ETV Bharat / bharat

डेल्टा स्वरूप, टीका एंटीबॉडी के प्रति आठ गुना कम संवेदनशील: अध्ययन - कोरोना का डेल्टा वेरिएंट अधिक घातक

एक नए अध्ययन के अनुसार चीन के वुहान से आए मूल स्वरूप की तुलना में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप, टीकों द्वारा उत्पन्न एंटीबॉडी के प्रति आठ गुना कम संवेदनशील है. यह बात दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कही गई है.

raw
raw
author img

By

Published : Jul 5, 2021, 6:48 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 9:43 PM IST

नई दिल्ली : एक नए अध्ययन के अनुसार चीन के वुहान से आए मूल स्वरूप की तुलना में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप, टीकों द्वारा उत्पन्न एंटीबॉडी के प्रति आठ गुना कम संवेदनशील है.

यह अध्ययन यहां सर गंगा राम अस्पताल (SGRH) सहित भारत के तीन केंद्रों पर 100 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों (HCW ) पर किया गया था. इसमें पाया गया कि बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप न केवल गैर-डेल्टा संक्रमणों (सीटी मूल्य 16.5 बनाम 19) की तुलना में उच्च श्वसन वायरल लोड के साथ संक्रमणों पर हावी है बल्कि पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके एचसीडब्ल्यू के बीच अधिक संचरण भी उत्पन्न करता है.

'कैम्ब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ थेराप्यूटिक इम्यूनोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज' के वैज्ञानिकों के साथ किए गए अध्ययन, 'सार्स-सीओवी-2 बी.1.617.2 डेल्टा वेरिएंट इमर्जेंस एंड वैक्सीन ब्रेकथ्रू: कोलैबोरेटिव स्टडी' की अभी समीक्षा की जानी बाकी है. अध्ययन में पता चला है कि वुहान -1 की तुलना में डेल्टा स्वरूप टीकों द्वारा उत्पन्न एंटीबॉडी के प्रति आठ गुना कम संवेदनशील है.

ये भी पढ़ें -कोरोना से ठीक हुए मरीजों को डेल्टा वैरिएंट से बचाने के लिए वैक्सीन की एक डोज काफी: ICMR study

इंस्टीट्यूट ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी, एसजीआरएच के अध्यक्ष डॉ. चंद वट्टल ने कहा, 'इस अध्ययन से, ऐसा प्रतीत होता है कि हमें कोविड-19 महामारी के मामले में मीलों दूर जाना है. यदि हम अपनी सुरक्षा को कम करते हैं और खुद को इस वायरस का शिकार होने का मौका देते है तो ये उत्परिवर्तन (​म्यूटेशन) होना तय है.'

उन्होंने कहा, 'यह पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों के लिए आंख खोलने जैसा है कि आप टीकाकरण के नाम पर एहतियाती उपायों को कम नहीं कर सकते हैं. वायरस शिकार पर है, अभी भी अपने शिकार की तलाश में है. यह म्यूटेंट बढ़ी हुई स्पाइक प्रोटीन के साथ वापस आ गया है जिसमें वुहान स्वरूप की तुलना में लोगों को संक्रमित करने की अधिक क्षमता है.'

अध्ययन में कहा गया है कि हाल के आंकड़ों और इस प्रकार के नए संक्रमणों के प्रभुत्व के आधार पर, बी .1.167.2 डेल्टा स्वरूप ब्रिटेन में बी.1.1.7 की तुलना में अधिक संक्रामक प्रतीत होता है.

नई दिल्ली : एक नए अध्ययन के अनुसार चीन के वुहान से आए मूल स्वरूप की तुलना में कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप, टीकों द्वारा उत्पन्न एंटीबॉडी के प्रति आठ गुना कम संवेदनशील है.

यह अध्ययन यहां सर गंगा राम अस्पताल (SGRH) सहित भारत के तीन केंद्रों पर 100 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों (HCW ) पर किया गया था. इसमें पाया गया कि बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप न केवल गैर-डेल्टा संक्रमणों (सीटी मूल्य 16.5 बनाम 19) की तुलना में उच्च श्वसन वायरल लोड के साथ संक्रमणों पर हावी है बल्कि पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके एचसीडब्ल्यू के बीच अधिक संचरण भी उत्पन्न करता है.

'कैम्ब्रिज इंस्टीट्यूट ऑफ थेराप्यूटिक इम्यूनोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज' के वैज्ञानिकों के साथ किए गए अध्ययन, 'सार्स-सीओवी-2 बी.1.617.2 डेल्टा वेरिएंट इमर्जेंस एंड वैक्सीन ब्रेकथ्रू: कोलैबोरेटिव स्टडी' की अभी समीक्षा की जानी बाकी है. अध्ययन में पता चला है कि वुहान -1 की तुलना में डेल्टा स्वरूप टीकों द्वारा उत्पन्न एंटीबॉडी के प्रति आठ गुना कम संवेदनशील है.

ये भी पढ़ें -कोरोना से ठीक हुए मरीजों को डेल्टा वैरिएंट से बचाने के लिए वैक्सीन की एक डोज काफी: ICMR study

इंस्टीट्यूट ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी, एसजीआरएच के अध्यक्ष डॉ. चंद वट्टल ने कहा, 'इस अध्ययन से, ऐसा प्रतीत होता है कि हमें कोविड-19 महामारी के मामले में मीलों दूर जाना है. यदि हम अपनी सुरक्षा को कम करते हैं और खुद को इस वायरस का शिकार होने का मौका देते है तो ये उत्परिवर्तन (​म्यूटेशन) होना तय है.'

उन्होंने कहा, 'यह पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों के लिए आंख खोलने जैसा है कि आप टीकाकरण के नाम पर एहतियाती उपायों को कम नहीं कर सकते हैं. वायरस शिकार पर है, अभी भी अपने शिकार की तलाश में है. यह म्यूटेंट बढ़ी हुई स्पाइक प्रोटीन के साथ वापस आ गया है जिसमें वुहान स्वरूप की तुलना में लोगों को संक्रमित करने की अधिक क्षमता है.'

अध्ययन में कहा गया है कि हाल के आंकड़ों और इस प्रकार के नए संक्रमणों के प्रभुत्व के आधार पर, बी .1.167.2 डेल्टा स्वरूप ब्रिटेन में बी.1.1.7 की तुलना में अधिक संक्रामक प्रतीत होता है.

Last Updated : Jul 5, 2021, 9:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.