लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के भैसा कुंड और गुलाला घाट की हालत लगातार भयावह होती जा रही है. राजधानी में नगर निगम और जिला प्रशासन भले ही बड़ी संख्या में प्लेटफार्म बनाए जाने की बात कर रहा है, लेकिन यहां लोगों को चिता जलाने की जगह नहीं मिल रही है. गुरुवार को जब शव के अंतिम संस्कार के लिए घाट पहुंचे एक परिवार को जगह नहीं मिली, तो उसने घाट पर लगे लोगों के बैठने लिए बने टीन शेड के नीचे ही चिता जला दी. जिससे चिता के साथ पूरा टीन शेड भी जलकर खाक हो गया.
लखनऊ में कोरोना का तांडव
राजधानी लखनऊ में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण हालात लगातार भयावह होते जा रहे हैं. नगर निगम और जिला प्रशासन के तमाम दावों से उलट राजधानी लखनऊ में जमीनी हकीकत काफी जुदा है. श्मशान घाटों पर लोगों को चिता जलाने के लिए लकड़ियां नहीं मिल पा रहीं और घाटों पर परिजनों का अंतिम संस्कार कराने आने वाले व्यक्तियों को घंटों इंतजार करना पड़ा रहा है.
बड़ा हादसा होने से बचा
घाट पर जब परिजनों को अंतिम संस्कार करने के लिए जगह ही नहीं मिली तो उन्होंने परिजन का अंतिम संस्कार चबूतरे पर ही कर दिया. यह चबूतरा लोगों के बैठने के लिए बनाया था. चबूतरे में छाया के लिए टीन शेड लगाया था, अंतिम संस्कार के दौरान आग की लपटें तेज होने से पूरा शेड जल गया.
इसे भी पढ़ें: यूपी : जलती चिताओं का वीडियो वायरल, अब श्मशान को छिपाने की कोशिश
देर रात तक घाटों पर पहुंचे 108 शव
लखनऊ के नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने देर रात लखनऊ के भैसा कुंड व गुलाला घाट पर 108 शव पहुंचने की पुष्टि की थी. नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि 67 शवों का अंतिम संस्कार भैसा कुंड पर किया जा रहा है, जबकि 41 शवों का अंतिम संस्कार गुलाला घाट पर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि घाटों पर लकड़ियों का प्रबंध कर दिया गया है.