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Covid19 Review Meeting: केंद्र ने राज्यों से कहा-हॉटस्पॉट की पहचान करें, टेस्टिंग-टीकाकरण में तेजी लाएं

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Published : Apr 7, 2023, 4:52 PM IST

Updated : Apr 7, 2023, 8:59 PM IST

देश में कोरोना के बढ़ते मामले के बीच स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने समीक्षा की. मंडाविया ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि आपातकालीन हॉटस्पॉट की पहचान करें. टेस्टिंग और टीकाकरण बढ़ाएं. अस्पताल के बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित करें. समीक्षा बैठक में केरल, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री शामिल नहीं हुए. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट.

Dr Mansukh Mandaviya
समीक्षा बैठक करते मंडाविया

नई दिल्ली: देश भर के कुछ राज्यों में कोविड-19 मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया (Dr Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) से आपातकालीन हॉटस्पॉट की पहचान करने को कहा. उन्होंने परीक्षण, टीकाकरण को बढ़ाने और अस्पताल के बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित करने को कहा.

कोविड-19 पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंडाविया ने राज्यों को सतर्क रहने और कोविड-19 प्रबंधन के लिए सभी तैयारियां रखने की सलाह दी.

गौरतलब है कि केरल, पश्चिम बंगाल और राजस्थान सहित तीन गैर-भाजपा शासित राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो राज्य की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा और केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुईं.

मंडाविया ने अपनी बैठक के दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से 8 और 9 अप्रैल को जिला प्रशासन और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा करने को कहा है. राज्यों को 10 और 11 अप्रैल को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में मॉक ड्रिल करने के लिए भी कहा गया था. राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से भी अभ्यास की समीक्षा करने के लिए अस्पतालों का दौरा करने का आग्रह किया गया है.

मंडाविया ने कहा कि 'केंद्र और राज्यों को सहयोगात्मक भावना से काम करना जारी रखने की आवश्यकता है जैसा कि जब पहले कोविड-19 के मामले बढ़े थे, तब किया था.'

मंडाविया ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रमुख सचिवों, अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ वर्चुअल संवाद किया. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीन पवार की उपस्थिति में वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसमें कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की गई और राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई. कुछ राज्यों में हाल में कोरोना के मामले बढ़े हैं.

मंडाविया ने कहा कि 'राज्यों को ILI/SARI मामलों के रुझानों की निगरानी करके और COVID-19 और इन्फ्लुएंजा के परीक्षण के लिए पर्याप्त नमूने भेजकर उभरते हुए हॉटस्पॉट की पहचान करने की आवश्यकता है.सकारात्मक नमूनों के पूरे जीनोम अनुक्रमण को तेज करना है.'

यह देखा गया कि 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रति मिलियन (10 लाख) औसत परीक्षण राष्ट्रीय औसत से कम थे. डॉ मंडाविया ने कहा कि 'नए कोविड वेरिएंट के बावजूद, 'कोविड उपयुक्त व्यवहार के लिए टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और पालन' की पांच गुना रणनीति कोविड प्रबंधन के लिए जांची-परखी रणनीति बनी हुई है.'

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी अनुरोध किया गया था कि वे 7 अप्रैल, 2023 को समाप्त सप्ताह के अनुसार प्रति मिलियन 100 परीक्षणों की वर्तमान दर से परीक्षण की दर में तेजी से वृद्धि करें. उन्हें आगे परीक्षणों में आरटी-पीसीआर की हिस्सेदारी बढ़ाने की सलाह दी गई.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बताया गया कि भारत में कोविड-19 मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. 7 अप्रैल, 2023 को समाप्त सप्ताह में औसत दैनिक मामले 17 मार्च, 2023 को समाप्त सप्ताह में 571 से बढ़कर 4,188 हो गए हैं. 7 अप्रैल, 2023 को समाप्त सप्ताह में साप्ताहिक सकारात्मकता 3.02 प्रतिशत तक है.

हालांकि, एक ही समय में वैश्विक स्तर पर 88,503 दैनिक औसत मामले दर्ज किए गए हैं. शीर्ष पांच देशों ने पिछले एक सप्ताह में वैश्विक मामलों में 62.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सूचित किया गया कि वर्तमान में WHO कोविड के वेरिएंट XBB.1.5 पर ज्यादा निगरानी रख रहा है. छह अन्य वेरिएंट भी निगरानी में हैं जिनमें BQ.1, BA.2.75, CH.1.1, XBB, XBF और XBB.1.16 शामिल हैं. इस बात पर प्रकाश डाला गया कि ओमीक्रॉन और इसके सब वेरिएंट बने हुए हैं.

XBB.1.16 का प्रसार फरवरी में 21.6 प्रतिशत से बढ़कर मार्च, 2023 में 35.8 प्रतिशत हो गया. हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु दर में वृद्धि का कोई प्रमाण नहीं मिला है.

