नई दिल्ली : पैकेजिंग के लिए प्लास्टिक के अनियंत्रित तरीके से उपयोग और पर्यावरण एवं स्वास्थ्य पर इसके प्रतिकूल प्रभावों के विषय को उठाने वाली याचिका पर पारित राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सहमति जता दी है. शीर्ष अदालत ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है.
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने केंद्र, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य को नोटिस जारी कर एनजीटी द्वारा इस साल आठ जनवरी को जारी आदेश के खिलाफ याचिका पर उनके जवाब मांगे.
पीठ ने सुनवाई के दौरान कह यह बहुत गंभीर मामला है. एनजीटी अपने मूल अधिकार क्षेत्र के तहत मामले में सुनवाई कर रही थी. उसे यह मामला ऐसे ही नहीं जाने देना चाहिए था. शीर्ष अदालत ने कहा कि केंद्र ने एनजीटी में दाखिल अपनी रिपोर्ट में खुद कहा था कि प्लास्टिक पैकेजिंग के प्रतिकूल प्रभाव होते हैं. पीठ ने कहा, हम इस मामले को देखेंगे. नोटिस जारी करने का आदेश जारी करते हुए पीठ ने मामले में छह सप्ताह बाद सुनवाई करने का फैसला किया.
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एनजीओ हिम जागृति उत्तरांचल वेल्फेयर सोसाइटी ने शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में एनजीटी के आदेश को चुनौती देते हुए दावा किया कि मानव स्वास्थ्य पर प्लास्टिक पैकेजिंग के प्रतिकूल प्रभावों के निष्कर्ष पर पहुंचने के बावजूद अधिकरण ने कहा कि आगे कोई आदेश जारी करने की जरूरत नहीं है क्योंकि संबंधित अधिकारी मामले को देखेंगे.
(पीटीआई-भाषा)