लखनऊ : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित किया. इस अवसर पर बोलते हुए बिरला ने परिषद के सदस्यों को समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए धन्यवाद दिया.
उन्होंने कहा कि वैश्य समाज का राष्ट्र निर्माण में बड़ा योगदान रहा है तथा उन्होंने सामाजिक विकास के लिए बहुत उत्कृष्ट योगदान दिया है. उद्योग, और रोजगार सृजन के क्षेत्र में वैश्य समाज का योगदान संपूर्ण विश्व में विख्यात है.
बिरला ने याद किया कि आजादी की लड़ाई में वैश्य समाज ने बड़ा योगदान दिया. उन्होंने कहा कि नए भारत के निर्माण में सबको सामूहिक रूप से सहयोग करना होगा. बिरला ने कहा कि उद्योग-व्यापार के माध्यम से वैश्य समाज ने आत्मनिर्भर भारत की नींव रखी है.
वैश्य समाज संस्कारों का वर्णन करते हुए बिरला ने कहा कि 'हमारे पूर्वजों ने सदैव, सेवा, त्याग और समर्पण के भाव से काम किया और इसी कारण आज भी यही संस्कार हम में भी हैं.'
बिरला ने जोर देकर कहा कि शिक्षा और समाज कल्याण के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले वैश्य समाज ने गांव गांव में शिक्षा के मंदिर बनवाए, धर्मशालाएं बनवाई, अस्पताल खोले.
उन्होंने आगे कहा कि महामारी के समय में भी देश ने अपनी सामूहिकता और संकल्प की शक्ति के आधार पर दुनिया के सामने इस चुनौती को सामना किया तथा, इस चुनौती के समय में वैश्य समाज ने अग्रणी भूमिका निभाई. बिरला ने कहा कि यह सिद्ध हो गया कि संपूर्ण देश एक है और यह देश हर चुनौती का सामूहिक रूप से मुकाबला करेगा.
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बिरला ने वैश्य समाज के देश प्रेम के विषय में कहा कि यह वह समाज हैं, जिसने देश को जोड़ने का काम किया है. उन्होंने आगे कहा कि विविधता हमे जोड़ती है, हमे तोड़ती नहीं. बिरला ने कहा कि जातियों के बीच कटुता बढ़ाना देश को तोड़ने का काम है.