नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बुधवार को नगर निगम ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की थी, इसके बाद से राजनीति तेज हो गई है. जिनके घर और दुकानों को गिराया गया था उनसे मिलने शुक्रवार को डी राजा के नेतृत्व में सीपीआई का डेलीगेशन पहुंचा. हालांकि प्रतिनिधिमंडल को जहांगीरपुरी में सी ब्लॉक के पास कुशल सिनेमा चौक पर रोक दिया गया. सी ब्लॉक क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया गया. प्रतिनिधिमंडल में सांसद बिनॉय विश्वम, वरिष्ठ नेता एनी राजा भी शामिल थे.
मीडिया से बात करते हुए इन नेताओं ने दुकान और मकान तोड़ने की निंदा की. पीड़ितों से मिलने की अनुमति नहीं देने के पुलिस के फैसले के औचित्य पर सवाल उठाते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) को अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. इससे पहले, माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने प्रभावित व्यक्तियों के लिए मुआवजे की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
डी राजा बोले- उनसे मिलने आए हैं जिनके आशियाने उजाड़ गए : सीपीआई नेता डी राजा ने जमकर केंद्र सरकार व नगर निगम पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस सब के लिए केंद्र और नगर निगम दोनों जिम्मेदार हैं. केंद्र और नगर निगम के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद उन लोगों से मिलने आए हैं जिनके आशियाने उजाड़ गए हैं. उनके हक की आवाज उठाने के लिए आए हैं, लेकिन सरकार ने अपनी मनमानी करते हुए लोगों पर बुलडोजर चलाया और अतिक्रमण के नाम पर लोगों को उजाड़ा है.
बता दें कि बीते शनिवार हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर एक धार्मिक जुलूस के दौरान जहांगीरपुरी में दो गुटों के बीच झड़प हुई थी जिसमें दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुछ अन्य लोग भी घायल हुए थे. सांप्रदायिक तनाव बढ़ने के बाद इलाके में तोड़फोड़ और आगजनी भी हुई. हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेते हुए क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की और कई लोगों को गिरफ्तार भी कर चुकी है. हालांकि घटना के बाद उत्तरी दिल्ली के इस इलाके में तनाव व्याप्त है. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को इसी हिंसा से जोड़कर देखा जा रहा है.
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