की. पूछताछ में सामने आया है कि इन तीनों पदों के लिए हो रही परीक्षा में पास करवाने को लेकर 8 लाख से लेकर 12 लाख रुपये अभ्यर्थियों से वसूले गए थे. बिहार से सॉल्वर लाकर परीक्षा में अभ्यर्थियों के स्थान पर बैठाए गए थे.

लेखपाल ने 12-12 लाख रुपये में तय किया था नौकरी दिलाने का सौदा

एसएसपी विशाल विक्रम के मुताबिक, मदेगंज इलाके से गिरफ्तार किए गए सॉल्वर आजमगढ़ निवासी राहुल यादव ने बताया कि वह बीते 12 वर्षों से प्रयागराज में यूपीएससी की तैयारी कर रहा था. इसी दौरान उसकी मुलाकात आजमगढ़ निवासी कमलेश यादव से हुई थी, जो जौनपुर में लेखपाल के पद पर तैनात है. कमलेश आजमगढ़, जौनपुर समेत कई जिलों से युवाओं को बीडीओ की परीक्षा में पास करवाने के लिए 12 लाख रुपये में डील करता था. कमलेश ने ही उसे सॉल्वर बनकर परीक्षा में बैठने के लिए कहा था. इसके एवज में मोटी रकम देने का वादा भी किया था. इसलिए, वह परीक्षा केंद्र में कमलेश गुप्ता के स्थान पर परीक्षा देने पहुंचा था. राहुल की शिनाख्त पर एसटीएफ ने लेखपाल कमलेश यादव को भी गोमती नगर विस्तार से गिरफ्तार किया है.

केंद्र में अभ्यर्थी और होटल में सॉल्वर कान में लगाए थे डिवाइस

एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम ने बताया कि कानपुर के एलवीएम कॉलेज के परीक्षा केंद्र से सत्यम तिवारी नाम के अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया गया है, जो ब्लू टूथ डिवाइस कान में लगाकर परीक्षा केंद्र पहुंचा था. सत्यम ने एसटीएफ को बताया कि वह भी लेखपाल कमलेश यादव के संपर्क में आया था और आठ लाख में परीक्षा पास कराने के लिए डील पक्की हुई थी. सोमवार को उसे प्रहलाद नाम के युवक ने एक ब्लूटूथ डिवाइस दी और एक खुद के कान में लगाकर परीक्षा केंद्र के करीब लॉज में चला गया. वहीं से वह सभी सवालों के जवाब लिखवा रहा था. सत्यम ने बताया वह खुद भी आगामी 27 जून को मिर्जापुर में बीडीओ की परीक्षा में बैठने वाला है. एसटीएफ ने सत्यम को गाजीपुर थाने के सुपुर्द कर दिया.

सॉल्वर और परीक्षार्थियों को डिवाइस चलाने की दी गई थी ट्रेनिंग

डिप्टी एसपी एसटीएफ दीपक सिंह ने बताया कि लखनऊ के गाजीपुर इलाके से परीक्षार्थी मनोज यादव और सॉल्वर कमलेश यादव को गिरफ्तार किया गया. डिप्टी एसपी के मुताबिक, सोमवार को होने वाली परीक्षा से पहले सॉल्वर गैंग ने एक होटल में बाकायदा परीक्षार्थियों और सॉल्वर को ब्लू टूथ डिवाइस चलाने की ट्रेनिंग दी थी. परीक्षार्थी मनोज यादव ने भी परीक्षा में पास होने के लिए 12 लाख रुपये में सॉल्वर गैंग से डील की थी. इसके लिए उसने अपना एक ट्रक बेचकर 40 हजार रुपये गैंग को दिए थे और फिर गैंग सदस्य कमलेश उसे उस जगह ले गया, जहां डिवाइस चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी.

एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि बरेली से सात सॉल्वर गैंग के सदस्य व परीक्षार्थी और गोरखपुर से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. ये सॉल्वर और परीक्षार्थी भी ब्लू टूथ डिवाइस के जरिए परीक्षा देने केंद्र पहुंचे थे. इन्हें भी एसटीएफ ने परीक्षा केंद्र से ही गिरफ्तार किया था. जिन आरोपियों की गिरफ्तारी बरेली से की गई है, उनमें गैंग सरगना मुरादाबाद निवासी नाजिम, बिहार के नीरज व संदीप, मुरादाबाद के परीक्षार्थी जाबिर अली, मोहसिन व मुकेश शामिल हैं. वहीं, गोरखपुर से अंबेडकरनगर निवासी रितेश त्रिपाठी व दीपांशु वर्मा शामिल हैं.

