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बिहार के वैशाली में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी गड़बड़ी..'24 घंटे में बने दर्जनों मकान'

बिहार के वैशाली में प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) में बड़ा घपला सामने आया है. भ्रष्टाचार का आलम यह है कि इस योजना के तहत मजह 24 घंटे में दर्जनों मकान बन गये. यहां तक कि बिजली का कनेक्शन भी लग गया. मामला सामने आने के बाद बीडीओ ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है. पढ़ें पूरी खबर.

Corruption in Vaishali district in Pradhan Mantri Awas Yojana
वैशाली में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी गड़बड़ी..'24 घंटे में बने दर्जनों मकान'
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Published : May 2, 2022, 7:40 AM IST

Updated : May 2, 2022, 11:28 AM IST

वैशाली: बिहार के वैशाली में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी धांधली (Corruption in Vaishali district in Pradhan Mantri Awas Yojana) का खुलासा हुआ है. PMAY के तहत जिले में 24 घंटे के अंदर दर्जनों मकान बना दिए गए. यही नहीं इन मकानों को बिजली कनेक्शन तक दे दिया गया. ये सारी जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल पर भी अपलोड कर दी गई. मुखिया के भाई का 24 घंटे में तो मुखिया चुनाव हारे प्रत्याशी का 48 घंटे में PMAY योजना के जरिए मकान बनकर तैयार हो गया. इस बड़े घोटाले का खुलासा आरटीआई (सूचना का अधिकार) से हुआ है. अब बीडीओ ने जांच का आश्वासन दिया है.

देखें वीडियो

बिजली का कनेक्शन भी 24 घंटे में: वैशाली जिले के महुआ अनुमंडल के चेहराकलां प्रखंड (Chehra Kalan Block of Mahua Subdivision) प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना पास करने वाले कर्मियों ने एक ही दिन में दर्जनों मकान बना डाले हैं. इतना ही नहीं, इसकी जानकारी सरकारी पोर्टल पर भी अपडेट कर दिया गया है. 1 दिन में बने मकान की नीव से लेकर छत और रंग-रोगन से लेकर बिजली का कनेक्शन तक का काम कर दिया गया है. बात खुली तो प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कमेटी बनाकर जांच करने का आदेश दिया है.

आरटीआई में हुआ खुलासा: दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट देवेंद्र राय ने इस मामले को उजागर किया है. उन्होंने भारत सरकार के पोर्टल से दस्तावेज जुटाये हैं. इसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रहे घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है. उन्होंने इस बाबत बिहार सरकार के मुख्य सचिव सहित वैशाली जिला अधिकारी तक को पत्र लिखा है. साथ ही सबूत के तौर दस्तावेज भी लगाए हैं. उन्होंने चेहराकलां प्रखंड के पांच पांच लाभुकों की सूची सौंपी है. इसमे यह स्पष्ट है कि 1 दिन में भवन का निर्माण कार्य संपन्न कर दिया गया है. बिजली का कनेक्शन दे दिया गया. साथ ही लाभुकों की तस्वीर भी भवन के साथ जारी कर दी गई है.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री का गहलोत सरकार पर हमला- बिजली कटौती की जांच हो तो मिलेंगे भ्रष्टाचार के तंत्र

योजना राशि की लूट-खसोट: इस विषय में देवेंद्र राय ने बताया कि- 'प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के जरिए यहां के बीडीओ, इंदिरा आवास सहायक व इंदिरा आवास पर्यवेक्षक द्वारा आवास की राशि की लूट-खसोट लाभुकों से मिलकर कराई गई है. 1 दिन में सैकड़ों पक्के मकान बन जाना दिखाया गया है. राशि लाभुक के खाते में दी गई है और फिर उसका बंदरबांट किया गया है. यह जानकारी भारत सरकार के आवास सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि चेहराकलां प्रखंड के बीडीओ कुमुद रंजन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के रहने वाले हैं. इसलिए वरीय अधिकारी भी उनसे डरते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं.'

