नई दिल्ली : कोरोना महामारी की दूसरी लहर काफी घातक साबित हो रही है. इस वजह से मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा दबाव हॉस्पिटल्स स्टाफ और सफाईकर्मियों पर पड़ता है. वहीं, मिजोरम से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो काफी चौंकाने वाला है. बता दें, अपने पद और गरिमा को न देखते हुए राज्य के एक मंत्री ने अस्पताल में सफाई की. झाडू लगाते हुए मंत्री की एक तस्वीर ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
मिजोरम भारत का शायद एकमात्र ऐसा राज्य है जहां राजमार्ग के किनारे दुकानें तो हैं, लेकिन उसमें दुकानदार नहीं रहते. इन दुकानों में एख डिब्बा रखा रहता है, जिसमें खरीदारी करने के बाद पैसा रखा जाता है. जहां तक नागरिक भावना और जिम्मेदारी का सवाल है, मिजोरम के लोग बहुत जागरुक हैं.
वहीं, यहां के एक मंत्री ने एक असामान्य उदाहरण पेश किया है. शनिवार को मिजोरम के बिजली विभाग मंत्री आर लालजिरलियाना को अस्पताल के फर्श पर झाड़ू और पोछा लगाते देखा गया. दरअसल लालजिरलियाना कोरोना संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं. जहां मौका मिलते ही उन्होंने अस्पताल में खुद झाड़ू और पोछा लगाया. जानकारी के अनुसार वो घर पर भी साफ-सफाई जैसे कामों में परिवार की मदद करते हैं. जानकारी के मुताबिक उनकी पत्नी और बेटा भी कोरोना पॉजिटिव है. इनका इलाज राजधानी आइजोल से लगभग 14 किलोमीटर दूर फाल्कन में जोरम मेडिकल कॉलेज (जेडएमसी) में चल रहा है.
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मिजोरम विश्वविद्यालय के पचचुंगा कॉलेज में पढ़ाने वाले प्रोफेसर एलएच चुआनवमा ने ईटीवी भारत को बताया कि शुक्रवार को मंत्री ने जेडएमसी के कमरे की फर्श को साफ किया क्योंकि सफाईकर्मी नहीं आया था. शनिवार को फिर से उन्होंने सफाई की. उनका मानना है कि अस्पताल में सफाई सभी की जिम्मेदारी है. चुआनवमा ने कहा कि मंत्री लालजिरलियाना बहुत विनम्र व्यक्ति हैं. डिनर पार्टी होने पर वह अक्सर दूसरों को खाना परोसते हैं. अस्पताल में भी वह साथी मरीजों को घर का बना खाना परोसते हैं.
उन्होंने कहा कि मंत्री लालज़िरलियाना को लोग काफी पसंद करते हैं. यह कोई अपवाद नहीं है. बता दें, मिजोरम के लोग हर सार्वजनिक छुट्टी पर अपने आसपास के क्षेत्रों में सफाई करते हैं. कोई भी व्यक्ति जो सफाई करने में योगदान नहीं दे पाता, वह कुछ सामुदायिक निधि कोष में जमा करता है.