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सीताराम येचुरी बोले, बीजेपी को हराने के लिए ताकत जुटाएगी सीपीआई-एम

सीपीआई-एम के 23वें कांग्रेस में तीसरी बार महासचिव चुने गए सीताराम येचुरी ने पार्टी का एजेंडा साफ कर दिया है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने बीजेपी को चुनाव में हराने का संकल्प लिया है. हालांकि उन्होंने 2024 के चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे के गठन की संभावना को खारिज कर दिया.

CPIM Sitaram Yechury
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Published : Apr 13, 2022, 8:00 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने एक बार फिर बीजेपी को 'अलग-थलग करने और हराने' का राजनीतिक संकल्प लिया है. तीसरी बार पार्टी के महासचिव चुने गए सीताराम येचुरी ने बुधवार को नई दिल्ली में कहा कि भाजपा सरकार का उपयोग आरएसएस के हिंदुत्व एजेंडे को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाने के लिए कर रही है. उन्होंने देश में बढ़ती महंगाई के लिए बीजेपी शासित केंद्र सरकार और उसकी आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया.

सीपीआई-एम महासचिव ने कहा कि केंद्र की सरकार नियो लिबरल रिफॉर्म्स के माध्यम से सांप्रदायिक-कॉरर्पोरेट गठजोड़ को मजबूत कर रही है. उन्होंने मोदी सरकार पर राष्ट्रीय संपत्ति को लूटने, क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा देने और राजनीतिक भ्रष्टाचार को वैध बनाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने केंद्र सरकार को तानाशाह करार दिया. सीताराम येचुरी ने कहा कि सीपीआई-एम अब अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अपनी ताकत बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी, इससे पार्टी की राजनीतिक हस्तक्षेप करने की क्षमता बढ़ेगी.

6 से 10 अप्रैल के बीच केरल में आयोजित सीपीआई-एम के 23वें कांग्रेस के बारे में जानकारी देते हुए पार्टी महासचिव ने कहा कि पार्टी ने न सिर्फ वामपंथी ताकतों की एकता को मजबूत करने का फैसला किया है, बल्कि धर्मनिरपेक्ष ताकतों को भी लामबंद करने की सहमति दी है. यह पूछे जाने पर कि क्या वाम मोर्चा 2024 के आम चुनावों से पहले संयुक्त मोर्चा बनाने पर अन्य विपक्षी दलों के साथ बातचीत शुरू करेगा? सीताराम येचुरी ने कहा कि राज्यों में मजबूत क्षेत्रीय दलों के साथ तालमेल बनाना संभव है लेकिन केंद्रीय स्तर पर संयुक्त मोर्चे की संभावना नहीं है.

उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले मोर्चे का गठन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. यूपीए का गठन भी चुनावों के बाद ही हुआ था, इसलिए केंद्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने की कोशिश अभी पार्टी के एजेंडा में नहीं है. हालांकि उन्होंने साफ किया कि क्षेत्रीय दलों को भी इसकी समझ होनी चाहिए और हमें उनका समर्थन करना चाहिए, जो बीजेपी को हरा सकते हैं. बता दें कि सीपीआई-एम की केंद्रीय समिति ने सीताराम येचुरी को सर्वसम्मति से पार्टी का महासचिव नियुक्त किया है. पार्टी के केंद्रीय समिति में 85 सदस्य होते हैं. पार्टी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि केंद्रीय समिति में केवल 75 वर्ष से कम आयु के सदस्य होंगे, हालांकि केरल के मुख्यमंत्री इस नियम के अपवाद हैं.

पढ़ें : रैली में तलवार लहराने के आरोप में मनसे प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ मामला दर्ज

नई दिल्ली : भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने एक बार फिर बीजेपी को 'अलग-थलग करने और हराने' का राजनीतिक संकल्प लिया है. तीसरी बार पार्टी के महासचिव चुने गए सीताराम येचुरी ने बुधवार को नई दिल्ली में कहा कि भाजपा सरकार का उपयोग आरएसएस के हिंदुत्व एजेंडे को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाने के लिए कर रही है. उन्होंने देश में बढ़ती महंगाई के लिए बीजेपी शासित केंद्र सरकार और उसकी आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया.

सीपीआई-एम महासचिव ने कहा कि केंद्र की सरकार नियो लिबरल रिफॉर्म्स के माध्यम से सांप्रदायिक-कॉरर्पोरेट गठजोड़ को मजबूत कर रही है. उन्होंने मोदी सरकार पर राष्ट्रीय संपत्ति को लूटने, क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा देने और राजनीतिक भ्रष्टाचार को वैध बनाने का आरोप भी लगाया. उन्होंने केंद्र सरकार को तानाशाह करार दिया. सीताराम येचुरी ने कहा कि सीपीआई-एम अब अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अपनी ताकत बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी, इससे पार्टी की राजनीतिक हस्तक्षेप करने की क्षमता बढ़ेगी.

6 से 10 अप्रैल के बीच केरल में आयोजित सीपीआई-एम के 23वें कांग्रेस के बारे में जानकारी देते हुए पार्टी महासचिव ने कहा कि पार्टी ने न सिर्फ वामपंथी ताकतों की एकता को मजबूत करने का फैसला किया है, बल्कि धर्मनिरपेक्ष ताकतों को भी लामबंद करने की सहमति दी है. यह पूछे जाने पर कि क्या वाम मोर्चा 2024 के आम चुनावों से पहले संयुक्त मोर्चा बनाने पर अन्य विपक्षी दलों के साथ बातचीत शुरू करेगा? सीताराम येचुरी ने कहा कि राज्यों में मजबूत क्षेत्रीय दलों के साथ तालमेल बनाना संभव है लेकिन केंद्रीय स्तर पर संयुक्त मोर्चे की संभावना नहीं है.

उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले मोर्चे का गठन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. यूपीए का गठन भी चुनावों के बाद ही हुआ था, इसलिए केंद्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के साथ गठबंधन करने की कोशिश अभी पार्टी के एजेंडा में नहीं है. हालांकि उन्होंने साफ किया कि क्षेत्रीय दलों को भी इसकी समझ होनी चाहिए और हमें उनका समर्थन करना चाहिए, जो बीजेपी को हरा सकते हैं. बता दें कि सीपीआई-एम की केंद्रीय समिति ने सीताराम येचुरी को सर्वसम्मति से पार्टी का महासचिव नियुक्त किया है. पार्टी के केंद्रीय समिति में 85 सदस्य होते हैं. पार्टी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि केंद्रीय समिति में केवल 75 वर्ष से कम आयु के सदस्य होंगे, हालांकि केरल के मुख्यमंत्री इस नियम के अपवाद हैं.

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