चंडीगढ़ : पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के चुनाव तारीखों के एलान के बाद अटकलें लगाईं जा रही हैं कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बंगाल में ममता दीदी का साथ छोड़ दिया है? हालांकि, प्रशांत किशोर ने ममता बनर्जी का साथ छोड़ा है या नहीं, या इस चुनाव में वे टीएमसी के लिए काम करेंगे या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
फिलहाल खबर है कि प्रशांत किशोर अब पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रधान सलाहकार बन चुके हैं. लेकिन आपको बता दें कि 2017 के समय पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ प्रशांत किशोर के रिश्ते बहुत अच्छे नहीं थे. अब समय बदला है, तो पंजाब में प्रशांत किशोर कैप्टन के साथ खड़े नजर आएंगे. इसकी जानकारी खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने एक ट्वीट में दी थी.
आप के निशाने पर पीके
प्रशांत किशोर को लेकर आम आदमी पार्टी के विधायकों ने निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 4 साल में माइनिंग, खेती-बाड़ी और तमाम विभागों के लिए कोई भी विशेषज्ञ नहीं रखा. लेकिन 2022 में फिर से सरकार बनाने के लिए प्रशांत किशोर को हायर किया है. सबसे बड़ी बात यह है कि महज एक रुपये में कैबिनेट रैंक हासिल कर प्रशांत किशोर 200 लोगों की टीम के साथ काम करेंगे.
शिरोमणि ने साधा निशाना
शिरोमणी अकाली दल ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 'जुमलेबाज' प्रशांत किशोर को अपना प्रमुख सलाहकार नियुक्त कर पंजाबियों के जख्मों पर नमक छिड़का है. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस एक बार फिर से नए झूठ गढ़ने तथा लोगों को दोबारा मुर्ख बनाने के प्रयास में है. प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रशांत किशोर को नियुक्त करने से पहले पूर्ण कर्ज माफी के 'जुमले' पर विश्वास कर आत्महत्या कर चुके 1500 किसानों के बारे में सोचना चाहिए था, जो उन्होंने पवित्र गुटका साहिब तथा दशम पिता की शपथ लेकर लिया था.
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पूर्व मंत्री ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह तुच्छ राजनीति कर रहे हैं. यह और भी ज्यादा दुखदाई है कि मुख्यमंत्री इस घोषणा के साथ खुश हो रहे हैं कि वे किशोर के साथ मिलकर पंजाब की बेहतरी के लिए काम करेंगे.