टीकाकरण में तेजी लाने के निर्देश : यह भी बताया गया कि जहां भारत ने प्राथमिक टीकाकरण का 90% से अधिक कवरेज हासिल कर लिया है, वहीं एहतियाती खुराक का कवरेज बहुत कम है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी कि वे सभी पात्र आबादी, विशेष रूप से बुजुर्गों और कमजोर जनसंख्या समूह के टीकाकरण में तेजी लाएं.

यह भी देखा गया कि आठ राज्यों में कोरोना के मामले ज्यादा हैं, जहां 10 या अधिक जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक सकारात्मकता है. इस बात पर भी गौर किया गया कि भारत में आठ राज्यों से कोविड के अधिक मामले सामने आ रहे हैं जिनमें केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में दस या इससे अधिक जिलों में दस प्रतिशत संक्रमण दर दर्ज की गई है और कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और हरियाणा में पांच से अधिक जिलों में पांच प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर दर्ज की गई है. मंडाविया ने कोविड उपयुक्त व्यवहार के पालन के संबंध में जन जागरूकता अभियानों को बढ़ाने के महत्व पर बल दिया.

इन राज्यों की रही सहभागिता : समीक्षा बैठक में एन रंगास्वामी, मुख्यमंत्री, पुडुचेरी, धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री (उत्तराखंड), केशव महंत, स्वास्थ्य मंत्री (असम), विश्वजीत राणे, स्वास्थ्य मंत्री (गोवा), बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री (झारखंड), प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री (मध्य प्रदेश), बलबीर सिंह, स्वास्थ्य मंत्री (पंजाब), डॉ सपन रंजन सिंह, स्वास्थ्य मंत्री (मणिपुर) शामिल हुए.

इनके अलावा अनिल विज, स्वास्थ्य मंत्री (हरियाणा), थिरु मा सुब्रमण्यम, स्वास्थ्य मंत्री (तमिलनाडु), डॉ (कर्नल) धनी राम शांडिल, स्वास्थ्य मंत्री (हिमाचल प्रदेश), विदादला रजनी, स्वास्थ्य मंत्री (आंध्र प्रदेश), तन्नेरू हरीश राव, स्वास्थ्य मंत्री (तेलंगाना), ऋषिकेश पटेल, स्वास्थ्य मंत्री (गुजरात), निरंजन पुजारी, स्वास्थ्य मंत्री (उड़ीसा), अलो लिबांग, स्वास्थ्य मंत्री (अरुणाचल प्रदेश), तानाजी सावंत, स्वास्थ्य मंत्री (महाराष्ट्र), मजल अम्पारीन लिंगदोह, स्वास्थ्य मंत्री (मेघालय), सौरभ भारद्वाज, बैठक में स्वास्थ्य मंत्री (दिल्ली) और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

पढ़ें- कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की समीक्षा बैठक

नई दिल्ली: देश भर के कुछ राज्यों में कोविड-19 मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया (Dr Mansukh Mandaviya) ने शुक्रवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) से आपातकालीन हॉटस्पॉट की पहचान करने को कहा. उन्होंने परीक्षण, टीकाकरण को बढ़ाने और अस्पताल के बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित करने को कहा.

कोविड-19 पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंडाविया ने राज्यों को सतर्क रहने और कोविड-19 प्रबंधन के लिए सभी तैयारियां रखने की सलाह दी.

गौरतलब है कि केरल, पश्चिम बंगाल और राजस्थान सहित तीन गैर-भाजपा शासित राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री बैठक में शामिल नहीं हुए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, जो राज्य की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा और केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुईं.

मंडाविया ने अपनी बैठक के दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से 8 और 9 अप्रैल को जिला प्रशासन और सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा करने को कहा है. राज्यों को 10 और 11 अप्रैल को सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में मॉक ड्रिल करने के लिए भी कहा गया था. राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से भी अभ्यास की समीक्षा करने के लिए अस्पतालों का दौरा करने का आग्रह किया गया है.

मंडाविया ने कहा कि 'केंद्र और राज्यों को सहयोगात्मक भावना से काम करना जारी रखने की आवश्यकता है जैसा कि जब पहले कोविड-19 के मामले बढ़े थे, तब किया था.'

मंडाविया ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रमुख सचिवों, अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ वर्चुअल संवाद किया. केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीन पवार की उपस्थिति में वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसमें कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की गई और राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई. कुछ राज्यों में हाल में कोरोना के मामले बढ़े हैं.

मंडाविया ने कहा कि 'राज्यों को ILI/SARI मामलों के रुझानों की निगरानी करके और COVID-19 और इन्फ्लुएंजा के परीक्षण के लिए पर्याप्त नमूने भेजकर उभरते हुए हॉटस्पॉट की पहचान करने की आवश्यकता है.सकारात्मक नमूनों के पूरे जीनोम अनुक्रमण को तेज करना है.'

