ETV Bharat / bharat

उत्तर प्रदेश : ध्वस्त हुआ कोरोना माता का मंदिर, पुलिस पर लगा आरोप

प्रतापगढ़ में कुछ दिन पहले बने कोरोना माता के मंदिर को तोड़ दिया गया है. मंदिर तोड़ने का आरोप पुलिस पर लग रहा है, लेकिन पुलिस इससे इंकार कर रही है.

ध्वस्त हुआ कोरोना माता का मंदिर
ध्वस्त हुआ कोरोना माता का मंदिर
author img

By

Published : Jun 13, 2021, 6:46 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में सांगीपुर थाना के जूही शुक्लपुर गांव में कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने कोरोना के खौफ में कोरोना माता मंदिर का निर्माण करते हुए एक मूर्ति स्थापित कर दी. जब यह मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो प्रशासन ने मंदिर को नष्ट करके वहां से हटा दिया है.

गौरतलब है कि प्रतापगढ़ के सांगीपुर थाना अंतर्गत जूही शुक्लपुर में कोरोना को हराने के लिए ग्रामीणों ने गांव में कोरोना माता मंदिर बना दिया था. इस मंदिर में कोरोना माता की मास्क लगाए हुए मूर्ति स्थापित की गई थी. अंधविश्वास का आलम ये है कि सैकड़ों ग्रामीणों पूरे विधि-विधान से कोरोना माता की पूजा-अर्चना कर रहे थे. ग्रामीणों का दावा था कि ऐसा करने से उनके गांव में कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा.

हालांकि इस संबंध में दूसरी बात भी सामने आ रही है, जिसमें एसओ का कहना है कि तीन भाइयों का आपसी बंटवारा नहीं हुआ था, जिसके चलते एक भाई ने निर्माण के लिए कोरोना माता का मंदिर बनाया और यहीं घर बनाना चाह रहा था. जब दूसरे भाई को यह बात पता चली, तो उसने यह मंदिर तोड़ दिया. हालांकि पुलिस अपने ऊपर लगे मंदिर तोड़ने के आरोप को नकार रही है.

कोरोना से तीन मौतों के बाद स्थापित की मूर्ति

दरअसल, इस गांव में कोरोना महामारी से तीन लोगों की मौत हुई तो गांव वाले बहुत डर गए. इसके बाद गांव के लोकेश श्रीवास्तव ने पहल की और ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर 7 जून को कोरोना माता की मूर्ति स्थापित कराई. विशेष ऑर्डर पर तैयार कराई गई कोरोना माता की मूर्ति को गांव में नीम के पेड़ के पास स्थापित करके इसे कोरोना माता मंदिर का नाम दिया गया. जूही शुक्लपुर के ग्रामीणों का मानना है कि पूर्वजों ने चेचक को माता शीतला का स्वरूप माना था और कोरोना भी देवी माता का ही रूप हैं.

पढ़ें- जानिए कहां है कोरोना माता का मंदिर, पूजा के लिए उमड़ रही भीड़

ग्रामीणों का अपना ही तर्क

ग्रामीणों का कहना है कि कई लोग इसको अंधविश्वास मान रहे हैं, लेकिन मास्क लगाए और हाथ धोते हुए कोरोना माता की प्रतिमा लोगों को मास्क लगाने और हाथ धोने के लिए जागरुक करती है, जो एक अच्छी पहल है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में सांगीपुर थाना के जूही शुक्लपुर गांव में कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने कोरोना के खौफ में कोरोना माता मंदिर का निर्माण करते हुए एक मूर्ति स्थापित कर दी. जब यह मामला पुलिस के संज्ञान में आया तो प्रशासन ने मंदिर को नष्ट करके वहां से हटा दिया है.

गौरतलब है कि प्रतापगढ़ के सांगीपुर थाना अंतर्गत जूही शुक्लपुर में कोरोना को हराने के लिए ग्रामीणों ने गांव में कोरोना माता मंदिर बना दिया था. इस मंदिर में कोरोना माता की मास्क लगाए हुए मूर्ति स्थापित की गई थी. अंधविश्वास का आलम ये है कि सैकड़ों ग्रामीणों पूरे विधि-विधान से कोरोना माता की पूजा-अर्चना कर रहे थे. ग्रामीणों का दावा था कि ऐसा करने से उनके गांव में कोरोना संक्रमण नहीं फैलेगा.

हालांकि इस संबंध में दूसरी बात भी सामने आ रही है, जिसमें एसओ का कहना है कि तीन भाइयों का आपसी बंटवारा नहीं हुआ था, जिसके चलते एक भाई ने निर्माण के लिए कोरोना माता का मंदिर बनाया और यहीं घर बनाना चाह रहा था. जब दूसरे भाई को यह बात पता चली, तो उसने यह मंदिर तोड़ दिया. हालांकि पुलिस अपने ऊपर लगे मंदिर तोड़ने के आरोप को नकार रही है.

कोरोना से तीन मौतों के बाद स्थापित की मूर्ति

दरअसल, इस गांव में कोरोना महामारी से तीन लोगों की मौत हुई तो गांव वाले बहुत डर गए. इसके बाद गांव के लोकेश श्रीवास्तव ने पहल की और ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर 7 जून को कोरोना माता की मूर्ति स्थापित कराई. विशेष ऑर्डर पर तैयार कराई गई कोरोना माता की मूर्ति को गांव में नीम के पेड़ के पास स्थापित करके इसे कोरोना माता मंदिर का नाम दिया गया. जूही शुक्लपुर के ग्रामीणों का मानना है कि पूर्वजों ने चेचक को माता शीतला का स्वरूप माना था और कोरोना भी देवी माता का ही रूप हैं.

पढ़ें- जानिए कहां है कोरोना माता का मंदिर, पूजा के लिए उमड़ रही भीड़

ग्रामीणों का अपना ही तर्क

ग्रामीणों का कहना है कि कई लोग इसको अंधविश्वास मान रहे हैं, लेकिन मास्क लगाए और हाथ धोते हुए कोरोना माता की प्रतिमा लोगों को मास्क लगाने और हाथ धोने के लिए जागरुक करती है, जो एक अच्छी पहल है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.