ETV Bharat / bharat

Covid Omicron Variant : राज्य सभा में अल्पकालिक चर्चा, सदस्यों ने जताई चिंता

राज्यसभा में बुधवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने कोविड-19 के ओमीक्रोन स्वरूप के मामलों को लेकर गहरी चिंता जताते हुए सुझाव दिया कि सरकार एवं समाज के स्तर पर पूरी सतर्कता बरते जाने के साथ ही कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए.

rajya sabha
राज्य सभा
author img

By

Published : Dec 15, 2021, 3:01 PM IST

Updated : Dec 15, 2021, 7:49 PM IST

नई दिल्ली : राज्यसभा में देश में कोविड-19 के ओमीक्रोन वेरिएंट के मामलों के कारण उत्पन्न हुई स्थिति पर चर्चा हुई. सदस्यों ने गहरी चिंता जताते हुए सुझाव दिया कि सरकार एवं समाज के स्तर पर पूरी सतर्कता बरते जाने के साथ ही कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए.

जी.के. वासन ने टीकाकरण अभियान चलाने के लिए सरकार की सराहना की. उन्होंने कहा, इस लड़ाई में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को साथ होना चाहिए. हवाई अड्डों पर जांच तेज होनी चाहिए. उन्होंने बूस्टर खुराक पर विचार करने की बात कही. फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर दिए जाने चाहिए. उन्होंने सरकार से स्वदेशी टेस्ट किट को प्रोत्साहित करना की भी सिफारिस की. उन्होंने कहा सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का प्रभावी ढंग से पालन किया जाना चाहिए. साथ ही राजनीतिक दलों को डिजिटल अभियान करने चाहिए. जी. के. वासन ने कहा कि इस समय सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि केंद्र एवं राज्य की विभिन्न सरकारें ओमीक्रोन के संकट से मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करें.

राज्यसभा में ओमीक्रोन वेरिएंट के मामलों के कारण उत्पन्न हुई स्थिति पर चर्चा

उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन से मुकाबले के लिए जो भी दिशानिर्देश दिए जायें वे वैज्ञानिक आधार और विशेषज्ञों की राय के अनुसार होने चाहिए. वासन ने कहा कि आज हमारे पास कोविड-19 से मुकाबला करने का काफी अनुभव है और इसका लाभ ओमीक्रोन के खतरे का कम करने के प्रयासों में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को कोविड-रोधी टीके की बूस्टर खुराक के बारे में भी विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यद्यपि कई वैज्ञानिकों का मानना है कि बूस्टर खुराक भी ओमीक्रोन स्वरूप से पूरी तरह बचाव नहीं कर सकती है.

चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के शिवप्रताप शुक्ल ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी फैलने पर सबसे बड़ी चिंता यह थी कि इसकी रोकथाम कैसे होगी. उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना रोधी एक नहीं दो टीके विकसित किए गए. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने शुरू में भारत में विकसित टीके को मोदी और भाजपा टीका बताया. उन्होंने कहा कि बाद में इनमें से अधिकतर लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए इस टीके की खुराक लगवाई.

उन्होंने कहा कि भले ही कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर विश्व भर में चिंताएं हैं, किंतु भारत के अधिकतर लोगों का यह दृढ़ विश्वास है कि देश इस स्वरूप को भी परास्त कर देगा. उन्होंने कहा कि इस स्वरूप से मुकाबला करने के लिए देश में विभिन्न उपाय शुरू कर दिए गए हैं जिनमें विदेश से आने वालों की आरटीपीसी जांच शामिल है.

शुक्ल ने कहा कि ओमीक्रोन के लक्षण डेल्टा स्वरूप से अलग हैं. ओमीक्रोन से पीड़ित व्यक्ति में मामूली बुखार आता है किंतु माथे और शरीर में दर्द की शिकायत होती है. उन्होंने कहा कि इसमें बहुत थकान होती है किंतु ऑक्सीजन स्तर बहुत कम नहीं होता.

