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गुजरात की साबरमती नदी में मिला कोविड 19 वायरस - Corona virus found in Ahmedabad Sabarmati

गुजरात की साबरमती नदी, कांकरिया, चंदोला झील से लिए गए सैंपल में कोरोना वायरस के मिलने की पुष्टि हुई है. आईआईटी सहित 8 संस्थानों ने मिलकर अध्ययन किया है. पढ़ें विस्तार से...

साबरमती नदी में मिला कोविड 19 वायरस
साबरमती नदी में मिला कोविड 19 वायरस
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Published : Jun 18, 2021, 1:25 PM IST

अहमदाबाद : गुजरात की साबरमती नदी, कांकरिया और चंदोला झील के पानी में कोरोना वायरस मिला है. इसका खुलासा गांधीनगर आईआईटी सहित 8 अन्य संस्थानों ने मिलकर इस पर शोध किया है.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर के अर्थ साइंस विभाग के मनीष कुमार द्वारा सितंबर से दिसंबर के बीच लिए गए सैंपल से शोध किया गया.

इस सैंपल में विषाणु की मात्रा काफी अधिक पाई गई है. इस शोध में उनके साथ अन्य संगठन भी शामिल हुए, हालांकि शोध अभी प्रकाशित नहीं हुआ है.

बता दें कि यूपी में भी सीवर के पानी में कोरोना वायरस मिलने की बात सामने आई थी. लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. उज्ज्वला घोषाल के मुताबिक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) व वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्लूएचओ) ने स्टडी शुरू की है. इसमें देश के पानी में कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए सीवेज सैंपल जुटाए जा रहे हैं.

पढ़ें- पानी में मिला corona virus, WHO कर रहा सीवेज सैंपलिंग

वहीं सीवेज सैंपल टेस्टिंग के लिए कुल 8 सेंटर नामित किए गए. इसमें यूपी का सेंटर एसजीपीजीआई है. ऐसे में प्रथम चरण में लखनऊ की ही 3 साइट से सीवेज सैंपल लिए गए. इसमें एक जगह के सैंपल में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. इससे अलावा मुंबई के सीवेज में वायरस की पुष्टि हुई है. इसको लेकर डॉक्टर भी हैरान हैं. वहीं अभी देश के अन्य शहरों में अध्ययन जारी है.

पानी से संक्रमण फैलेगा या नहीं इसका होगा शोध
डॉ. उज्ज्वला घोषाल के मुताबिक पानी में वायरस की पुष्टि तो हो गई है. मगर, पानी में मौजूद वायरस से संक्रमण फैलेगा की नहीं, यह शोध का विषय है. ऐसे में यूपी के अन्य शहरों से भी सैंपल जुटाए जाएंगे. सीवेज सैंपल टेस्टिंग के आधार पर अब बड़ी स्टडी होगी. साथ ही इससे संक्रमण के फैलाव को लेकर भी अध्ययन किया जाएगा.

अहमदाबाद : गुजरात की साबरमती नदी, कांकरिया और चंदोला झील के पानी में कोरोना वायरस मिला है. इसका खुलासा गांधीनगर आईआईटी सहित 8 अन्य संस्थानों ने मिलकर इस पर शोध किया है.

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर के अर्थ साइंस विभाग के मनीष कुमार द्वारा सितंबर से दिसंबर के बीच लिए गए सैंपल से शोध किया गया.

इस सैंपल में विषाणु की मात्रा काफी अधिक पाई गई है. इस शोध में उनके साथ अन्य संगठन भी शामिल हुए, हालांकि शोध अभी प्रकाशित नहीं हुआ है.

बता दें कि यूपी में भी सीवर के पानी में कोरोना वायरस मिलने की बात सामने आई थी. लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. उज्ज्वला घोषाल के मुताबिक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) व वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्लूएचओ) ने स्टडी शुरू की है. इसमें देश के पानी में कोरोना वायरस का पता लगाने के लिए सीवेज सैंपल जुटाए जा रहे हैं.

पढ़ें- पानी में मिला corona virus, WHO कर रहा सीवेज सैंपलिंग

वहीं सीवेज सैंपल टेस्टिंग के लिए कुल 8 सेंटर नामित किए गए. इसमें यूपी का सेंटर एसजीपीजीआई है. ऐसे में प्रथम चरण में लखनऊ की ही 3 साइट से सीवेज सैंपल लिए गए. इसमें एक जगह के सैंपल में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है. इससे अलावा मुंबई के सीवेज में वायरस की पुष्टि हुई है. इसको लेकर डॉक्टर भी हैरान हैं. वहीं अभी देश के अन्य शहरों में अध्ययन जारी है.

पानी से संक्रमण फैलेगा या नहीं इसका होगा शोध
डॉ. उज्ज्वला घोषाल के मुताबिक पानी में वायरस की पुष्टि तो हो गई है. मगर, पानी में मौजूद वायरस से संक्रमण फैलेगा की नहीं, यह शोध का विषय है. ऐसे में यूपी के अन्य शहरों से भी सैंपल जुटाए जाएंगे. सीवेज सैंपल टेस्टिंग के आधार पर अब बड़ी स्टडी होगी. साथ ही इससे संक्रमण के फैलाव को लेकर भी अध्ययन किया जाएगा.

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