प्रयागराजः अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी के आत्महत्या मामले में कोर्ट ने आरोप तय कर दिया है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान शुक्रवार को नरेंद्र गिरी के शिष्य रहे आनंद गिरी और आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी पर आरोप तय कर दिए हैं. जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि सेशन कोर्ट ने आरोप तय करने के साथ ही साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 13 अप्रैल की तारीख तय कर दी है.
डेढ़ साल पहले महंत नरेंद्र गिरी ने किया था सुसाइड
महंत नरेंद्र गिरी ने 21 सितम्बर 2021 को मठ बाघम्बरी गद्दी में अपने आराम कक्ष में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद कमरे में मिले कई पन्नों वाले सुसाइड नोट और तहरीर के आधार पर पुलिस ने आनंद गिरी के साथ ही लेटे हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपी मानते हुए केस दर्ज कर लिया था.
22 सितम्बर को पुलिस ने आनंद गिरी को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया था. इसके अलावा आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को प्रयागराज से गिरफ्तार किया. वहीं, घटना के दो दिन बाद सरकार ने महंत नरेंद्र गिरी केस की जांच पुलिस की जगह सीबीआई को सौंप दी थी. सीबीआई ने अपनी जांच में आनंद गिरी के साथ ही आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोपी बनाते हुए कोर्ट में जांच रिपोर्ट दाखिल कर दी थी.
कोर्ट ने तीनों आरोपियों पर आरोप तय किए
महंत नरेंद्र गिरी के आत्महत्या केस की डेढ़ साल की लंबी सुनवाई के बाद सेशन कोर्ट ने तीनों आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं. सेशन कोर्ट ने शुक्रवार को आरोपी आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी पर आरोप तय किए हैं. कोर्ट ने आनंद गिरी पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में आईपीसी की धारा 306 के तहत आरोप तय किया जबकि दूसरे आरोपी आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 306 के साथ ही धारा 120 बी में भी आरोप तय किया है. डेढ़ साल बाद सेशन कोर्ट में आरोप तय होने के बाद अब इस केस का ट्रायल शुरू होगा.
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाबचंद अग्रहरि ने बताया कि सेशन कोर्ट आरोप तय करने के साथ 13 अप्रैल को साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए तारीख तय की है. सेशन कोर्ट ने तीनों आरोपियों की डिस्चार्ज अर्जी मामले की गंभीरता को देखते हुए पहले ही खारिज कर दी थी. कई प्रयास के बावजूद तीनों आरोपियों को अदालत से जमानत नहीं मिली है और तीनों डेढ़ साल से जेल में बंद है.
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