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भ्रष्टाचार लगभग संस्थागत हो गया है : कर्नाटक के राज्यपाल

कर्नाटक विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए सोमवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कहा कि आज के वक्त में भ्रष्टाचार संस्थागत हो गया है, जिससे निपटने के लिए सरकार प्रशासनिक तथा विधायी उपाय करेगी.

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Published : Jul 3, 2023, 4:29 PM IST

Updated : Jul 3, 2023, 5:21 PM IST

बेंगलुरु : भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सोमवार को कहा कि यह लगभग संस्थागत हो गया है और प्रदेश सरकार इस चुनौती से निपटने व इसे खत्म करने के लिए प्रशासनिक तथा विधायी उपाय करेगी. विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच सालों में राज्य सरकार जन-केंद्रित अर्थव्यवस्था पर जोर देगी. गहलोत ने कहा, "देश के लिये मजबूती से खड़े रहकर व्यापक योगदान करने वाला कर्नाटक संकट की स्थिति में आ गया है. कर्नाटक को आर्थिक संकट से बाहर निकालना (नयी कांग्रेस सरकार की) प्राथमिकता होगी."

उन्होंने कहा कि सरकार कल्याण और राज्य की अर्थव्यवस्था दोनों को संतुलित करके “नए कर्नाटक शासन” को देश के सामने एक आदर्श के रूप में प्रदर्शित करेगी. उन्होंने कहा कि संकीर्ण सोच विभिन्न समुदायों के बीच विभाजन और मतभेद पैदा करती है और ऐसी मानसिकता के अवशेष अब भी समाज में विभिन्न स्तरों पर मौजूद हैं. राज्यपाल ने कहा कि सरकार एक शांतिपूर्ण और प्रेमपूर्ण समाज के निर्माण के लिए सभी कदम उठाएगी.

कर्नाटक विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र
कर्नाटक विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र

गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार हमारी व्यवस्था में इस कदर जड़ें जमा चुका है कि कई कारणों से यह लगभग संस्थागत हो गया है. उन्होंने कहा, "इसे खत्म करना प्रमुख चुनौती है. मैं इस चुनौती से निपटने और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए आपका सहयोग चाहता हूं. सरकार इस संबंध में सभी आवश्यक प्रशासनिक और विधायी उपाय करेगी." उन्होंने कहा कि सरकार शासन को एक पवित्र दायित्व मानती है और वह गरीबों तथा सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि सभी जातियों, धर्मों और संप्रदायों को उनका उचित हिस्सा मिले.

पढ़ें : Karnataka News : भाजपा आलाकमान ने नेता प्रतिपक्ष चुनने में देरी के बीच येदियुरप्पा को दिल्ली बुलाया

राज्यपाल ने कहा कि 'अन्न भाग्य' योजना के तहत, राज्य सरकार का अतिरिक्त पांच किलो चावल आवंटन, प्रत्येक गरीब परिवारों के बैंक खातों में सीधे प्रति व्यक्ति 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्रति माह प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के रूप में दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 'अन्न भाग्य' योजना और 'इंदिरा कैंटीन' के माध्यम से राज्य को भूख मुक्त बनाएगी. सरकार की (चुनावी) 'गारंटी' के बारे में गहलोत ने कहा कि 'युवा निधि' के तहत 2022-23 में उत्तीर्ण बेरोजगार स्नातक/परास्नातक को प्रतिमाह 3000 रुपये दिए जाएंगे जबकि डिप्लोमा धारकों को 1500 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे.

राज्यपाल ने कहा कि 'गृह ज्योति योजना' के तहत 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली से लगभग 2.14 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा 'गृह लक्ष्मी' योजना बनाई गई है. योजना के तहत, नारी प्रधान घरों में महिलाओं को 2,000 रुपये प्रति माह प्रदान किए जाएंगे. गहलोत ने 'शक्ति' योजना का भी जिक्र करते हुए कहा कि सरकारी बसों में मुफ्त बस यात्रा से कर्नाटक की 50 लाख से अधिक महिलाओं को फायदा हुआ है.

(पीटीआई-भाषा)

बेंगलुरु : भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सोमवार को कहा कि यह लगभग संस्थागत हो गया है और प्रदेश सरकार इस चुनौती से निपटने व इसे खत्म करने के लिए प्रशासनिक तथा विधायी उपाय करेगी. विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच सालों में राज्य सरकार जन-केंद्रित अर्थव्यवस्था पर जोर देगी. गहलोत ने कहा, "देश के लिये मजबूती से खड़े रहकर व्यापक योगदान करने वाला कर्नाटक संकट की स्थिति में आ गया है. कर्नाटक को आर्थिक संकट से बाहर निकालना (नयी कांग्रेस सरकार की) प्राथमिकता होगी."

उन्होंने कहा कि सरकार कल्याण और राज्य की अर्थव्यवस्था दोनों को संतुलित करके “नए कर्नाटक शासन” को देश के सामने एक आदर्श के रूप में प्रदर्शित करेगी. उन्होंने कहा कि संकीर्ण सोच विभिन्न समुदायों के बीच विभाजन और मतभेद पैदा करती है और ऐसी मानसिकता के अवशेष अब भी समाज में विभिन्न स्तरों पर मौजूद हैं. राज्यपाल ने कहा कि सरकार एक शांतिपूर्ण और प्रेमपूर्ण समाज के निर्माण के लिए सभी कदम उठाएगी.

कर्नाटक विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र
कर्नाटक विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र

गहलोत ने कहा कि भ्रष्टाचार हमारी व्यवस्था में इस कदर जड़ें जमा चुका है कि कई कारणों से यह लगभग संस्थागत हो गया है. उन्होंने कहा, "इसे खत्म करना प्रमुख चुनौती है. मैं इस चुनौती से निपटने और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए आपका सहयोग चाहता हूं. सरकार इस संबंध में सभी आवश्यक प्रशासनिक और विधायी उपाय करेगी." उन्होंने कहा कि सरकार शासन को एक पवित्र दायित्व मानती है और वह गरीबों तथा सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि सभी जातियों, धर्मों और संप्रदायों को उनका उचित हिस्सा मिले.

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राज्यपाल ने कहा कि 'अन्न भाग्य' योजना के तहत, राज्य सरकार का अतिरिक्त पांच किलो चावल आवंटन, प्रत्येक गरीब परिवारों के बैंक खातों में सीधे प्रति व्यक्ति 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्रति माह प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के रूप में दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 'अन्न भाग्य' योजना और 'इंदिरा कैंटीन' के माध्यम से राज्य को भूख मुक्त बनाएगी. सरकार की (चुनावी) 'गारंटी' के बारे में गहलोत ने कहा कि 'युवा निधि' के तहत 2022-23 में उत्तीर्ण बेरोजगार स्नातक/परास्नातक को प्रतिमाह 3000 रुपये दिए जाएंगे जबकि डिप्लोमा धारकों को 1500 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे.

राज्यपाल ने कहा कि 'गृह ज्योति योजना' के तहत 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली से लगभग 2.14 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा 'गृह लक्ष्मी' योजना बनाई गई है. योजना के तहत, नारी प्रधान घरों में महिलाओं को 2,000 रुपये प्रति माह प्रदान किए जाएंगे. गहलोत ने 'शक्ति' योजना का भी जिक्र करते हुए कहा कि सरकारी बसों में मुफ्त बस यात्रा से कर्नाटक की 50 लाख से अधिक महिलाओं को फायदा हुआ है.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jul 3, 2023, 5:21 PM IST
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