हैदराबाद: कोविड का खतरा एक बार फिर से मंडराने लगा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार केरल में कोरोना के 292 नए सक्रिय मामले पाए गए हैं. वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसके तेजी से बढ़ते प्रसार का हवाला देते हुए कोविड-19 वेरिएंट जेएन.1 (JN.1) को मूल वंशावली बीए.2.86 ( BA.2.86) से एक अलग वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (VOI) घोषित किया है.
इसे पहले बीए.2.86 सबलाइनेज के हिस्से के रूप में वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में वर्गीकृत किया गया था. उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर जेएन.1 द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में कम माना जाता है. इसके बावजूद उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों की शुरुआत के साथ वैश्विक स्वास्थ्य निकाय के एक बयान में कहा गया है कि जेएन.1 कई देशों में श्वसन संक्रमण का बोझ बढ़ा सकता है.
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As per the Ministry of Health and Family Welfare, Kerala reported 292 new active cases of COVID-19 and 3 deaths yesterday. The total number of active cases in the state is 2041. pic.twitter.com/uwoG6Fx0Fj
— ANI (@ANI) December 20, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) December 20, 2023As per the Ministry of Health and Family Welfare, Kerala reported 292 new active cases of COVID-19 and 3 deaths yesterday. The total number of active cases in the state is 2041. pic.twitter.com/uwoG6Fx0Fj
— ANI (@ANI) December 20, 2023
वायरस से सुरक्षा के संबंध में एजेंसी ने कहा कि मौजूदा टीके जेएन.1 और सार्स-सीओवी-2 ( SARS-CoV-2) के अन्य परिसंचारी वेरिएंट से होने वाली गंभीर बीमारी और मृत्यु से रक्षा करते हैं, जो वायरस कोविड-19 का कारण बनता है. साक्ष्यों की निगरानी की जाएगी और आवश्यकतानुसार जेएन.1 जोखिम मूल्यांकन को अपडेट किया जाएगा.
जेएन.1 का पता लगाना: पहले जेएन.1 को बीए.2.86 के हिस्से के रूप में पता लगाया गया था. ये मूल वंश है जिसे वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट (वीओआई) के रूप में वर्गीकृत किया गया है. स्वास्थ्य निकाय के एक दस्तावेज में यह कहा गया है. इसने जेएन.1 द्वारा उत्पन्न अतिरिक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वैश्विक स्तर पर कम बताया.
अनुमान है कि यह वैरिएंट अन्य वायरल और बैक्टीरियल संक्रमणों के संक्रमण के बीच सार्स-सीओवी-2 मामलों में वृद्धि का कारण बन सकता है. खासकर सर्दियों के मौसम में प्रवेश करने वाले देशों में यह कहा गया है. वर्तमान में 41 देशों से 7344 जेएन.1 अनुक्रम उपलब्ध हैं. महामारी विज्ञान सप्ताह में विश्व स्तर पर उपलब्ध अनुक्रमों का 27.1फीसदी प्रतिनिधित्व करता है.
सार्स-सीओवी-2 अनुक्रमों के विश्व स्वास्थ्य संगठन के तीन क्षेत्रों में यह तीव्र वृद्धि देखी गई है. कई देशों से प्राप्त डाटा में सर्दियों के मौसम के करीब आने के साथ संक्रमण की एक बड़ी लहर की ओर इशारा करते दिखाया गया है. भारत में त्योहारी सीजन से पहले हाल ही में कोविड -19 मामलों में बढ़ोतरी देखी गई.
क्रिसमस और नया साल करीब आने के साथ मामलों की संख्या में वृद्धि की आशंका है. डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने, भीड़भाड़ से बचने और स्वस्थ आहार लेने की सलाह दी है, जबकि कुछ राज्यों ने भी बुजुर्गों के लिए इसी तरह की सलाह जारी की है. यह ध्यान रखना उचित है कि भारत का पहला जेएन.1 मामला 8 दिसंबर को केरल में एक 79 वर्षीय महिला में पाया गया था. पीड़ित में हल्के लक्षण थे.