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सिद्धू को राहतः रोड रेज मामले में पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद होगी सुनवाई

नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sudhu) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने पीठ से अनुरोध किया कि वह मामले को सुनवाई के लिए 23 फरवरी के बाद सूचीबद्ध करे. इस पर पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई 25 फरवरी को करेगी.

Navjot Singh Sudhu
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Published : Feb 3, 2022, 9:32 PM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने गुरुवार को कहा कि रोड रेज के 32 साल (1988 Road Rage Case) पुराने मामले में क्रिकेट से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sudhu)को सुनाई गई सजा के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर 25 फरवरी को सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति एस. के. कौल ने सिद्धू के वकील के अनुरोध पर इस मामले की यह तारीख निर्धारित की.

सिद्धू की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने पीठ से अनुरोध किया कि वह मामले को सुनवाई के लिए 23 फरवरी के बाद सूचीबद्ध करे. इस पर पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई 25 फरवरी को करेगी. सिद्धू फिलहाल कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष हैं और राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 फरवरी को होना है.

पढ़ेंः अपने आपे में रहिए, घर पर रहिए...अखिलेश को शाह की चेतावनी

उच्चतम न्यायालय ने 15 मई, 2018 को सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी करार देते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाने का पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का फैसला निरस्त कर दिया था. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कांग्रेस नेता को वरिष्ठ नागरिक को चोट पहुंचाने का दोषी पाया था.

न्यायालय ने सिद्धू को 65 वर्षीय बुजुर्ग को ‘जानबूझ कर चोट पहुंचाने’ का दोषी करार दिया था, लेकिन उन्हें जेल की सजा नहीं सुनाई और सिर्फ 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया था. भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (जान बूझकर चोट पहुंचाने की सजा) के तहत दोषी को अधिकतम एक साल कैद, 1,000 रुपये का जुर्माना या दोनों, की सजा सुनाई जा सकती है.

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने गुरुवार को कहा कि रोड रेज के 32 साल (1988 Road Rage Case) पुराने मामले में क्रिकेट से राजनीति में आए नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sudhu)को सुनाई गई सजा के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर 25 फरवरी को सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति एस. के. कौल ने सिद्धू के वकील के अनुरोध पर इस मामले की यह तारीख निर्धारित की.

सिद्धू की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पी. चिदंबरम ने पीठ से अनुरोध किया कि वह मामले को सुनवाई के लिए 23 फरवरी के बाद सूचीबद्ध करे. इस पर पीठ ने कहा कि वह मामले की सुनवाई 25 फरवरी को करेगी. सिद्धू फिलहाल कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष हैं और राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 फरवरी को होना है.

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उच्चतम न्यायालय ने 15 मई, 2018 को सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी करार देते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाने का पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का फैसला निरस्त कर दिया था. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कांग्रेस नेता को वरिष्ठ नागरिक को चोट पहुंचाने का दोषी पाया था.

न्यायालय ने सिद्धू को 65 वर्षीय बुजुर्ग को ‘जानबूझ कर चोट पहुंचाने’ का दोषी करार दिया था, लेकिन उन्हें जेल की सजा नहीं सुनाई और सिर्फ 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया था. भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (जान बूझकर चोट पहुंचाने की सजा) के तहत दोषी को अधिकतम एक साल कैद, 1,000 रुपये का जुर्माना या दोनों, की सजा सुनाई जा सकती है.

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