पढ़ें :- CMIE के आंकड़े भारी उतार-चढ़ाव वाले, सरकारी आंकड़े व्यावहारिक: सरकार

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ओमीक्रोन स्वरूप के खतरे को देखते हुए एहतियात के रूप में रोकथाम के दिशानिर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को दोनों टीकें अवश्य लगवाने चाहिए. भाजपा सदस्य ने कहा कि सरकार के प्रयासों के साथ यह भी आवश्यक है कि समाज के रूप में हमें पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए.

शुक्ल ने सदन में हंगामा और नारेबाजी कर रहे विपक्ष के कई सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे कोरोना के ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा से भाग रहे हैं.

मनोज झा का बयान

अन्नाद्रमुक सदस्य नवनीत कृष्णन ने कहा कि देश ने पहले ही कोरोना वायरस की चुनौतियों और कठिन समय का सामना किया है. उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन स्वरूप के मामलों को हल्के में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को मास्क लगाकर, सामाजिक दूरी का पालन कर और कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराकें लगाकर इस महामारी से बचने का प्रयास करना चाहिए.

जनता दल (यू) के रामनाथ ठाकुर ने कहा कि कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से मुकाबले के लिए समाज के सभी लोगों को मिलकर प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने कोरोना वायरस से संक्रमित होकर जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के निकट परिजन को चार लाख रूपये दिए हैं.

ठाकुर ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि देश के लोगों का टीकाकरण हो तथा देश में पैरामेडिकल कर्मियों की संख्या में इजाफा किया जाए.

चर्चा के दौरान जब तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा आदि का नाम पुकारा गया तो इन सदस्यों ने कहा कि यद्यपि ओमीक्रोन स्वरूप के मामलों का विषय बहुत गंभीर है किंतु निलंबित किए गये बारह सदस्यों का निलंबन समाप्त कर उन्हें भी सदन की कार्रवाई में चर्चा में भाग लेने का अवसर देना चाहिए. किंतु पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने उन्हें निलंबित सदस्यों का मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं दी.

चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी कर रहे थे. इनमें से कुछ सदस्यों के हाथों में विभिन्न नारे लिखी हुई तख्तियां भी थीं.

नई दिल्ली : राज्यसभा में देश में कोविड-19 के ओमीक्रोन वेरिएंट के मामलों के कारण उत्पन्न हुई स्थिति पर चर्चा हुई. सदस्यों ने गहरी चिंता जताते हुए सुझाव दिया कि सरकार एवं समाज के स्तर पर पूरी सतर्कता बरते जाने के साथ ही कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए जारी दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए.

जी.के. वासन ने टीकाकरण अभियान चलाने के लिए सरकार की सराहना की. उन्होंने कहा, इस लड़ाई में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को साथ होना चाहिए. हवाई अड्डों पर जांच तेज होनी चाहिए. उन्होंने बूस्टर खुराक पर विचार करने की बात कही. फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर दिए जाने चाहिए. उन्होंने सरकार से स्वदेशी टेस्ट किट को प्रोत्साहित करना की भी सिफारिस की. उन्होंने कहा सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का प्रभावी ढंग से पालन किया जाना चाहिए. साथ ही राजनीतिक दलों को डिजिटल अभियान करने चाहिए. जी. के. वासन ने कहा कि इस समय सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि केंद्र एवं राज्य की विभिन्न सरकारें ओमीक्रोन के संकट से मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करें.

राज्यसभा में ओमीक्रोन वेरिएंट के मामलों के कारण उत्पन्न हुई स्थिति पर चर्चा

उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन से मुकाबले के लिए जो भी दिशानिर्देश दिए जायें वे वैज्ञानिक आधार और विशेषज्ञों की राय के अनुसार होने चाहिए. वासन ने कहा कि आज हमारे पास कोविड-19 से मुकाबला करने का काफी अनुभव है और इसका लाभ ओमीक्रोन के खतरे का कम करने के प्रयासों में होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को कोविड-रोधी टीके की बूस्टर खुराक के बारे में भी विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यद्यपि कई वैज्ञानिकों का मानना है कि बूस्टर खुराक भी ओमीक्रोन स्वरूप से पूरी तरह बचाव नहीं कर सकती है.

चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के शिवप्रताप शुक्ल ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी फैलने पर सबसे बड़ी चिंता यह थी कि इसकी रोकथाम कैसे होगी. उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना रोधी एक नहीं दो टीके विकसित किए गए. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने शुरू में भारत में विकसित टीके को मोदी और भाजपा टीका बताया. उन्होंने कहा कि बाद में इनमें से अधिकतर लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए इस टीके की खुराक लगवाई.

उन्होंने कहा कि भले ही कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन को लेकर विश्व भर में चिंताएं हैं, किंतु भारत के अधिकतर लोगों का यह दृढ़ विश्वास है कि देश इस स्वरूप को भी परास्त कर देगा. उन्होंने कहा कि इस स्वरूप से मुकाबला करने के लिए देश में विभिन्न उपाय शुरू कर दिए गए हैं जिनमें विदेश से आने वालों की आरटीपीसी जांच शामिल है.

शुक्ल ने कहा कि ओमीक्रोन के लक्षण डेल्टा स्वरूप से अलग हैं. ओमीक्रोन से पीड़ित व्यक्ति में मामूली बुखार आता है किंतु माथे और शरीर में दर्द की शिकायत होती है. उन्होंने कहा कि इसमें बहुत थकान होती है किंतु ऑक्सीजन स्तर बहुत कम नहीं होता.

पढ़ें :- CMIE के आंकड़े भारी उतार-चढ़ाव वाले, सरकारी आंकड़े व्यावहारिक: सरकार

उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ओमीक्रोन स्वरूप के खतरे को देखते हुए एहतियात के रूप में रोकथाम के दिशानिर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को दोनों टीकें अवश्य लगवाने चाहिए. भाजपा सदस्य ने कहा कि सरकार के प्रयासों के साथ यह भी आवश्यक है कि समाज के रूप में हमें पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए.

शुक्ल ने सदन में हंगामा और नारेबाजी कर रहे विपक्ष के कई सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वे कोरोना के ओमीक्रोन स्वरूप के संक्रमण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा से भाग रहे हैं.

मनोज झा का बयान

अन्नाद्रमुक सदस्य नवनीत कृष्णन ने कहा कि देश ने पहले ही कोरोना वायरस की चुनौतियों और कठिन समय का सामना किया है. उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन स्वरूप के मामलों को हल्के में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को मास्क लगाकर, सामाजिक दूरी का पालन कर और कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराकें लगाकर इस महामारी से बचने का प्रयास करना चाहिए.

जनता दल (यू) के रामनाथ ठाकुर ने कहा कि कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से मुकाबले के लिए समाज के सभी लोगों को मिलकर प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने कोरोना वायरस से संक्रमित होकर जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के निकट परिजन को चार लाख रूपये दिए हैं.

ठाकुर ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि देश के लोगों का टीकाकरण हो तथा देश में पैरामेडिकल कर्मियों की संख्या में इजाफा किया जाए.

चर्चा के दौरान जब तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा आदि का नाम पुकारा गया तो इन सदस्यों ने कहा कि यद्यपि ओमीक्रोन स्वरूप के मामलों का विषय बहुत गंभीर है किंतु निलंबित किए गये बारह सदस्यों का निलंबन समाप्त कर उन्हें भी सदन की कार्रवाई में चर्चा में भाग लेने का अवसर देना चाहिए. किंतु पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने उन्हें निलंबित सदस्यों का मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं दी.

चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी कर रहे थे. इनमें से कुछ सदस्यों के हाथों में विभिन्न नारे लिखी हुई तख्तियां भी थीं.

Last Updated : Dec 15, 2021, 7:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.