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विदेश में कोवैक्सीन के टीके को मान्यता नहीं, फिर से टीका लगाने की अनुमति देने SC में याचिका

सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में एक याचिका दायर कर लोगों को कोवेक्सीन का टीका लगवाने के बाद भी कोविशील्ड वैक्सीन का टीका लगवाने की अनुमति मांगी है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कोवैक्सीन को मान्यता नहीं देता है. कोवैक्सीन का टीका लगवाने की वजह से उन्हें विदेश की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.

याचिका दायर
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Published : Oct 6, 2021, 1:52 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में एक याचिका दायर कर लोगों को कोवेक्सीन का टीका लगवाने के बाद भी कोविशील्ड वैक्सीन का टीका लगवाने की अनुमति मांगी है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कोवैक्सीन को मान्यता नहीं देता है जिससे लोगों को विदेश यात्रा करने में परेशानी हो रही है.

सुप्रीम कोर्ट के वकील कार्तिक सेठ द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कई देशों ने कोवैक्सीन को मान्यता नहीं दी है क्योंकि यह डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है. इस वजह से भारत के लोगों को आपातकालीन मामलों में भी ये देश अपने यहां यात्रा करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों के पास वैक्सीन चुनने का विकल्प नहीं था और इस कारण कोवैक्सीन का टीका लगाया गया था और अब उन्हें यात्रा करने में काफी असुविधा हो रही है.

ये भी पढ़ें - मद्रास हाई कोर्ट ने पोस्टर, कट-आउट लगाने पर पाबंदी के लिए दिशा-निर्देश बनाने को कहा

याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कोवैक्सीन का टीका लगाया गया है, इसलिए कई लोगों ने उनका अनुसरण किया और वही टीका लगाया. याचिका में कहा गया है कि अगर लोग लागत वहन करने और जोखिम लेने के लिए तैयार हैं तो उन्हें कोविशील्ड के साथ खुद को फिर से टीका लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए. याचिकाकर्ता ने आधिकारिक डेटा, समयरेखा, रिकॉर्ड और कोवैक्सीन के अनुमोदन में देरी के कारणों को जारी करने के लिए दिशा-निर्देश भी मांगे हैं.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में एक याचिका दायर कर लोगों को कोवेक्सीन का टीका लगवाने के बाद भी कोविशील्ड वैक्सीन का टीका लगवाने की अनुमति मांगी है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कोवैक्सीन को मान्यता नहीं देता है जिससे लोगों को विदेश यात्रा करने में परेशानी हो रही है.

सुप्रीम कोर्ट के वकील कार्तिक सेठ द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कई देशों ने कोवैक्सीन को मान्यता नहीं दी है क्योंकि यह डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है. इस वजह से भारत के लोगों को आपातकालीन मामलों में भी ये देश अपने यहां यात्रा करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों के पास वैक्सीन चुनने का विकल्प नहीं था और इस कारण कोवैक्सीन का टीका लगाया गया था और अब उन्हें यात्रा करने में काफी असुविधा हो रही है.

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याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कोवैक्सीन का टीका लगाया गया है, इसलिए कई लोगों ने उनका अनुसरण किया और वही टीका लगाया. याचिका में कहा गया है कि अगर लोग लागत वहन करने और जोखिम लेने के लिए तैयार हैं तो उन्हें कोविशील्ड के साथ खुद को फिर से टीका लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए. याचिकाकर्ता ने आधिकारिक डेटा, समयरेखा, रिकॉर्ड और कोवैक्सीन के अनुमोदन में देरी के कारणों को जारी करने के लिए दिशा-निर्देश भी मांगे हैं.

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