'प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत गरीबों का मकान बनना है. यहां के बीडीओ, इंदिरा आवास सहायक, इंदिरा आवास पर्यवेक्षक के द्वारा आवास की राशि की लूट-खसोट लाभान्वितों से मिलकर करायी गयी है. एक दिन में सैकड़ों पक्के मकान बन जाना दिखाकर राशि की विमुक्ति की गयी, इसका बंदरबांट किया गया.' -देवेंद्र राय, आरटीआई एक्टिविस्ट

आवास सहायक ने मांगी 20 हजार की रिश्वत: हालांकि, देवेंद्र राय ने इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की बात कही है. इस पूरे प्रकरण पर कुमुद रंजन ने कहा कि पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी. सुपरवाइजर के साथ एक कमेटी बनाकर मामले की निष्पक्ष जांच होगी. उनसे जब पूछा गया कि पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने वाले सुपरवाइजर को ही जांच का जिम्मा दिया जाएगा तो कैसे निष्पक्ष होगी. इस पर उन्होंने कहा कि कमेटी में दूसरे लोगों को रखकर जांच करायी जाएगी. दूसरी ओर चेहराकलां प्रखंड के मनोज कुमार ने बताया कि उनका घर 2019 में ही पास हुआ था. आवास सहायक ने 20000 रुपये घूस मांगे थे. नहीं देने पर उनको आवास आवंटित नहीं किया गया है. आवास की आस में उनके पिता चल बसे. जब भी आवास सहायक से पूछते हैं तो बताया जाता है कि प्रक्रिया में है.

'जो भी आरोप हैं, उसकी जांच करायी जायेगी. इसके लिए कमेटी बनायेगी जायेगी. जांच के बाद ही अधिक जानकारी मिल पायेगी.'- कुमुद रंजन, बीडीओ

बता दें कि पीएम आवास निर्माण के मामले में वैशाली राज्यस्तरीय सूची में आठवें पायदान पर है. फरवरी 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वैशाली जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण कार्य पूरा करने में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 95.41 फीसदी उपलब्धि हासिल की गई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस योजना के शुरू होने से अब तक जिले में कुल 97 हजार 538 आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई.

वैशाली: बिहार के वैशाली में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी धांधली (Corruption in Vaishali district in Pradhan Mantri Awas Yojana) का खुलासा हुआ है. PMAY के तहत जिले में 24 घंटे के अंदर दर्जनों मकान बना दिए गए. यही नहीं इन मकानों को बिजली कनेक्शन तक दे दिया गया. ये सारी जानकारी प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल पर भी अपलोड कर दी गई. मुखिया के भाई का 24 घंटे में तो मुखिया चुनाव हारे प्रत्याशी का 48 घंटे में PMAY योजना के जरिए मकान बनकर तैयार हो गया. इस बड़े घोटाले का खुलासा आरटीआई (सूचना का अधिकार) से हुआ है. अब बीडीओ ने जांच का आश्वासन दिया है.

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बिजली का कनेक्शन भी 24 घंटे में: वैशाली जिले के महुआ अनुमंडल के चेहराकलां प्रखंड (Chehra Kalan Block of Mahua Subdivision) प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना पास करने वाले कर्मियों ने एक ही दिन में दर्जनों मकान बना डाले हैं. इतना ही नहीं, इसकी जानकारी सरकारी पोर्टल पर भी अपडेट कर दिया गया है. 1 दिन में बने मकान की नीव से लेकर छत और रंग-रोगन से लेकर बिजली का कनेक्शन तक का काम कर दिया गया है. बात खुली तो प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कमेटी बनाकर जांच करने का आदेश दिया है.