एसटीएफ की टीम ने सॉल्वर गैंग के सरगना नाजिम थाना कटघर जनपद मुरादाबाद को गिरफ्तार किया. यह मुरादाबाद से प्रधानी का चुनाव भी लड़ चुका है. एसटीएफ की टीम ने इसके साथ-साथ उसके साथी सॉल्वर नीरज कुमार जनपद नालंदा बिहार और दूसरा सॉल्वर संदीप कुमार गया बिहार और इनके साथ-साथ जाबिर अली निवासी मुरादाबाद दूसरा परीक्षार्थी मुकेश कुमार निवासी मुरादाबाद और इनके दो मददगार मोहसिन निवासी मुरादाबाद और कुलदीप काशीपुर उत्तराखंड को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों से जब एसटीएफ की टीम में पूछताछ की तो पता चला कि मुरादाबाद का रहने वाला सॉल्वर गैंग का मास्टरमाइंड नाजिम ने परीक्षार्थियों से परीक्षा में पास कराकर नौकरी लगवाने के बदले 1000000 से 1500000 रुपये में बात हुई थी. इसके लिए उन्होंने असली परीक्षार्थी के फोटो को मिक्सिंग कर एडमिट कार्ड और फिर फर्जी आधार कार्ड बनाकर परीक्षा में बैठाया था.

यह भी पढ़ें: आयकर विभाग की टीमों ने 600 करोड़ रुपये का बोगस लेनदेन और 100 करोड़ की कर चोरी पकड़ी

लखनऊ: यूपी में ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग के 14 लोगों को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी लखनऊ के मदेयगंज, गोमतीनगर विस्तार और बरेली से की गई है. जिन सॉल्वर व गैंग सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, इनमें एक लेखपाल है. वहीं, कई युवक सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं. बता दें कि सोमवार को प्रदेश के 20 जिलों में 737 परीक्षा केंद्रों पर ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक के लिए चार पालियों में परीक्षा हो रही थी.

उत्तर प्रदेश में सोमवार को ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक की परीक्षा आयोजित की गई. इस दौरान लखनऊ, बरेली और गोरखपुर के परीक्षा केंद्रों पर यूपी एसटीएफ ने अभ्यर्थियों के स्थान पर परीक्षा दे रहे सॉल्वर और गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी की. पूछताछ में सामने आया है कि इन तीनों पदों के लिए हो रही परीक्षा में पास करवाने को लेकर 8 लाख से लेकर 12 लाख रुपये अभ्यर्थियों से वसूले गए थे. बिहार से सॉल्वर लाकर परीक्षा में अभ्यर्थियों के स्थान पर बैठाए गए थे.

लेखपाल ने 12-12 लाख रुपये में तय किया था नौकरी दिलाने का सौदा

एसएसपी विशाल विक्रम के मुताबिक, मदेगंज इलाके से गिरफ्तार किए गए सॉल्वर आजमगढ़ निवासी राहुल यादव ने बताया कि वह बीते 12 वर्षों से प्रयागराज में यूपीएससी की तैयारी कर रहा था. इसी दौरान उसकी मुलाकात आजमगढ़ निवासी कमलेश यादव से हुई थी, जो जौनपुर में लेखपाल के पद पर तैनात है. कमलेश आजमगढ़, जौनपुर समेत कई जिलों से युवाओं को बीडीओ की परीक्षा में पास करवाने के लिए 12 लाख रुपये में डील करता था. कमलेश ने ही उसे सॉल्वर बनकर परीक्षा में बैठने के लिए कहा था. इसके एवज में मोटी रकम देने का वादा भी किया था. इसलिए, वह परीक्षा केंद्र में कमलेश गुप्ता के स्थान पर परीक्षा देने पहुंचा था. राहुल की शिनाख्त पर एसटीएफ ने लेखपाल कमलेश यादव को भी गोमती नगर विस्तार से गिरफ्तार किया है.

