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झांसी अग्निकांड: आमिर का दिन सुबह से ही चल रहा था खराब, हादसे से पहले हुई थी ये बात

झांसी के सीपरी बाजार अग्निकांड में जान गंवाने वाले आमिर के परिजनों से ईटीवी भारत ने मुलाकात की. आमिर अपने बेटे को बैंकिंग की तैयारी कराना चाहते थे. वहीं, पत्नी ने बताया कि हादसे के बाद उनकी कंपनी ने अभी तक परिजनों से संपर्क नहीं किया है.

झांसी
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Published : Jul 5, 2023, 1:53 PM IST

Updated : Jul 5, 2023, 8:00 PM IST

झांसी अग्निकांड की ग्राउंड रिपोर्ट.

झांसीः जिले में सोमवार को सीपरी बाजार में हुए अग्निकांड में पांच लोगों ने अपनी जान गंवा दी. कई लोग बुरी तरह घायल भी हो गए. इस दौरान कई लोगों ने तो छत से कूदकर अपनी जान बचाई. करीब 10 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आग पर काबू पाया जा सका था. इस हादसे ने पूरे प्रदेश को झंकझोर कर रख दिया. हादसे के बाद प्रदेश सरकार ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए पीड़ितों और उनके परिजनों को मुवाअजा देने का भी एलान किया था.

अग्निकांड में जान गंवाने वाले छनियापुरा इलाके के आमिर खान (38) के परिजनों से ईटीवी भारत की टीम ने मुलाकात की. इस दौरान पति की मौत का गम उनकी पत्नी के सूख चुके आंसू और मासूम बेटे की छिन चुकी मुस्कुराहट में साफ नजर आ रहा था. आमिर अपने बेटे को उसका भविष्य खुद चुनने के लिए प्रेरित करते थे. जिसके लिए अब पत्नी ने सरकार से उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी की मांग की है, ताकि बेटे के भविष्य के लिए और जीवन यापन के लिए किसी के आगे उन्हें हाथ न फैलाना पड़े.

बॉस ने लगाई थी डांटः आमिर की पत्नी अमरीन खान (24) ने बताया कि आमिर वीआर ट्रेडर्स में अकाउंटेंट के पद पर थे. वह लॉकडाउन के बाद से वहां काम कर रहे थे. आमिर से उनकी आखरी बार बात सोमवार को दोपहर 1 बजे हुई थी. आमिर कुछ परेशान थे. पूछने पर उन्होंने बताया कि वह सुबह ऑफिस जाने से पहले अपने नए मकान का काम देखने के लिए गए थे, जिसके चलते उन्हें ऑफिस पहुंचने में एक घंटे की देरी हो गई. इस पर बॉस ने उसको डांट दिया और सोमवार को पूरे दिन की लीव लगा दी.

आमिर बेटे को बैंकिग सेक्टर में भेजना चाहता था: आमिर ने उससे कहा था कि वह आगे से कभी भी छुट्टी वाले दिन ऑफिस नहीं जाएगा. ऑफिस वाले उन्हें जब भी छुट्टी के दिन बुलाते थे, तो वह चले जाते थे. तीन घंटे बाद उनको इस हादसे की खबर मिली. अमरीन ने बताया कि बेटे अरीब खान (10) की पढ़ाई को लेकर ज्यादा चिंता करते थे. वह अभी छठवीं क्लास में पढ़ता था. वह बेटे को किसी हॉस्टल में दाखिला दिलाने की सोच रहे थे. आमिर उसे बैंकिंग सेक्टर में भेजना चाहते थे. लेकिन, कभी उस पर यह थोपने का नहीं सोचा.