यह देखा गया कि 23 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रति मिलियन (10 लाख) औसत परीक्षण राष्ट्रीय औसत से कम थे. डॉ मंडाविया ने कहा कि 'नए कोविड वेरिएंट के बावजूद, 'कोविड उपयुक्त व्यवहार के लिए टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण और पालन' की पांच गुना रणनीति कोविड प्रबंधन के लिए जांची-परखी रणनीति बनी हुई है.'

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी अनुरोध किया गया था कि वे 7 अप्रैल, 2023 को समाप्त सप्ताह के अनुसार प्रति मिलियन 100 परीक्षणों की वर्तमान दर से परीक्षण की दर में तेजी से वृद्धि करें. उन्हें आगे परीक्षणों में आरटी-पीसीआर की हिस्सेदारी बढ़ाने की सलाह दी गई.

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बताया गया कि भारत में कोविड-19 मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. 7 अप्रैल, 2023 को समाप्त सप्ताह में औसत दैनिक मामले 17 मार्च, 2023 को समाप्त सप्ताह में 571 से बढ़कर 4,188 हो गए हैं. 7 अप्रैल, 2023 को समाप्त सप्ताह में साप्ताहिक सकारात्मकता 3.02 प्रतिशत तक है.

हालांकि, एक ही समय में वैश्विक स्तर पर 88,503 दैनिक औसत मामले दर्ज किए गए हैं. शीर्ष पांच देशों ने पिछले एक सप्ताह में वैश्विक मामलों में 62.6 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सूचित किया गया कि वर्तमान में WHO कोविड के वेरिएंट XBB.1.5 पर ज्यादा निगरानी रख रहा है. छह अन्य वेरिएंट भी निगरानी में हैं जिनमें BQ.1, BA.2.75, CH.1.1, XBB, XBF और XBB.1.16 शामिल हैं. इस बात पर प्रकाश डाला गया कि ओमीक्रॉन और इसके सब वेरिएंट बने हुए हैं.

XBB.1.16 का प्रसार फरवरी में 21.6 प्रतिशत से बढ़कर मार्च, 2023 में 35.8 प्रतिशत हो गया. हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु दर में वृद्धि का कोई प्रमाण नहीं मिला है.

टीकाकरण में तेजी लाने के निर्देश : यह भी बताया गया कि जहां भारत ने प्राथमिक टीकाकरण का 90% से अधिक कवरेज हासिल कर लिया है, वहीं एहतियाती खुराक का कवरेज बहुत कम है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी कि वे सभी पात्र आबादी, विशेष रूप से बुजुर्गों और कमजोर जनसंख्या समूह के टीकाकरण में तेजी लाएं.

यह भी देखा गया कि आठ राज्यों में कोरोना के मामले ज्यादा हैं, जहां 10 या अधिक जिलों में 10 प्रतिशत से अधिक सकारात्मकता है. इस बात पर भी गौर किया गया कि भारत में आठ राज्यों से कोविड के अधिक मामले सामने आ रहे हैं जिनमें केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में दस या इससे अधिक जिलों में दस प्रतिशत संक्रमण दर दर्ज की गई है और कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और हरियाणा में पांच से अधिक जिलों में पांच प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर दर्ज की गई है. मंडाविया ने कोविड उपयुक्त व्यवहार के पालन के संबंध में जन जागरूकता अभियानों को बढ़ाने के महत्व पर बल दिया.

इन राज्यों की रही सहभागिता : समीक्षा बैठक में एन रंगास्वामी, मुख्यमंत्री, पुडुचेरी, धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री (उत्तराखंड), केशव महंत, स्वास्थ्य मंत्री (असम), विश्वजीत राणे, स्वास्थ्य मंत्री (गोवा), बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री (झारखंड), प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री (मध्य प्रदेश), बलबीर सिंह, स्वास्थ्य मंत्री (पंजाब), डॉ सपन रंजन सिंह, स्वास्थ्य मंत्री (मणिपुर) शामिल हुए.

इनके अलावा अनिल विज, स्वास्थ्य मंत्री (हरियाणा), थिरु मा सुब्रमण्यम, स्वास्थ्य मंत्री (तमिलनाडु), डॉ (कर्नल) धनी राम शांडिल, स्वास्थ्य मंत्री (हिमाचल प्रदेश), विदादला रजनी, स्वास्थ्य मंत्री (आंध्र प्रदेश), तन्नेरू हरीश राव, स्वास्थ्य मंत्री (तेलंगाना), ऋषिकेश पटेल, स्वास्थ्य मंत्री (गुजरात), निरंजन पुजारी, स्वास्थ्य मंत्री (उड़ीसा), अलो लिबांग, स्वास्थ्य मंत्री (अरुणाचल प्रदेश), तानाजी सावंत, स्वास्थ्य मंत्री (महाराष्ट्र), मजल अम्पारीन लिंगदोह, स्वास्थ्य मंत्री (मेघालय), सौरभ भारद्वाज, बैठक में स्वास्थ्य मंत्री (दिल्ली) और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

पढ़ें- कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की समीक्षा बैठक

Last Updated : Apr 7, 2023, 8:59 PM IST
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