नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने साबरमती आश्रम पुनर्विकास प्रोजेक्ट के खिलाफ अर्जी वापस हाईकोर्ट भेज दी. महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी (Tushar Gandhi great grandson of Mahatma Gandhi) ने उच्च न्यायालय के 25 नवंबर 2021 के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें इस संबंध में दाखिल उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी.
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने (तुषार गांधी द्वारा दाखिल) रिट याचिका का निस्तारण करने से पहले गुजरात सरकार से इस मामले में विस्तृत हलफनामा नहीं मांगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि हमारा विचार है कि यह उच्च न्यायालय के लिए उचित होगा कि वह याचिका में उठाए गए मुद्दे पर फैसला राज्य सरकार द्वारा मामले में विभिन्न तथ्यों के साथ विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का मौका देने के बाद करे.
शीर्ष अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय ने मामले का निस्तारण गुजरात राज्य से रिपोर्ट मांगे बिना कर दिया और हमारा प्रथमदृष्टया मत है कि इस मामले को उच्च न्यायालय में सुने जाने की जरूरत है. उच्चतम न्यायालय ने रेखांकित किया कि गुजरात सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा है कि उक्त कार्यवाही का पालन करने के लिए याचिका को उच्च न्यायालय में बहाल किया जाना चाहिए.
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शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि उसने इस याचिका में उठाए गए मुद्दे के गुण दोष पर गौर नहीं किया है. गौरतलब है कि गुजरात और केंद्र सरकार ने गांधी आश्रम स्मारक और परिसर विकास परियोजना के लिए 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इस आश्रम में महात्मा गांधी ने वर्ष 1917 से 1930 तक निवास किया था.