मां से बकरीद पर हुई थी मुलाकात: आमिर की बुजुर्ग मां शबा परवीन ने बताया कि आमिर को उन्होंने पिछले दिनों बकरीद के दिन देखा था. फिर उसके अगले दिन उससे फोन पर बात हुई थी. इसके बाद बेटे का चेहरा देखना उनको नसीब नहीं हुआ. खुदा ने इस बुढ़ापे में उनसे उनका बेटा छीन लिया. उन्होंने कहा कि उनको उनकी बहु और पोते की चिंता सताए जा रही है. आमिर की मां ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों की अगर सच में मदद करनी है, तो सरकार को उन्हें नौकरी देनी चाहिए. ताकि, पीड़ितों के परिजन अपने बच्चों का सही तरीके से पालन पोषण कर सके.

5 भाई बहन में सबसे छोटा था आमिर: आमिर उनमें सबसे छोटा था. आमिर के बड़े भाई नौशाद खान ने बताया कि वह पांच भाई बहन हैं. आमिर उनमें सबसे छोटा था. आमिर बचपन से ही पढ़ाई में तेज था. वह वीआर ट्रेडर्स के अलावा एक जगह और कंप्यूटर का काम करता था. इसके लिए वह सुबह 6.30 बजे घर से निकलता था. सोमवार सुबह वह ऑफिस जाने से पहले अपने नए बन रहे मकान पर गया और फिर उसके बाद वह ऑफिस गया.

पापा का सपना करूंगा पूरा: आमिर के बेटे अरीब ने बताया कि उसने शनिवार को पापा के साथ आखरी बार खाना खाया था. तब ही उसने उनको आखिरी बार देखा था. क्योंकि, जब वह सुबह सोकर उठता था. तब तक उसके पिता घर से निकल चुके होते थे. उसने बताया कि पिता ने उससे कहा था कि बेटा तुझे बैंक की तैयारी करना है और तुझे बैंकिंग सेक्टर में जाना है. अरीब ने कहा कि वो अपने पिता का सपना पूरा करेगा. फिलहाल, इस घटना के लिए लोग प्रशासन को भी जिम्मेदार मान रहे हैं. इसमें जेडीए और नगर निगम पर भी लापरावही के आरोप लग रहे हैं. बता दें कि इतनी बड़ी बिल्डिंग में जहां कमर्शियल गतिविधियां थीं, उसमें सिर्फ एक एंट्रेंस गेट था. मामले की छानबीन जारी है.

ये भी पढ़ेंः झांसी में अग्निकांड ने ली 5 की जान, 6 को बचाया गया, मृतकों के परिजनों को मिले 4-4 लाख रुपये

झांसी अग्निकांड की ग्राउंड रिपोर्ट.

झांसीः जिले में सोमवार को सीपरी बाजार में हुए अग्निकांड में पांच लोगों ने अपनी जान गंवा दी. कई लोग बुरी तरह घायल भी हो गए. इस दौरान कई लोगों ने तो छत से कूदकर अपनी जान बचाई. करीब 10 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आग पर काबू पाया जा सका था. इस हादसे ने पूरे प्रदेश को झंकझोर कर रख दिया. हादसे के बाद प्रदेश सरकार ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए पीड़ितों और उनके परिजनों को मुवाअजा देने का भी एलान किया था.

अग्निकांड में जान गंवाने वाले छनियापुरा इलाके के आमिर खान (38) के परिजनों से ईटीवी भारत की टीम ने मुलाकात की. इस दौरान पति की मौत का गम उनकी पत्नी के सूख चुके आंसू और मासूम बेटे की छिन चुकी मुस्कुराहट में साफ नजर आ रहा था. आमिर अपने बेटे को उसका भविष्य खुद चुनने के लिए प्रेरित करते थे. जिसके लिए अब पत्नी ने सरकार से उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी की मांग की है, ताकि बेटे के भविष्य के लिए और जीवन यापन के लिए किसी के आगे उन्हें हाथ न फैलाना पड़े.