आरटीआई में हुआ खुलासा: दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट देवेंद्र राय ने इस मामले को उजागर किया है. उन्होंने भारत सरकार के पोर्टल से दस्तावेज जुटाये हैं. इसके आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रहे घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है. उन्होंने इस बाबत बिहार सरकार के मुख्य सचिव सहित वैशाली जिला अधिकारी तक को पत्र लिखा है. साथ ही सबूत के तौर दस्तावेज भी लगाए हैं. उन्होंने चेहराकलां प्रखंड के पांच पांच लाभुकों की सूची सौंपी है. इसमे यह स्पष्ट है कि 1 दिन में भवन का निर्माण कार्य संपन्न कर दिया गया है. बिजली का कनेक्शन दे दिया गया. साथ ही लाभुकों की तस्वीर भी भवन के साथ जारी कर दी गई है.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री का गहलोत सरकार पर हमला- बिजली कटौती की जांच हो तो मिलेंगे भ्रष्टाचार के तंत्र

योजना राशि की लूट-खसोट: इस विषय में देवेंद्र राय ने बताया कि- 'प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के जरिए यहां के बीडीओ, इंदिरा आवास सहायक व इंदिरा आवास पर्यवेक्षक द्वारा आवास की राशि की लूट-खसोट लाभुकों से मिलकर कराई गई है. 1 दिन में सैकड़ों पक्के मकान बन जाना दिखाया गया है. राशि लाभुक के खाते में दी गई है और फिर उसका बंदरबांट किया गया है. यह जानकारी भारत सरकार के आवास सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि चेहराकलां प्रखंड के बीडीओ कुमुद रंजन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के रहने वाले हैं. इसलिए वरीय अधिकारी भी उनसे डरते हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं.'

'प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत गरीबों का मकान बनना है. यहां के बीडीओ, इंदिरा आवास सहायक, इंदिरा आवास पर्यवेक्षक के द्वारा आवास की राशि की लूट-खसोट लाभान्वितों से मिलकर करायी गयी है. एक दिन में सैकड़ों पक्के मकान बन जाना दिखाकर राशि की विमुक्ति की गयी, इसका बंदरबांट किया गया.' -देवेंद्र राय, आरटीआई एक्टिविस्ट

आवास सहायक ने मांगी 20 हजार की रिश्वत: हालांकि, देवेंद्र राय ने इस मामले को लेकर कोर्ट जाने की बात कही है. इस पूरे प्रकरण पर कुमुद रंजन ने कहा कि पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी. सुपरवाइजर के साथ एक कमेटी बनाकर मामले की निष्पक्ष जांच होगी. उनसे जब पूछा गया कि पोर्टल पर जानकारी अपलोड करने वाले सुपरवाइजर को ही जांच का जिम्मा दिया जाएगा तो कैसे निष्पक्ष होगी. इस पर उन्होंने कहा कि कमेटी में दूसरे लोगों को रखकर जांच करायी जाएगी. दूसरी ओर चेहराकलां प्रखंड के मनोज कुमार ने बताया कि उनका घर 2019 में ही पास हुआ था. आवास सहायक ने 20000 रुपये घूस मांगे थे. नहीं देने पर उनको आवास आवंटित नहीं किया गया है. आवास की आस में उनके पिता चल बसे. जब भी आवास सहायक से पूछते हैं तो बताया जाता है कि प्रक्रिया में है.

'जो भी आरोप हैं, उसकी जांच करायी जायेगी. इसके लिए कमेटी बनायेगी जायेगी. जांच के बाद ही अधिक जानकारी मिल पायेगी.'- कुमुद रंजन, बीडीओ

बता दें कि पीएम आवास निर्माण के मामले में वैशाली राज्यस्तरीय सूची में आठवें पायदान पर है. फरवरी 2022 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत वैशाली जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण कार्य पूरा करने में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 95.41 फीसदी उपलब्धि हासिल की गई थी. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस योजना के शुरू होने से अब तक जिले में कुल 97 हजार 538 आवास निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई.

Last Updated : May 2, 2022, 11:28 AM IST
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