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गाजियाबाद में गरीबों को पैसे का लालच देकर कराते थे धर्म परिवर्तन, विदेशी फंडिंग के मिले सबूत

गाजियाबाद के मोदीनगर में पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का मामला सामने आया है. आरोपी एक ट्रस्ट के जरिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराता था. यह खुलासा गाजियाबाद पुलिस ने किया है.

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Published : Jul 26, 2023, 5:27 PM IST

Updated : Jul 26, 2023, 5:33 PM IST

गाजियाबाद पुलिस ने किया खुलासा.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में एक बार फिर धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया है. मोदीनगर के रहने वाले आशीष ने 23 जुलाई को अपने पड़ोसी रोहित के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी. उसने बताया कि रोहित के घर में कुछ लोग इकट्ठा है, जो धर्मांतरण कराने की प्रक्रिया कर रहे हैं. पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर 24 जुलाई को उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म समपरिवर्तन अधिनियम के तहत थाना मोदीनगर में मुकदमा दर्ज किया था.

विदेश से मिलता है फंड: पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि रोहित के घर पर हापुड़ से महेंद्र नाम का व्यक्ति आया था. उसके साथ कई लोग थे, जो रोहित के घर पर मौजूद लोगों को दूसरे धर्म के बारे में जानकारी दे रहे थे. साथ ही धर्मांतरण का प्रयास कर रहे थे. पुलिस को महेंद्र के कई खातों के बारे में भी जानकारी मिली है, जिनमें भारत के विभिन्न राज्यों समेत विदेश से भी फंड भेजे गए हैं. जांच में सामने आया है कि महेंद्र के खातों में हर महीने पचास हजार से एक लाख जमा कराए जाते थे. फिलहाल पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिर महेंद्र के खाते में जो फंड जमा कराए जा रहे थे उनका सोर्स क्या है.

टारगेट पर थे डेढ़ सौ लोग: मिली जानकारी के मुताबिक, महेंद्र के खाते में जब पैसे जमा हो जाया करते थे तो वह उन पैसों को निकालकर लोगों में बांटता था. इसमें उसकी पत्नी भी शामिल थी. पति-पत्नी ने मिलकर एक ट्रस्ट बनाया था. फिलहाल पुलिस को महेंद्र के खाते से तकरीबन 15 से 20 लोगों को पैसे ट्रांसफर करने के सबूत मिले हैं. हापुड़ के आसपास के क्षेत्र के तकरीबन डेढ़ सौ लोग दोनों के संपर्क में थे. धर्मांतरण कराने के लिए लोगों को आर्थिक प्रलोभन भी दिया जाता था.

इसे भी पढ़ें: गाजियाबाद: नाम बदलकर फेसबुक पर की दोस्ती, फिर धर्म परिवर्तन का बनाया दबाव, FIR

पैसों का लालच देकर करते थे धर्म परिवर्तन: पुलिस जांच में सामने आया है कि महेंद्र और उसकी पत्नी ऐसे तमाम लोगों को टारगेट करते थे, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. फिर उन लोगों को पैसे का लालच दिया जाता था. अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को पति पत्नियों द्वारा जाल में फंसाकर धर्मांतरण कराया जाता था, क्योंकि आर्थिक वर्ग को प्रलोभन देना उनके लिए बेहद आसान होता था. हालांकि, अभी महिंद्र और उसकी पत्नी औपचारिक तौर से ईसाई नहीं है, लेकिन दोनों पति-पत्नी तकरीबन 20 साल से ईसाई धर्म को फॉलो कर रहे.

पूछताछ के दौरान आरोपी महेन्द्र ने पुलिस को बताया है वो और उसकी पत्नी जनपद हापुड़ में हलम गोस्पल नाम की एक ट्रस्ट को चलाते है और विदेशों और अन्य व्यक्तियों से पैसा एकत्र कर जनपद हापुड़ व उसके आसपास के क्षेत्रों में निवास करने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने का कार्य करते हैं.

इसे भी पढ़ें: गाजियाबाद: युवती को प्रेमजाल में फंसाकर किया रेप, वीडियो बनाकर बनाने लगा धर्म परिवर्तन का दबाव, आरोपी गिरफ्तार

गाजियाबाद पुलिस ने किया खुलासा.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में एक बार फिर धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया है. मोदीनगर के रहने वाले आशीष ने 23 जुलाई को अपने पड़ोसी रोहित के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी. उसने बताया कि रोहित के घर में कुछ लोग इकट्ठा है, जो धर्मांतरण कराने की प्रक्रिया कर रहे हैं. पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर 24 जुलाई को उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म समपरिवर्तन अधिनियम के तहत थाना मोदीनगर में मुकदमा दर्ज किया था.

विदेश से मिलता है फंड: पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि रोहित के घर पर हापुड़ से महेंद्र नाम का व्यक्ति आया था. उसके साथ कई लोग थे, जो रोहित के घर पर मौजूद लोगों को दूसरे धर्म के बारे में जानकारी दे रहे थे. साथ ही धर्मांतरण का प्रयास कर रहे थे. पुलिस को महेंद्र के कई खातों के बारे में भी जानकारी मिली है, जिनमें भारत के विभिन्न राज्यों समेत विदेश से भी फंड भेजे गए हैं. जांच में सामने आया है कि महेंद्र के खातों में हर महीने पचास हजार से एक लाख जमा कराए जाते थे. फिलहाल पुलिस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिर महेंद्र के खाते में जो फंड जमा कराए जा रहे थे उनका सोर्स क्या है.

टारगेट पर थे डेढ़ सौ लोग: मिली जानकारी के मुताबिक, महेंद्र के खाते में जब पैसे जमा हो जाया करते थे तो वह उन पैसों को निकालकर लोगों में बांटता था. इसमें उसकी पत्नी भी शामिल थी. पति-पत्नी ने मिलकर एक ट्रस्ट बनाया था. फिलहाल पुलिस को महेंद्र के खाते से तकरीबन 15 से 20 लोगों को पैसे ट्रांसफर करने के सबूत मिले हैं. हापुड़ के आसपास के क्षेत्र के तकरीबन डेढ़ सौ लोग दोनों के संपर्क में थे. धर्मांतरण कराने के लिए लोगों को आर्थिक प्रलोभन भी दिया जाता था.

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पैसों का लालच देकर करते थे धर्म परिवर्तन: पुलिस जांच में सामने आया है कि महेंद्र और उसकी पत्नी ऐसे तमाम लोगों को टारगेट करते थे, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. फिर उन लोगों को पैसे का लालच दिया जाता था. अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को पति पत्नियों द्वारा जाल में फंसाकर धर्मांतरण कराया जाता था, क्योंकि आर्थिक वर्ग को प्रलोभन देना उनके लिए बेहद आसान होता था. हालांकि, अभी महिंद्र और उसकी पत्नी औपचारिक तौर से ईसाई नहीं है, लेकिन दोनों पति-पत्नी तकरीबन 20 साल से ईसाई धर्म को फॉलो कर रहे.

पूछताछ के दौरान आरोपी महेन्द्र ने पुलिस को बताया है वो और उसकी पत्नी जनपद हापुड़ में हलम गोस्पल नाम की एक ट्रस्ट को चलाते है और विदेशों और अन्य व्यक्तियों से पैसा एकत्र कर जनपद हापुड़ व उसके आसपास के क्षेत्रों में निवास करने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने का कार्य करते हैं.

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Last Updated : Jul 26, 2023, 5:33 PM IST
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