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तीसरी लहर में महफूज रहेंगे बच्चे- रणदीप गुलेरिया

क्या तीसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है? क्या जानवरों से इंसानों में संक्रमण फैल सकता है ? क्या ब्लैक फंगस भी कोरोना की तरह पांव पसार सकता है? इन सवालों पर दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने क्या कहा, पढ़िये पूरी ख़बर

रणदीप गुलेरिया
रणदीप गुलेरिया
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Published : May 24, 2021, 7:59 PM IST

हैदराबाद: देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है लेकिन ज्यादातर लोगों को तीसरी लहर की चिंता सता रही है. दरअसल तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका ने अभिभावकों को डरा दिया है. इस बीच दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने अभिभावकों को राहत पहुंचाने वाली बात कही है.

डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक, एम्स

तीसरी लहर में महफूज रहेंगे बच्चे

रणदीप गुलेरिया ने कहा कि ''अगर कोरोना की दोनों लहर की बात की जाए तो आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा सुरक्षित बच्चे थे. ज्यादातर बच्चों में कोरोना के हल्के लक्षण दिखे. ऐसे में ये कहना कि अगली लहर में बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ेगा, ये वैज्ञानिक रूप से ठीक नहीं है. गुलेरिया ने कहा कि हमें तैयारी करनी होगी, दरअसल बच्चे अभी सुरक्षित हैं क्योंकि वो घर में हैं और सुरक्षित हैं. जब बच्चे स्कूल, कॉलेज जाएंगे तो उनमें संक्रमण हो सकता है. लेकिन अभी तक जो भी आंकड़े आए हैं वो बताते हैं कि बच्चों में संक्रमण कम होगा, ज्यादातर बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होगी. अब तक की दोनों लहरों में यही देखा गया है. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अब तक भी ज्यादातर उन बच्चों को अस्पताल में भर्ती की जरूरत पड़ी जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं.

रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, "यह कहा गया है कि तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित होंगे, लेकिन बाल रोग संघ ने कहा है कि यह तथ्यों पर आधारित नहीं है, यह बच्चों को प्रभावित नहीं कर सकता है, इसलिए लोगों को डरना नहीं चाहिए"

कोरोना की तरह नहीं फैलता फंगल इन्फेक्शन

कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस से लेकर व्हाइट और येलो फंगस के मामले सामने आए हैं. जिसे लेकर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि फंगस का रंग अलग-अलग क्षेत्रों में विकसित होने के कारण अलग-अलग हो सकता है, लेकिन फंगल इन्फेक्शन कोरोना की तरह नहीं फैलता यानि फंगस से संक्रमित व्यक्ति के पास बैठने से नहीं फैलता है. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की चपेट में आ चुके डायबिटीज से पीड़ित लोगों को फंगल इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा है.

कोरोना की तरह नहीं फैलता फंगल इन्फेक्शन
कोरोना की तरह नहीं फैलता फंगल इन्फेक्शन

जानवरों से इंसानों में संक्रमण फैलने के सबूत नहीं

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हैदराबाद से लेकर राजस्थान तक शेरों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. ऐसे में पालतू जानवरों से इंसानों में कोरोना के संक्रमण पर भी सवाल उठ रहे हैं. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अब तक जानवरों से इंसानों में संक्रमण फैलने का कोई डेटा नही हैं, हालांकि इंसानों से जानवरों में फैलने का मामला पिछले साल अमेरिका में सामने आया था जब चिड़ियाघर में एक बाघिन कोरोना संक्रमित पाई गई थी.

ये भी पढ़ें: आरडीआईएफ, पैनेसिया बायोटेक ने भारत में शुरू किया स्पूतनिक-V का उत्पादन

हैदराबाद: देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है लेकिन ज्यादातर लोगों को तीसरी लहर की चिंता सता रही है. दरअसल तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण तेजी से फैलने की आशंका ने अभिभावकों को डरा दिया है. इस बीच दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने अभिभावकों को राहत पहुंचाने वाली बात कही है.

डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक, एम्स

तीसरी लहर में महफूज रहेंगे बच्चे

रणदीप गुलेरिया ने कहा कि ''अगर कोरोना की दोनों लहर की बात की जाए तो आंकड़े बताते हैं कि सबसे ज्यादा सुरक्षित बच्चे थे. ज्यादातर बच्चों में कोरोना के हल्के लक्षण दिखे. ऐसे में ये कहना कि अगली लहर में बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ेगा, ये वैज्ञानिक रूप से ठीक नहीं है. गुलेरिया ने कहा कि हमें तैयारी करनी होगी, दरअसल बच्चे अभी सुरक्षित हैं क्योंकि वो घर में हैं और सुरक्षित हैं. जब बच्चे स्कूल, कॉलेज जाएंगे तो उनमें संक्रमण हो सकता है. लेकिन अभी तक जो भी आंकड़े आए हैं वो बताते हैं कि बच्चों में संक्रमण कम होगा, ज्यादातर बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होगी. अब तक की दोनों लहरों में यही देखा गया है. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अब तक भी ज्यादातर उन बच्चों को अस्पताल में भर्ती की जरूरत पड़ी जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं.

रणदीप गुलेरिया ने कहा कि, "यह कहा गया है कि तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा संक्रमित होंगे, लेकिन बाल रोग संघ ने कहा है कि यह तथ्यों पर आधारित नहीं है, यह बच्चों को प्रभावित नहीं कर सकता है, इसलिए लोगों को डरना नहीं चाहिए"

कोरोना की तरह नहीं फैलता फंगल इन्फेक्शन

कोरोना संक्रमण के बीच ब्लैक फंगस से लेकर व्हाइट और येलो फंगस के मामले सामने आए हैं. जिसे लेकर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि फंगस का रंग अलग-अलग क्षेत्रों में विकसित होने के कारण अलग-अलग हो सकता है, लेकिन फंगल इन्फेक्शन कोरोना की तरह नहीं फैलता यानि फंगस से संक्रमित व्यक्ति के पास बैठने से नहीं फैलता है. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना की चपेट में आ चुके डायबिटीज से पीड़ित लोगों को फंगल इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा है.

कोरोना की तरह नहीं फैलता फंगल इन्फेक्शन
कोरोना की तरह नहीं फैलता फंगल इन्फेक्शन

जानवरों से इंसानों में संक्रमण फैलने के सबूत नहीं

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हैदराबाद से लेकर राजस्थान तक शेरों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. ऐसे में पालतू जानवरों से इंसानों में कोरोना के संक्रमण पर भी सवाल उठ रहे हैं. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि अब तक जानवरों से इंसानों में संक्रमण फैलने का कोई डेटा नही हैं, हालांकि इंसानों से जानवरों में फैलने का मामला पिछले साल अमेरिका में सामने आया था जब चिड़ियाघर में एक बाघिन कोरोना संक्रमित पाई गई थी.

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