नई दिल्ली : इंडिगो नाम से विमान सेवाओं का परिचालन करने वाली कंपनी इंटरग्लोब एविएशन को 31 मार्च 2021 को समाप्त तिमाही में समेकित रूप से 1,147.2 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. एक साल पहले इसी तिमाही में इसे 870.8 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
इंडिगो देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है. इसके बेड़े में मार्च के अंत में 285 विमान थे.
कोरोना वायरस महामारी से विमान सेवा कारोबार बुरी तरह प्रभावित है. इसका असर कंपनी आय पर पड़ा है. आलोच्य तिमाही में इसमें तेज गिरावट दर्ज की गयी.
एक विज्ञप्ति के मुताबिक वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में कंपनी की एकीकृत आय 26 प्रतिशत से अधिक की गिरावट से 6,361.8 करोड़ रुपये रही. मार्च 2020 की तिमाही में आय 8,634.6 करोड़ रुपये थी.
मार्च 2021 में समाप्त वित्त वर्ष में कंपनी का शुद्ध घाटा बढ़ कर 5,806.4 करोड़ रुपये रहा. इसे 2019-20 में 233.7 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. वर्ष के दौरान कंपनी की कुल आय 58 प्रतिशत घट कर 15,677.6 करोड़ रुपये रही. एक साल पहले यह 37,291.5 करोड़ रुपये थी.
मुश्किल रही तिमाही : दत्ता
इंडिगो के मुख्य अधिशासी अधिकारी रॉजॉय दत्ता ने कहा कि कोविड19 के कारण आखिरी तिमाही बहुत मुश्किल रही. दिसंबर से फरवरी के बीच सुधार के कुछ संकेत दिखे लेकिन दूसरी लहर ने उसे फिर बिठा दिया.
सीएपीए ने ये जताया अनुमान
एविएशन कंसल्टेंसी फर्म CAPA इंडिया ने गुरुवार को कहा कि कोविड -19 महामारी के कारण भारतीय एयरलाइंस को वित्तीय वर्ष 2022 के दौरान लगभग 4.1 बिलियन डॉलर का समेकित नुकसान दर्ज करने की संभावना है, जो कि वित्त वर्ष 2021 के दौरान दर्ज किए गए नुकसान के समान है.
सीएपीए इंडिया ने भविष्यवाणी की है कि वित्त वर्ष में एयरलाइनों को पुनर्पूंजीकरण में लगभग 5 अरब डॉलर की आवश्यकता हो सकती है, जिसमें से 1.1 अरब डॉलर आईपीओ, क्यूआईपी और अन्य उपकरणों के रूप में पाइपलाइन में हैं.
(भाषा इनपुट के साथ)