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'लॉकडाउन में बैक्टीरियल इंफेक्शन से हाेने वाली बीमारी में आयी कमी

लैंसेट डिजिटल हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, कोरोना महामारी काे लेकर लगाए गए लॉकडाउन से न केवल काेराेना संक्रमण कम हुआ है बल्कि इसे विभिन्न जीवाणुओं से हाेने वाले संक्रमण भी कम हुए हैं.

कोविड
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Published : May 28, 2021, 6:38 PM IST

नई दिल्ली : शुक्रवार को लैंसेट डिजिटल हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के शुरू हाेते ही राष्ट्रीय स्तर पर लगाए गए लॉकडाउन और सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों की वजह से काेराेना ताे कम हुआ है इससे जीवाणुओं से हाेने राेग का प्रसार भी कम हुआ है.

अध्ययन के अनुसार काेराेना दुनिया भर में फैले संक्रमण और मौत का प्रमुख कारण है. खासकर बच्चों और बड़े वयस्कों में इसका ज्यादा असर देखा जा रहा है. ये रोग आमतौर पर सांस के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचारित होते हैं.

कोविड -19 के तेजी से प्रसार ने कई देशों काे लॉकडाउन के लिए मजबूर किया. कोविड -19 रोकथाम उपायों के लागू होने के बाद चार सप्ताह में स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया के संक्रमण में 68 प्रतिशत की कमी आई और आठ सप्ताह में इसमें 82 प्रतिशत की कमी देखने काे मिली है.

नफिल्ड डिपार्टमेंट ऑफ पॉपुलेसन हेल्थ के संक्रामक रोग महामारी विज्ञान के प्रोफेसर और प्रमुख लेखक एंजेला ब्रूगेमैन ने कहा कि ये नतीजे यह स्पष्ट करते हैं कि कोविड -19 रोकथाम के उपाय अन्य श्वसन रोगजनकों और संबंधित बीमारियों के संचरण को कम करते हैं.

'सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों को इन जीवाणु रोगजनकों के कारण होने वाली जानलेवा बीमारियों से बचाने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इसके लिए दुनिया में पहले से माैजूद टीके लगवाने पर जाेर देना चाहिए.

इस अध्ययन के लिए टीम ने तीन बैक्टीरिया, स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा और निसेरिया मेनिंगिटिडिस से हाेने वाले संक्रमण की तुलना कोविड -19 महामारी के दौरान हुए इसके संक्रमण से की है.

इसे भी पढ़ें : केस बढ़ने से 'कोवैक्स' की आपूर्ति पर पड़ा असर, 19 करोड़ खुराकों की कमी

जीवाणु प्रजातियां मेनिन्जाइटिस, निमोनिया और सेप्सिस के सबसे आम कारण हैं.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : शुक्रवार को लैंसेट डिजिटल हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के शुरू हाेते ही राष्ट्रीय स्तर पर लगाए गए लॉकडाउन और सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों की वजह से काेराेना ताे कम हुआ है इससे जीवाणुओं से हाेने राेग का प्रसार भी कम हुआ है.

अध्ययन के अनुसार काेराेना दुनिया भर में फैले संक्रमण और मौत का प्रमुख कारण है. खासकर बच्चों और बड़े वयस्कों में इसका ज्यादा असर देखा जा रहा है. ये रोग आमतौर पर सांस के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचारित होते हैं.

कोविड -19 के तेजी से प्रसार ने कई देशों काे लॉकडाउन के लिए मजबूर किया. कोविड -19 रोकथाम उपायों के लागू होने के बाद चार सप्ताह में स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया के संक्रमण में 68 प्रतिशत की कमी आई और आठ सप्ताह में इसमें 82 प्रतिशत की कमी देखने काे मिली है.

नफिल्ड डिपार्टमेंट ऑफ पॉपुलेसन हेल्थ के संक्रामक रोग महामारी विज्ञान के प्रोफेसर और प्रमुख लेखक एंजेला ब्रूगेमैन ने कहा कि ये नतीजे यह स्पष्ट करते हैं कि कोविड -19 रोकथाम के उपाय अन्य श्वसन रोगजनकों और संबंधित बीमारियों के संचरण को कम करते हैं.

'सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों को इन जीवाणु रोगजनकों के कारण होने वाली जानलेवा बीमारियों से बचाने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इसके लिए दुनिया में पहले से माैजूद टीके लगवाने पर जाेर देना चाहिए.

इस अध्ययन के लिए टीम ने तीन बैक्टीरिया, स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा और निसेरिया मेनिंगिटिडिस से हाेने वाले संक्रमण की तुलना कोविड -19 महामारी के दौरान हुए इसके संक्रमण से की है.

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जीवाणु प्रजातियां मेनिन्जाइटिस, निमोनिया और सेप्सिस के सबसे आम कारण हैं.

(आईएएनएस)

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