लखनऊ: गैंगस्टर जीवा पर गोली चलाकर हत्या करने के साथ-साथ कई लोगों को घायल करने के आरोपी विजय यादव उर्फ आनंद यादव को देर शाम केजीएमयू जाकर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हृषिकेश पांडेय ने 21 जून तक के लिए न्यायिक हिरासत में लिए जाने का आदेश दिया है.
विजय यादव के विरुद्ध पुलिस लाइन में तैनात उप निरीक्षक उदय प्रताप सिंह ने 7 जून को वजीरगंज थाने में धारा 307, 302, 332, 353 आईपीसी व 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी. घटना के समय ही विजय यादव को मौके पर ही पकड़ लिया गया था तथा उसके पास से हत्या में प्रयुक्त रिवाल्वर बरामद की गई थी. इस दौरान लोगों द्वारा विजय यादव के साथ मारपीट की गई जिसके कारण उसे गंभीर चोटे आईं थीं.
गुरुवार की शाम को इस मामले की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर वजीरगंज मनोज कुमार मिश्रा ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कहा है कि घटना के समय विजय यादव को लोगों द्वारा चोटे पहुंचाई गई थी जिसके कारण वह केजीएमयू के प्राइवेट सर्जिकल वार्ड, ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है जहां पर उसका इलाज चल रहा है. विवेचक ने न्यायालय से अनुरोध किया कि मरीज की स्थिति गंभीर होने के कारण उसे पेश करना संभव नहीं है लिहाजा उसका न्यायिक रिमांड ट्रॉमा सेंटर चलकर स्वीकृत कर लिया जाए. मामले को देखते हुए सीजेएम ने शाम लगभग साढ़े सात बजे केजीएमयू जाकर अभियुक्त का न्यायिक रिमांड स्वीकृत किया.
वकीलों में भारी रोष
एससी-एसटी कोर्ट के बाहर दुस्साहसिक तरीक़े से अंजाम दी गई इस घटना के बाद से सुरक्षा को लेकर चिंतित वकीलों ने सुरक्षा चाक-चौबंद करने के साथ ही कोर्ट परिसर की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है. साथ ही मांग न माने जाने पर विधानसभा घेरने की चेतावनी भी दी है. सेंट्रल बार के वकीलों ने आम सभा आयोजित करके इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस, वरिष्ठ न्यायमूर्ति, प्रशासनिक न्यायमूर्ति, जिला जज और प्रमुख सचिव गृह से कोर्ट परिसर की सुरक्षा को लेकर प्रस्ताव पारित किया है जबकि लखनऊ बार में एक बैठक कर अधिकारियों को प्रभावी व्यवस्था करने व दोषियों को दंडित करने की मांग की गई है. मांग न पूरी होने पर अनिश्चितक़ालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी गई है. बार के महासचिव कुलदीप मिश्रा ने बताया कि गुरुवार को हुई बैठक में संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व व्यवस्था ने बार के पत्र का जवाब देते हुए कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को फुल प्रूफ करने के लिए एक वृहद सुरक्षा योजना तैयार करने की बात कहते हुए बार से विमर्श के लिए समय की मांग की है. उन्होंने बताया कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि दोषियों के ख़िलाफ़ 48 घंटे के अन्दर कार्यवाही नहीं की गई तो वकील समय सीमा समाप्त होने के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं.