श्रीनगर : एक विशेष एनआईए अदालत ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के करीबी सहयोगी वहीद-उर-रहमान पारा के खिलाफ आतंक के आरोप तय किये हैं. पुलिस के आरोप पत्र में दावा किया गया है कि पारा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों से जुड़ा था और वर्ष 2007 से एक पत्रकार और राजनेता के रूप में उसकी 13 साल की यात्रा 'छल और पाखंड की कहानी थी'.
अदालत ने इस महीने की शुरुआत में आरोप तय करने को लेकर बचाव एवं अभियोजन की दलीलें सुनी थीं और उन्होंने पारा के खिलाफ आरोप तय करने की अनुमति दी. पारा पर आतंकवादियों से साठगांठ कर राजनीतिक लाभ लेने का आरोप है, जिसके एवज में उसे आतंकी हमलों को अंजाम देने में सहायता करनी थी.
सोमवार को उपलब्ध हुए आठ पन्नों के आदेश में कहा गया कि, प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत अपराध के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं.
विशेष एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) अदालत के न्यायाधीश ने पारा के खिलाफ आतंकी समूह का सदस्य होने, उनके लिए कोष जुटाने के साथ ही संगठन की सहायता करने के आरोप तय किये. पारा पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के प्रयास, सरकार के खिलाफ असंतोष फैलाने और आपराधिक साजिश की धाराओं के अतंर्गत भी आरोप तय किये गए.
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न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, मैंने पुलिस रिपोर्ट के साथ ही अभियोजन के गवाहों का अध्ययन किया है. पुलिस रिपोर्ट में उल्लेखित परिस्थितियों एवं वर्तमान तथ्यों के साथ ही आरोपी के खिलाफ गवाही और डिजिटल साक्ष्यों को लेकर अपने विवेक का इस्तेमाल किया है. आरोपी के खिलाफ कथित अपराध को लेकर पर्याप्त साक्ष्य हैं.
पांच संरक्षित गवाहों और तकनीकी खुफिया जानकारी की मदद से सीआईडी की शाखा आपराधिक जांच कश्मीर (सीआईके) ने अदालत के समक्ष आरोपपत्र पेश किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि पारा पाकिस्तानी आतंकी समूह के एजेंडा को बढ़ाने के लिए उनके हाथों की कठपुतलनी बना रहा और उसने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निष्प्रभावी करना भी सुनिश्चित किया.
पारा के वकील शारिक रियाज ने सभी आरोपों को खारिज किया और कहा, वह अपने मुवक्किल के खिलाफ आदेश का विरोध करेंगे.
आरोपपत्र में पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित अबू दुजाना और अबू कासिम के साथ पारा के संबंधों को उजागर किया गया और आरोप लगाया कि वह दुजाना और कासिम से व्यक्तिगत रूप से और अन्य सहयोगियों के माध्यम से मिलता था. दुजाना और कासिम सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए थे.
(इनपुट-भाषा)