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भारत में टीके का उत्पादन, राज्यों की स्थिति पर एक नजर

कोरोना टीका के लिए आज से 18 से 44 साल वालों के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 45 साल से ऊपर वालों को टीका पहले की तरह ही मिलता रहेगा. हालांकि, इस पर राजनीति भी खूब हो रही है. महाराष्ट्र और राजस्थान समेत कुछ राज्यों ने टीके की अनुपलब्धता को लेकर शिकायत की है. इस बीच हमें यह जानना भी जरूरी है कि भारत में टीके के उत्पादन की वास्तविक स्थिति क्या है.

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Published : Apr 28, 2021, 6:23 PM IST

हैदराबाद : आज से 18 साल से ऊपर सभी लोगों के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. क्या केंद्र सरकार इतनी बड़ी संख्या में टीका उपलब्ध करवा पाएगी, इस पर राजनीति शुरू हो गई है. केंद्र ने आश्वासन दिया है कि चरणबद्ध तरीके से टीके उपलब्ध करवाए जाएंगे. पर विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है. उनका आरोप है कि उनके यहां टीके उपलब्ध नहीं हैं. क्या है टीके की स्थिति, एक नजर डालिए.

भारत में कोवैक्सिन और कोविशील्ड दो कंपनियां कोरोना टीके की सप्लाई कर रहीं हैं. कोवैक्सिन मई महीने में तीन करोड़ टीके का उत्पादन करेगा. कोवैक्सिन निर्माता ने कहा कि एक साल में 70 करोड़ टीके का उत्पादन करने की क्षमता कंपनी ने विकसित कर ली है. मार्च में कंपनी ने 1.5 करोड़ टीके का उत्पादन किया था. अप्रैल में दो करोड़ टीके का उत्पादन हो रहा है.

बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने संसदीय समिति को बताया कि कोविशील्ड की मासिक उत्पादन क्षमता सात से 10 करोड़ डोज की है.

रूस द्वारा निर्मित स्पूतनिक-V को भारत ने मंजूरी दे दी है. स्पूतनिक ने भारत में डॉ रेड्डी लेबॉरेट्री के साथ मार्केटिंग की योजना बनाई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसने एक साल में 85 करोड़ डोज तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

पैनेसिया बायोटेक, सनोफिस शांताबायोटेक, हेस्टर बायोसाइंस, जाइडस कैडिला और बायोलॉजिकल ई के ट्रायल अंतिम चरण में हैं. ये सभी भारत की कंपनियां हैं. अमेरिका ने पी-फाइजर के निर्यात को अभी मंजूरी नहीं दी है. जॉनसन एंड जॉनसन के टीके को भी मंजूरी नहीं दी गई है.

भारत में टीके की क्या है स्थिति

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलाय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी एक करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध हैं और अगले तीन दिनों में 57,70,000 और टीके उन्हें मिलेंगे.

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 15,95,96,140 टीके निशुल्क उपलब्ध कराए हैं. इनमें से खराब होने वाले टीकों समेत कुल 14,89,76,248 टीकों की खपत हो चुकी है.

उसने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी 1,06,19,892 और टीके उपलब्ध हैं.

उसने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अगले तीन दिनों में 57 लाख से अधिक और टीके मिलेंगे.

मंत्रालय ने कहा कि हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के कुछ अधिकारियों के हवाले से मीडिया की कुछ खबरों में बताया गया कि राज्य में टीके खत्म हो गए हैं, जिससे राज्य में टीकाकरण अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र को 28 अप्रैल सुबह आठ बजे तक कोविड-19 रोधी टीकों की 1,58,62,470 खुराक दी गई. इनमें से खराब (0.22 प्रतिशत) होने वाले टीकों के साथ ही 1,53,56,151 टीकों की खपत हुई. राज्य के पास अब भी 5,06,319 टीके उपलब्ध हैं.

उसने बताया कि महाराष्ट्र को अगले तीन दिनों में 5,00,000 और टीके भेजे जाएंगे.

आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, दिल्ली को 36,90,710 टीके मिले हैं और खराब होने वाले टीकों के साथ ही टीकों की कुल खपत 32,43,300 है. उसके पास अब भी 4,47,410 टीके उपलब्ध हैं और 1,50,000 टीके दिए जाएंगे.

राजस्थान को अब तक 1,36,12,360 टीके दिए गए हैं. राज्य के पास अब 3,92,002 टीके उपलब्ध हैं और 2,00,000 टीकों की आपूर्ति की जानी है.

आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश को 1,37,96,780 टीके दिए गए हैं और खराब होने वाले टीकों समेत कुल 1,25,03,943 टीकों की खपत हो चुकी ह.। राज्य के पास अब भी 12,92,837 टीके हैं तथा उसे 7,00,000 और टीके दिए जाएंगे.

पश्चिम बंगाल को 1,09,83,340 टीके दिए गए हैं और उसके पास अब 2,92,808 टीके हैं तथा 4,00,000 टीके दिए जाने हैं.

आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक को 94,47,900 टीके दिए गए और 91,01,215 टीकों की खपत हो चुकी है. उसके पास 3,46,685 टीके उपलब्ध हैं तथा 4,00,000 और टीके दिए जाने हैं.

छत्तीसगढ़ को 59,16,550 टीके दिए गए हैं. राज्य के पास 3,38,963 टीके उपलब्ध हैं और 2,00,000 टीकों की आपूर्ति की जाएगी.

