ETV Bharat / bharat

कोरोना की दूसरी लहर का चारधाम यात्रा की बुकिंग पर पड़ रहा असर - corona second wave impact

उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ते मामलों का असर आगामी चारधाम यात्रा पर भी पड़ रहा है. इस वजह से अब तक श्रद्धालुओं द्वारा प्रसिद्ध हिमालयी धामों की यात्रा के लिए बसों की बुकिंग नहीं शुरू कराई गई है.

चारधाम यात्रा
चारधाम यात्रा
author img

By

Published : Apr 22, 2021, 4:59 PM IST

ऋषिकेश : उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ते मामलों का असर आगामी चारधाम यात्रा पर भी पड़ता दिख रहा है. अभी तक श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध हिमालयी चार धामों की यात्रा के लिए बसों की बुकिंग शुरू नहीं की है .

चारधाम यात्रा 14 मई अर्थात अक्षय तृतीया के दिन से शुरू होनी है जब उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट छह माह के शीतकालीन प्रवास के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.

तीर्थयात्रा के लिए बसों का प्रबंध करने वाली यात्रा प्रबंधन संयुक्त रोटेशन कमेटी के अध्यक्ष सुधीर रॉय ने बताया, हर साल इस समय तक यात्रा के लिए कम से कम 500 बसों की बुकिंग होना सामान्य बात है लेकिन इस बार अब तक एक भी बस की बुकिंग नहीं हुई है जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ गई है.

पढ़ें- कोविड-19 जांच से बचने के लिए असम के सिलचर हवाईअड्डे से भागे 300 से अधिक यात्री

यात्रा मार्ग पर वाहन संचालित करने वाले बस ऑपरेटरों के लिए माहौल को बहुत निराशाजनक बताते हुए रॉय ने कहा कि हमें आधी सवारियों की बजाय बस में पूरी सवारियां भरने की अनुमति दी जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि यात्रा के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करते समय पर्यटन उद्योग में जारी निराशाजनक माहौल को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए और यात्रा मार्गों पर बसों में पूरी क्षमता में सवारियां बैठाने की अनुमति दी जानी चाहिए.

उन्होंने हालांकि कहा कि एसओपी में श्रद्धालुओं के लिए 72 घंटे पूर्व की कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य किया जा सकता है.रॉय ने कहा कि अगर यात्री कोविड मुक्त हैं तो बसों में सामाजिक दूरी की कोई जरूरत ही नहीं है. उत्तराखंड में बुधवार को एक दिन में अब तक के सर्वाधिक रिकार्ड 4807 कोविड मरीज मिले थे.

पिछले साल भी महामारी का प्रभाव चारधाम यात्रा पर पड़ा था और सभी मंदिर अपने तय समय से काफी बाद में खुले थे. हेमकुंड साहिब गुरूद्वारा भी बहुत विलंब से खुला था.

इस सिलसिले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा ने मंगलवार को राज्य सरकार की महामारी से संबंधित जनहित याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई के दौरान कहा था कि आगामी चारधाम यात्रा के लिए बढ़ते कोविड-19 के मामलों को ध्यान में रखते हुए तीर्थयात्रा को दूसरे कुंभ में बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

ऋषिकेश : उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ते मामलों का असर आगामी चारधाम यात्रा पर भी पड़ता दिख रहा है. अभी तक श्रद्धालुओं ने प्रसिद्ध हिमालयी चार धामों की यात्रा के लिए बसों की बुकिंग शुरू नहीं की है .

चारधाम यात्रा 14 मई अर्थात अक्षय तृतीया के दिन से शुरू होनी है जब उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट छह माह के शीतकालीन प्रवास के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.

तीर्थयात्रा के लिए बसों का प्रबंध करने वाली यात्रा प्रबंधन संयुक्त रोटेशन कमेटी के अध्यक्ष सुधीर रॉय ने बताया, हर साल इस समय तक यात्रा के लिए कम से कम 500 बसों की बुकिंग होना सामान्य बात है लेकिन इस बार अब तक एक भी बस की बुकिंग नहीं हुई है जिससे पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों की चिंता बढ़ गई है.

पढ़ें- कोविड-19 जांच से बचने के लिए असम के सिलचर हवाईअड्डे से भागे 300 से अधिक यात्री

यात्रा मार्ग पर वाहन संचालित करने वाले बस ऑपरेटरों के लिए माहौल को बहुत निराशाजनक बताते हुए रॉय ने कहा कि हमें आधी सवारियों की बजाय बस में पूरी सवारियां भरने की अनुमति दी जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि यात्रा के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करते समय पर्यटन उद्योग में जारी निराशाजनक माहौल को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए और यात्रा मार्गों पर बसों में पूरी क्षमता में सवारियां बैठाने की अनुमति दी जानी चाहिए.

उन्होंने हालांकि कहा कि एसओपी में श्रद्धालुओं के लिए 72 घंटे पूर्व की कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य किया जा सकता है.रॉय ने कहा कि अगर यात्री कोविड मुक्त हैं तो बसों में सामाजिक दूरी की कोई जरूरत ही नहीं है. उत्तराखंड में बुधवार को एक दिन में अब तक के सर्वाधिक रिकार्ड 4807 कोविड मरीज मिले थे.

पिछले साल भी महामारी का प्रभाव चारधाम यात्रा पर पड़ा था और सभी मंदिर अपने तय समय से काफी बाद में खुले थे. हेमकुंड साहिब गुरूद्वारा भी बहुत विलंब से खुला था.

इस सिलसिले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा ने मंगलवार को राज्य सरकार की महामारी से संबंधित जनहित याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई के दौरान कहा था कि आगामी चारधाम यात्रा के लिए बढ़ते कोविड-19 के मामलों को ध्यान में रखते हुए तीर्थयात्रा को दूसरे कुंभ में बदलने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.