बॉस ने लगाई थी डांटः आमिर की पत्नी अमरीन खान (24) ने बताया कि आमिर वीआर ट्रेडर्स में अकाउंटेंट के पद पर थे. वह लॉकडाउन के बाद से वहां काम कर रहे थे. आमिर से उनकी आखरी बार बात सोमवार को दोपहर 1 बजे हुई थी. आमिर कुछ परेशान थे. पूछने पर उन्होंने बताया कि वह सुबह ऑफिस जाने से पहले अपने नए मकान का काम देखने के लिए गए थे, जिसके चलते उन्हें ऑफिस पहुंचने में एक घंटे की देरी हो गई. इस पर बॉस ने उसको डांट दिया और सोमवार को पूरे दिन की लीव लगा दी.

आमिर बेटे को बैंकिग सेक्टर में भेजना चाहता था: आमिर ने उससे कहा था कि वह आगे से कभी भी छुट्टी वाले दिन ऑफिस नहीं जाएगा. ऑफिस वाले उन्हें जब भी छुट्टी के दिन बुलाते थे, तो वह चले जाते थे. तीन घंटे बाद उनको इस हादसे की खबर मिली. अमरीन ने बताया कि बेटे अरीब खान (10) की पढ़ाई को लेकर ज्यादा चिंता करते थे. वह अभी छठवीं क्लास में पढ़ता था. वह बेटे को किसी हॉस्टल में दाखिला दिलाने की सोच रहे थे. आमिर उसे बैंकिंग सेक्टर में भेजना चाहते थे. लेकिन, कभी उस पर यह थोपने का नहीं सोचा.

मां से बकरीद पर हुई थी मुलाकात: आमिर की बुजुर्ग मां शबा परवीन ने बताया कि आमिर को उन्होंने पिछले दिनों बकरीद के दिन देखा था. फिर उसके अगले दिन उससे फोन पर बात हुई थी. इसके बाद बेटे का चेहरा देखना उनको नसीब नहीं हुआ. खुदा ने इस बुढ़ापे में उनसे उनका बेटा छीन लिया. उन्होंने कहा कि उनको उनकी बहु और पोते की चिंता सताए जा रही है. आमिर की मां ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों की अगर सच में मदद करनी है, तो सरकार को उन्हें नौकरी देनी चाहिए. ताकि, पीड़ितों के परिजन अपने बच्चों का सही तरीके से पालन पोषण कर सके.

5 भाई बहन में सबसे छोटा था आमिर: आमिर उनमें सबसे छोटा था. आमिर के बड़े भाई नौशाद खान ने बताया कि वह पांच भाई बहन हैं. आमिर उनमें सबसे छोटा था. आमिर बचपन से ही पढ़ाई में तेज था. वह वीआर ट्रेडर्स के अलावा एक जगह और कंप्यूटर का काम करता था. इसके लिए वह सुबह 6.30 बजे घर से निकलता था. सोमवार सुबह वह ऑफिस जाने से पहले अपने नए बन रहे मकान पर गया और फिर उसके बाद वह ऑफिस गया.

पापा का सपना करूंगा पूरा: आमिर के बेटे अरीब ने बताया कि उसने शनिवार को पापा के साथ आखरी बार खाना खाया था. तब ही उसने उनको आखिरी बार देखा था. क्योंकि, जब वह सुबह सोकर उठता था. तब तक उसके पिता घर से निकल चुके होते थे. उसने बताया कि पिता ने उससे कहा था कि बेटा तुझे बैंक की तैयारी करना है और तुझे बैंकिंग सेक्टर में जाना है. अरीब ने कहा कि वो अपने पिता का सपना पूरा करेगा. फिलहाल, इस घटना के लिए लोग प्रशासन को भी जिम्मेदार मान रहे हैं. इसमें जेडीए और नगर निगम पर भी लापरावही के आरोप लग रहे हैं. बता दें कि इतनी बड़ी बिल्डिंग में जहां कमर्शियल गतिविधियां थीं, उसमें सिर्फ एक एंट्रेंस गेट था. मामले की छानबीन जारी है.

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Last Updated : Jul 5, 2023, 8:00 PM IST
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