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दिल्ली: तीन हजार से अधिक कैदियों की अंतरिम जमानत 30 दिन बढ़ी

कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. इसी सिलसिले में हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है. दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जेलों में इसके लिए व्यापक इंतजाम करने होंगे. कोर्ट ने कहा कि इसको देखते हुए 3300 से अधिक विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत 30 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है.

court extends interim bail of over 3300 undertrial prisoners
दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
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Published : Nov 5, 2020, 10:58 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस महमारी के चलते यहां जेलों में भीड़ कम करने के लिए गुरुवार को 3300 से अधिक विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत 30 दिनों के लिए बढ़ा दी है. हाई कोर्ट का यह निर्णय उच्चाधिकार समिति की सिफारिश पर आधारित है. यह समिति जेलों में कोविड-19 की रोकथाम को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गठित की गई थी.

क्षमता से अधिक हैं कैदी

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह ने इस समिति की अनुशंसा पर यह आदेश जारी किया. समिति ने 3337 विचाराधीन कैदियों के लिए अंतरिम जमानत को 30 दिनों के लिए बढ़ाने की सिफारिश की थी, ताकि उनके आत्मसमर्पण से जेलों में बहुत ज्यादा भीड़ न हो, क्योंकि वहां पहले से ही क्षमता से अधिक बंदी हैं. जेल प्रशासन की ओर से पेश हुए दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने इसकी पुष्टि की कि अंतरिम जमानत 30 दिनों के लिए बढ़ाई गयी है.

पढ़ें: हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी, 'जल्द ही दिल्ली बन सकती है कोरोना राजधानी'

सभी कैदियों को नहीं रख सकते 14 दिन अलग-थलग

न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अगुवाई वाली उच्चाधिकार समिति ने 24 अक्टूबर को अपनी बैठक में कहा था कि दिल्ली की जेलों में बंद वर्तमान कैदियों की संख्या और उच्च न्यायालय द्वारा 20 अक्टूबर को 2,674 कैदियों को दिये गये दो से 13 नवंबर के बीच आत्मसमर्पण करने के आदेश के मद्देनजर प्रशासन सभी कैदियों को 14 दिनों के लिए अलग-थलग नहीं रख पाएगा. वैसे उच्चतम न्यायालय ने 29 अक्टूबर को उच्च न्यायालय के आदेश पर स्थगन लगा दिया था.

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस महमारी के चलते यहां जेलों में भीड़ कम करने के लिए गुरुवार को 3300 से अधिक विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत 30 दिनों के लिए बढ़ा दी है. हाई कोर्ट का यह निर्णय उच्चाधिकार समिति की सिफारिश पर आधारित है. यह समिति जेलों में कोविड-19 की रोकथाम को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर गठित की गई थी.

क्षमता से अधिक हैं कैदी

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह ने इस समिति की अनुशंसा पर यह आदेश जारी किया. समिति ने 3337 विचाराधीन कैदियों के लिए अंतरिम जमानत को 30 दिनों के लिए बढ़ाने की सिफारिश की थी, ताकि उनके आत्मसमर्पण से जेलों में बहुत ज्यादा भीड़ न हो, क्योंकि वहां पहले से ही क्षमता से अधिक बंदी हैं. जेल प्रशासन की ओर से पेश हुए दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने इसकी पुष्टि की कि अंतरिम जमानत 30 दिनों के लिए बढ़ाई गयी है.

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सभी कैदियों को नहीं रख सकते 14 दिन अलग-थलग

न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अगुवाई वाली उच्चाधिकार समिति ने 24 अक्टूबर को अपनी बैठक में कहा था कि दिल्ली की जेलों में बंद वर्तमान कैदियों की संख्या और उच्च न्यायालय द्वारा 20 अक्टूबर को 2,674 कैदियों को दिये गये दो से 13 नवंबर के बीच आत्मसमर्पण करने के आदेश के मद्देनजर प्रशासन सभी कैदियों को 14 दिनों के लिए अलग-थलग नहीं रख पाएगा. वैसे उच्चतम न्यायालय ने 29 अक्टूबर को उच्च न्यायालय के आदेश पर स्थगन लगा दिया था.

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