केंद्र की कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए पांच सूत्री रणनीति के तौर पर जांच, संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, इलाज करने और कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए उचित व्यवहार करने के साथ ही टीकाकरण भी अहम हिस्सा है.

देश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था.

हैदराबाद : आज से 18 साल से ऊपर सभी लोगों के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. क्या केंद्र सरकार इतनी बड़ी संख्या में टीका उपलब्ध करवा पाएगी, इस पर राजनीति शुरू हो गई है. केंद्र ने आश्वासन दिया है कि चरणबद्ध तरीके से टीके उपलब्ध करवाए जाएंगे. पर विपक्ष का कहना है कि केंद्र सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है. उनका आरोप है कि उनके यहां टीके उपलब्ध नहीं हैं. क्या है टीके की स्थिति, एक नजर डालिए.

भारत में कोवैक्सिन और कोविशील्ड दो कंपनियां कोरोना टीके की सप्लाई कर रहीं हैं. कोवैक्सिन मई महीने में तीन करोड़ टीके का उत्पादन करेगा. कोवैक्सिन निर्माता ने कहा कि एक साल में 70 करोड़ टीके का उत्पादन करने की क्षमता कंपनी ने विकसित कर ली है. मार्च में कंपनी ने 1.5 करोड़ टीके का उत्पादन किया था. अप्रैल में दो करोड़ टीके का उत्पादन हो रहा है.

बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने संसदीय समिति को बताया कि कोविशील्ड की मासिक उत्पादन क्षमता सात से 10 करोड़ डोज की है.

रूस द्वारा निर्मित स्पूतनिक-V को भारत ने मंजूरी दे दी है. स्पूतनिक ने भारत में डॉ रेड्डी लेबॉरेट्री के साथ मार्केटिंग की योजना बनाई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसने एक साल में 85 करोड़ डोज तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

पैनेसिया बायोटेक, सनोफिस शांताबायोटेक, हेस्टर बायोसाइंस, जाइडस कैडिला और बायोलॉजिकल ई के ट्रायल अंतिम चरण में हैं. ये सभी भारत की कंपनियां हैं. अमेरिका ने पी-फाइजर के निर्यात को अभी मंजूरी नहीं दी है. जॉनसन एंड जॉनसन के टीके को भी मंजूरी नहीं दी गई है.

भारत में टीके की क्या है स्थिति

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलाय ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी एक करोड़ से अधिक टीके उपलब्ध हैं और अगले तीन दिनों में 57,70,000 और टीके उन्हें मिलेंगे.

मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 15,95,96,140 टीके निशुल्क उपलब्ध कराए हैं. इनमें से खराब होने वाले टीकों समेत कुल 14,89,76,248 टीकों की खपत हो चुकी है.

उसने बताया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास कोविड-19 रोधी 1,06,19,892 और टीके उपलब्ध हैं.

उसने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को अगले तीन दिनों में 57 लाख से अधिक और टीके मिलेंगे.

मंत्रालय ने कहा कि हाल ही में महाराष्ट्र सरकार के कुछ अधिकारियों के हवाले से मीडिया की कुछ खबरों में बताया गया कि राज्य में टीके खत्म हो गए हैं, जिससे राज्य में टीकाकरण अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र को 28 अप्रैल सुबह आठ बजे तक कोविड-19 रोधी टीकों की 1,58,62,470 खुराक दी गई. इनमें से खराब (0.22 प्रतिशत) होने वाले टीकों के साथ ही 1,53,56,151 टीकों की खपत हुई. राज्य के पास अब भी 5,06,319 टीके उपलब्ध हैं.

उसने बताया कि महाराष्ट्र को अगले तीन दिनों में 5,00,000 और टीके भेजे जाएंगे.

आधिकारिक आंकड़े के अनुसार, दिल्ली को 36,90,710 टीके मिले हैं और खराब होने वाले टीकों के साथ ही टीकों की कुल खपत 32,43,300 है. उसके पास अब भी 4,47,410 टीके उपलब्ध हैं और 1,50,000 टीके दिए जाएंगे.

राजस्थान को अब तक 1,36,12,360 टीके दिए गए हैं. राज्य के पास अब 3,92,002 टीके उपलब्ध हैं और 2,00,000 टीकों की आपूर्ति की जानी है.

आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश को 1,37,96,780 टीके दिए गए हैं और खराब होने वाले टीकों समेत कुल 1,25,03,943 टीकों की खपत हो चुकी ह.। राज्य के पास अब भी 12,92,837 टीके हैं तथा उसे 7,00,000 और टीके दिए जाएंगे.

पश्चिम बंगाल को 1,09,83,340 टीके दिए गए हैं और उसके पास अब 2,92,808 टीके हैं तथा 4,00,000 टीके दिए जाने हैं.

आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक को 94,47,900 टीके दिए गए और 91,01,215 टीकों की खपत हो चुकी है. उसके पास 3,46,685 टीके उपलब्ध हैं तथा 4,00,000 और टीके दिए जाने हैं.

छत्तीसगढ़ को 59,16,550 टीके दिए गए हैं. राज्य के पास 3,38,963 टीके उपलब्ध हैं और 2,00,000 टीकों की आपूर्ति की जाएगी.

केंद्र की कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए पांच सूत्री रणनीति के तौर पर जांच, संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, इलाज करने और कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए उचित व्यवहार करने के साथ ही टीकाकरण भी अहम हिस्सा है.

देश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था.

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