नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए साकेत कोर्ट ने श्रद्धा वाकर हत्याकांड में चार्जशीट से जुड़ी किसी भी ऑडियो, वीडियो आदि के प्रसारण या इससे जुड़ी सामग्री के प्रकाशन पर 17 अप्रैल तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि किसी मामले कोर्ट में दाखिल की गई कोई सार्वजनिक दस्तावेज नहीं होता है. चार्जशीट में लगाए गए सभी दस्तावेज, साक्ष्य आदि जो कि चार्जशीट का हिस्सा हैं, वे भी सार्वजनिक दस्तावेज नहीं हैं.
कोर्ट ने कहा कि पता चला है कि कुछ मीडिया चैनल श्रद्धा वाकर हत्याकांड का एक ऐसा ऑडियो-वीडियो सुबूत प्रसारित कर रहें हैं, जो इस मामले में दायर चार्जशीट का एक अभिन्न हिस्सा है. इस तरह के प्रसारण/प्रकाशन से इस संवेदनशील मामले में दोनों पक्षों को क्षति हो सकती है. मामला अभी न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है. इसलिए कोर्ट ने चार्जशीट में संलग्न किए गए ऑडियो वीडियो आदि के प्रसारण और प्रकाशन पर रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई कर रहे एडिशनल सेशन जज राकेश कुमार सिंह की कोर्ट ने यह फैला सुनाया है. औपचारिक आदेश और नोटिस जारी किए जा रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि इससे मुकदमे की सामान्य प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. यह सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन भी है, जिसमें कोर्ट ने माना है कि चार्जशीट कोई सार्वजनिक दस्तावेज नहीं है.
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गौरतलब है कि पिछले साल श्रद्धा वाकर की हत्या उसके लिव-इन पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला ने कर दी थी. हत्या के बाद उसने श्रद्धा शव के 35 टुकड़े करके आसपास के जंगल में फेंक दिए थे. गिरफ्तारी के बाद से ही आफताब जेल में है. वहीं इस मामले से जुड़े कई ऑडियो क्लिप न्यूज़ चैनल बार-बार चला रहे हैं जिस पर रोक लगाने की मांग की गई थी.