केंद्र में अभ्यर्थी और होटल में सॉल्वर कान में लगाए थे डिवाइस

एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम ने बताया कि कानपुर के एलवीएम कॉलेज के परीक्षा केंद्र से सत्यम तिवारी नाम के अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया गया है, जो ब्लू टूथ डिवाइस कान में लगाकर परीक्षा केंद्र पहुंचा था. सत्यम ने एसटीएफ को बताया कि वह भी लेखपाल कमलेश यादव के संपर्क में आया था और आठ लाख में परीक्षा पास कराने के लिए डील पक्की हुई थी. सोमवार को उसे प्रहलाद नाम के युवक ने एक ब्लूटूथ डिवाइस दी और एक खुद के कान में लगाकर परीक्षा केंद्र के करीब लॉज में चला गया. वहीं से वह सभी सवालों के जवाब लिखवा रहा था. सत्यम ने बताया वह खुद भी आगामी 27 जून को मिर्जापुर में बीडीओ की परीक्षा में बैठने वाला है. एसटीएफ ने सत्यम को गाजीपुर थाने के सुपुर्द कर दिया.

सॉल्वर और परीक्षार्थियों को डिवाइस चलाने की दी गई थी ट्रेनिंग

डिप्टी एसपी एसटीएफ दीपक सिंह ने बताया कि लखनऊ के गाजीपुर इलाके से परीक्षार्थी मनोज यादव और सॉल्वर कमलेश यादव को गिरफ्तार किया गया. डिप्टी एसपी के मुताबिक, सोमवार को होने वाली परीक्षा से पहले सॉल्वर गैंग ने एक होटल में बाकायदा परीक्षार्थियों और सॉल्वर को ब्लू टूथ डिवाइस चलाने की ट्रेनिंग दी थी. परीक्षार्थी मनोज यादव ने भी परीक्षा में पास होने के लिए 12 लाख रुपये में सॉल्वर गैंग से डील की थी. इसके लिए उसने अपना एक ट्रक बेचकर 40 हजार रुपये गैंग को दिए थे और फिर गैंग सदस्य कमलेश उसे उस जगह ले गया, जहां डिवाइस चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी.

एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि बरेली से सात सॉल्वर गैंग के सदस्य व परीक्षार्थी और गोरखपुर से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया. ये सॉल्वर और परीक्षार्थी भी ब्लू टूथ डिवाइस के जरिए परीक्षा देने केंद्र पहुंचे थे. इन्हें भी एसटीएफ ने परीक्षा केंद्र से ही गिरफ्तार किया था. जिन आरोपियों की गिरफ्तारी बरेली से की गई है, उनमें गैंग सरगना मुरादाबाद निवासी नाजिम, बिहार के नीरज व संदीप, मुरादाबाद के परीक्षार्थी जाबिर अली, मोहसिन व मुकेश शामिल हैं. वहीं, गोरखपुर से अंबेडकरनगर निवासी रितेश त्रिपाठी व दीपांशु वर्मा शामिल हैं.

एसटीएफ की टीम ने सॉल्वर गैंग के सरगना नाजिम थाना कटघर जनपद मुरादाबाद को गिरफ्तार किया. यह मुरादाबाद से प्रधानी का चुनाव भी लड़ चुका है. एसटीएफ की टीम ने इसके साथ-साथ उसके साथी सॉल्वर नीरज कुमार जनपद नालंदा बिहार और दूसरा सॉल्वर संदीप कुमार गया बिहार और इनके साथ-साथ जाबिर अली निवासी मुरादाबाद दूसरा परीक्षार्थी मुकेश कुमार निवासी मुरादाबाद और इनके दो मददगार मोहसिन निवासी मुरादाबाद और कुलदीप काशीपुर उत्तराखंड को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों से जब एसटीएफ की टीम में पूछताछ की तो पता चला कि मुरादाबाद का रहने वाला सॉल्वर गैंग का मास्टरमाइंड नाजिम ने परीक्षार्थियों से परीक्षा में पास कराकर नौकरी लगवाने के बदले 1000000 से 1500000 रुपये में बात हुई थी. इसके लिए उन्होंने असली परीक्षार्थी के फोटो को मिक्सिंग कर एडमिट कार्ड और फिर फर्जी आधार कार्ड बनाकर परीक्षा में बैठाया था.

यह भी पढ़ें: आयकर विभाग की टीमों ने 600 करोड़ रुपये का बोगस लेनदेन और 100 करोड़ की कर चोरी पकड़ी

Last Updated : Jun 28, 2023, 3:30 PM IST
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